अंग्रेजी देवी के मंदिर पर प्रशासन ने रोक लगाई
३१ अक्टूबर २०१०जिलाधिकारी समीर वर्मा ने मंदिर पर रोक का आदेश दिया. उनका तर्क है कि सार्वजनिक स्थान पर मंदिर बनाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति के धार्मिक स्थल के निर्माण पर रोक लगा रखी है.
पूरे देश में अपनी तरह के इस नायाब मंदिर में गांव के लोगों ने द स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की तरह अंग्रेजी देवी की तीन फुट की प्रतिमा लगाई थी. इसके के एक हाथ में कंप्यूटर और दूसरे हाथ में कलम है. मंदिर निर्माण का प्रबंधन देख रहे अमर चन्द्र जौहर का कहना है, "इससे से न तो किसी की धार्मिक भावना आहत हो रही है और न ही तनाव फैल रहा है. यह मंदिर किसी राजनीतिक फायदे के लिए भी नहीं बनाया जा रहा है. यह तो अंग्रेजी भाषा के प्रसार के लिए बनाया जा रहा है. इस पर प्रतिबन्ध का औचित्य ही नहीं है."
जौहर पास के ही शाहजहांपुर जिले के रहने वाले हैं. बनका गांव की आबादी 4000 है और ज्यादातर लोग मुसलमान हैं. जिला प्रशासन ने हालांकि इसे मंदिर होने के कारण ही रोका है. लेकिन उसका यह भी कहना है कि जौहर कि पत्नी निशा जौहर इस क्षेत्र में अकारण समस्या खड़ी कर रही हैं. मंदिर निर्माण में निशा ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. बीते 25 अक्तूबर को इस मंदिर का उद्घाटन होना था. यह दिन इंग्लैंड में उच्च शिक्षा के जनक लॉर्ड मैकाले का जन्म दिन था. लेकिन उस दिन बेमौसम इतनी बारिश हुई कि इसका उद्घाटन नहीं हो सका. मंदिर का निर्माण कंप्यूटर के आकार में किया गया है. मंदिर कि सीढ़ियां कंप्यूटर के की-बोर्ड की तरह बनाई गई हैं. मंदिर कि प्रतिमा दिल्ली से मंगाई गई है.
रिपोर्टः लखनऊ से सुहेल वहीद
संपादनः वी कुमार