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अंडमान और जापान में भारी भूकंप

११ अगस्त २००९

7.6 की तीव्रता के भूकंप के बाद अंडमान के लोगों ने अपनी रात मैदानों में गुज़ारी. शुरुआती तौर पर जारी सुनामी की चेतावनी वापस ली गई. उधर जापान के मध्य में 6.4 तीव्रता का भूंकप. सौ के क़रीब लोग घायल हुए.

तस्वीर: picture-alliance / dpa

अंडमान में ज़ोरदार भूंकप से कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन घरों में दरारें ज़रूर पड़ीं हैं. यह भूंकप स्थानीय समय के अनुसार मंगलवार सुबह डेढ़ बजे के आस पास आया और इसके झटके उड़ीसा, आध्रंप्रदेश और तमिलनाडु में भी महसूस किए गए. लोगों में इस भूकंप के कारण घबराहट फैल गई. अंडमान के अधिकारियों ने बताया कि वे सभी द्वीपों से जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों में किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है.

इस भूंकप का केंद्र पोर्ट ब्लेयर से 256 किलोमीटर उत्तर में हिंद महासागर में 30 किलोमीटर गहराई में था. अंडमान में भूंकप के केंद्र के पास वाले द्वीप दिगलीपुर में रहने वाले मृणाल शंकर ने बताया कि यह बहुत ही घबरा देने वाला अनुभव था. सब कुछ हिलने लगा था और लोग घर छोड़ कर भाग रहे थे. लोग अब भी अंदर जाने में डर रहे हैं.

बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार, थाइलैंड के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी लेकिन कुछ ही देर बाद इसे वापस ले लिया गया. भारत के सुनामी चेतावनी केंद्र के रविचंद्र वेदुला ने बताया कि उन्हें भूंकप के बारे में जानकारी दी गई है और स्थिति और आंकड़ों का आकलन हो रहा है.

हैदराबाद में 2004 के बाद सुनामी वॉर्निंग सेंटर बनाया गया था जहां भूंकप के बाद समुद्र की हलचल के आंकड़ें इकट्ठा किए जाते हैं और सुनामी की कोई आशंका होने पर चेतावनी जारी की जाती है. भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड और बांग्लादेश में दिसंबर 2004 में आई सुनामी के कारण लगभग दो लाख 30 हज़ार लोग मारे गए थे.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 572 द्वीपों में साढ़े तीन लाख लोग रहते हैं. इस इलाके में अक्सर भूकंप आते हैं. ये द्वीप समूह इंडियन प्लेट और बर्मीज़ माइक्रोप्लेट पर बसे हैं और जब भी भूपर्पटी की ये प्लेटें महासागरों के नीचें मिलती हैं तो ऊपर के द्वीपों को हिला कर रख देती हैं.

उधर जापान भी मंगलवार को भारी भूंकप से हिल गया. जापान के सबसे घनी आबादी वाले टोकियो और आस पास के शहरों में स्थानीय समय के हिसाब से सुबह पांच बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र टोकियो से 170 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में प्रशांत महासागर में 27 किलोमीटर नीचे था. इस भूंकप के कारण साढ़े नौ हज़ार घरों में बिजली चली गई जबकि हमाओका परमाणु संयंत्र के दो प्लांट भूंकप के कारण अपने आप बंद हो गए. यह जानकारी चुबु के बिजली को-ऑपरेटिव ने दी.

परमाणु संयंत्र के अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस परमाणु संयंत्र से किसी तरह के रेडियोधर्मी पदार्थ का रिसाव नहीं हुआ है. भूंकप के कारण जापान की तेज़ गति वाली बुलेट ट्रेन सेवाएं रोक दी गई थीं जो कुछ घंटों के बाद फिर से शुरु कर दी गई हैं. जापान के शिज़ुओका में भूंकप से सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ. घरों में चीजें गिरने के कारण 101 लोग घायल हुए हैं जिनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है.

1923 में जापान की राजधानी टोकियो में 8.3 की तीव्रता वाला भूंकप आया था जिसमें डेढ़ लाख के आस पास लोग मारे गए थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां आभा मोंढे

संपादन: ए कुमार

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