अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदला जर्मनी
२३ मई २००९
यूरोप के ज़्यादातर देशों के मुकाबले जर्मनी एक नया राष्ट्र है. 1870 के दशक में जर्मनी अलग अलग राजाओं और राजकुमारों की जागीर में बंटा हुआ था. प्रशिया के चांसलर ओटो फ़ॉन बिस्मार्क ने इन सारे राज्यों को एक साथ कर जर्मन साम्राज्य का गठन किया था. दूसरे विश्व युद्ध में हिटलर को पूरी तरह मिटा देने के बाद जर्मनी को चार क्षेत्रों में विभाजित कर दिया गया. विजयी सत्ता फ्रांस ब्रिटेन, अमेरिका, रूस, और साथ ही, यूरोप के अन्य देश भी चाहते थे कि जर्मनी में पहले की तरह कोई ऐसा शासन न आए जो दुनिया में शांति और सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगाए. इस सिलसिले में यूरोपीय देशों ने जर्मनी को यूरोपीय संघ के ज़रिए दुश्मन से सहयोगी बनाने की केशिश की.
इस बीच जर्मनी फ्रांस और ब्रिटेन के भी बहुत करीब आ गया है. 1962 में फ्रांस के राष्ट्रपति चार्ल दे गॉल ने पश्चिम जर्मनी एफआरजी की राजधानी बॉन में जर्मन-फ्रेंच दोस्ती को सराहते हुए कहा, " बॉन ज़िंदाबाद, जर्मनी ज़िंदाबाद, जर्मन-फ्रेंच दोस्ती ज़िंदाबाद". दे गॉल के भाषण का बॉन की जनता ने तालियों से स्वागत किया. दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार फ्रांस और जर्मनी में सहयोग और दोस्ती की बात सामने आई. इस अवसर पर दे गॉल ने कहा कि अगर अतीत में जर्मनी और फ्रांस दुश्मन थे, तो अब फर्ज़ बनता है कि यह दुश्मनी भाइचारे में बदल जाए. दे गॉल और उस समय के चांसलर कोनराड आडेनाउअर के बीच एक गहरी दोस्ती बनी और तय किया गया कि यह दोनों 'भाई' यूरोप में द्वितीय युद्ध के बाद की राजनीति का मार्गदर्शन करेंगे. इस सिलसिले में यह भी सोचा गया कि यूरोपीय वित्तीय संघ को राजनीतिक संघ में बदलना चाहिए. पश्चिम जर्मनी और फ्रांस ने 1963 को पैरिस के एलीसे महल में एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया. दोनों देशों के नेताओं का मानना था कि इसके बग़ैर यूरोप को एक करना मुश्किल होगा.
यूरोपीय संघ के लिए रास्ता साफ तो हो रहा था लेकिन ब्रिटेन और फ्रांस के संबंध दे गॉल के रहने तक सुधर नहीं पाए. 1983 में चांसलर हेल्मुट कोल ने उस समय के फ्रेंच राष्ट्रपति फ्रांसोआ मितेरॉं से कहा कि यूरोपीय संघ को वित्तीय फायदे से ज़्य़ादा राजनीतिक एकता के लिए काम करना होगा. 1989 में जर्मन एकीकरण के बाद यूरोप में एक बार फिर जर्मनी के लेकर शंका हुई. एकीकरण अपने आप में अच्छी बात थी लेकिन जर्मनी यूरोप के बड़े देशों मे से एक हो गया और लोगों को डर था कि जर्मनी इस बात का फायदा उठाएगा. लेकिन चांसलर कोल और अन्य यूरोपीय देशों के सहयोग से 1992 में मास्ट्रिख्ट समझौते पर हस्ताक्षर हुए और यूरोपीय संघ को एक राजनैतिक रूप मिला. यूरोपीय संघ की शुरुआत में 15 देश थे. अब 28 देश यूरोपीय संघ के सदस्य हैं.
रिपोर्ट- टीना गेरहोएसे/मानसी गोपालकृष्णन
संपादन- उज्ज्वल भट्टाचार्य