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अंतरिक्ष जाएंगी तंत्रिका कोशिकाएं

९ दिसम्बर २०१७

जहां गुरुत्व बल नहीं होगा, क्या वहां इंसान पैदा होगा और विकास कर सकेगा? इसी सवाल का जबाव तलाशने के लिए वैज्ञानिक तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं को अंतरिक्ष में भेज रहे हैं.

15 Jahre Internationale Raumstation ISS
तस्वीर: Reuters/NASA

जर्मनी की होहेनहाइम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं का एक नमूना अच्छे से पैक कर चुके हैं. 17 दिसंबर को इन कोशिकाओं को एक रॉकेट में चढ़ाया जाएगा. रॉकेट पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर अंतरिक्ष में घूम रहे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक जाएगा.

यूनिवर्सिटी ने इस प्रयोग की जानकारी देते हुए चीफ रिसर्चर फ्लोरियान कॉन ने कहा, "हम यह देखना चाहते हैं क्या गुरुत्व बल के अभाव में भी कोशिकाओं का विकास वैसे ही होता है, जैसे वह पृथ्वी पर होता है. अगर भविष्य में कभी अंतरिक्ष में इंसान पैदा हुआ तो हम जान पाएंगे कि क्या वहां तंत्रिका तंत्र कैसे विकास करता है."

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशनतस्वीर: NASA

दो हफ्ते बाद कोशिआओं को वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा और उनका अध्ययन किया जाएगा. इस दौरान पता चलेगा कि कोशिशकाओं के भीतर मौजूद जीनोम, डीएनए और आरएनए पर क्या असर पड़ा.

प्रयोग को जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्रालय से पांच लाख यूरो की वित्तीय मदद मिली है. इस प्रयोग के जरिये अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत बेहतर करने में भी मदद मिलेगी. हो सकता है कि देर सबेर इंसानी शरीर की किसी बीमारी को खत्म करने का रास्ता अंतरिक्ष में हुई रिसर्च से मिल जाए. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में ऐसे कई प्रयोग होते हैं, जो धरती पर नहीं किये जा सकते. गुरुत्व बल के अभाव में वहां कई धातुएं बिल्कुल अलग व्यवहार करने लगती हैं. आग भी अंतरिक्ष स्टेशन में बिल्कुल अलग ढंग से व्यवहार करती है.

(इन जीवों से सीखकर अंतरिक्ष तक पहुंचा इंसान)

ओएसजे/एनआर (डीपीए)

 

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