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अंतरिक्ष की सफाई करेगा वैक्यूम क्लीनर

१७ फ़रवरी २०१२

दुनिया भर से अंतरिक्ष में भेजे जा रहे उपग्रहों और रॉकेटों ने नई समस्या खड़ी कर दी है. अंतरिक्ष में खराब या नष्ट हो चुके उपग्रहों के मलबे जमा हो गए हैं और अब इनकी सफाई का बीड़ा उठाया गया है.

तस्वीर: Fotolia/Noel Powell

स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष के कचरे और मलबों को साफ करने के लिए अत्याधुनिक मशीन बनाने की घोषणा की है. यह मशीन वैक्यूम क्लीनर की तरह होगी और अंतरिक्ष में फैले रॉकेटों और उपग्रहों के टुकडों जैसी चीजों को साफ करेगी. अंतरिक्ष विज्ञान के प्रमुख विश्वविद्यालय इकोल पॉलिटेक्निक फेडरल डी लुजाने (ईपीएफएल) ने अंतरिक्ष के मलबे को साफ करने के लिए उपग्रह कार्यक्रम के पहले चरण की घोषणा कर दी है. इसे क्लीन स्पेस नाम दिया गया है.

ईपीएफएल के अनुसार 10 सेंटीमीटर से बड़े आकार के 16 हजार और इससे छोटे लाखों अवशेष धरती के आस पास चक्कर लगा रहे हैं. इनकी गति भी कई सौ किलोमीटर प्रति सेकंड है. प्रोफेसर और अंतरिक्ष यात्री क्लाउड निकोलियर के अनुसार, "अब यह जरूरी हो गया है कि अंतरिक्ष में फैले इस मलबे से होने वाले खतरों के बारे में सतर्क हो जाया जाए."

तस्वीर: AP

अंतरिक्ष केंद्र के अनुसार कक्षा के बाहर मिलने वाले इन कणों के बाद यह जरूरी हो गया था कि इसे बातचीत के स्तार से ऊपर ले जाया जाए. केंद्र के प्रवक्ता जेरोम ग्रोसे ने बताया कि मलबा साफ करने के लिए दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. एक तो यह कि ऐसी मशीन बनाई जाए जो मलबे को जमा करे और फिर उसे पृथ्वी के वातावरण से दूर जला दे. दूसरे विकल्प में ऐसी मशीन का प्रस्ताव है जो मलबे को साफ करने के बाद अंतरिक्ष में ही रख ले ताकि उसे फिर से इस्तेमाल किया जा सके.

अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक वोल्कर गास के अनुसार "हमने इन वैक्यूम क्लीनर उपग्रहों की पूरी प्रणाली तैयार कर उसे बिक्री के लिए रखने की योजना तैयार की है. इन्हें इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि ये अलग अलग प्रकार के उपग्रहों की कक्षाओं के बाहर काम करने में उपयोगी हों." उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसियों को ध्यान देना चाहिए कि वे जो भी अंतरिक्ष में भेज रहे हैं उसे वापस लाने या नष्ट करने का क्या इंतजाम है.

स्विस एजेंसी इस काम में सबसे आगे रहना चाहती है. इसने स्विस रे बीमा कंपनी से 2011 में की गई रिसर्च को सामने रखते हुए कहा कि हर वर्ष 10 हजार में से एक घटना इस तरह की हो सकती है, जब कक्षा में चक्कर लगा रहे सैटेलाइट 10 वर्ग मीटर की दूरी मापने के दौरान 1 सेंटीमीटर से बड़े मलबे के टुकड़े से टकरा जाए.

रिपोर्टः एएफपी/जितेन्द्र व्यास

संपादनः ए जमाल

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