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रोशनी के हस्ताक्षर

२६ दिसम्बर २०१३

कोई किताब पर ऑटोग्राफ देता है, कोई तस्वीर पर, तो कोई सीडी पर. लेकिन फ्रैंकफर्ट के कलाकार लुसियुस सीयरमन दुनिया भर में जमीन पर ऑटोग्राफ देते हैं, वो भी कार के साइड व्यू मिरर से और इन्हें अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है.

Schwarzwald Spiegelinstallation
तस्वीर: picture-alliance/dpa

पहली बार उन्होंने दुनिया भर में मशहूर यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक धरोहर एरीना डे वेरोना एम्फीथिएटर में अपना झंडा गाड़ा. अपनी पहचान दिखाने के लिए उन्हें चाहिए कार का साइड व्यू मिरर और सूरज की रोशनी. तब ही उनकी पहचान चमकती है. बड़े मैदानों, रेगिस्तानों, स्टेडियम में वह लाइट इंस्टॉलेशन करते हैं. उनकी इस इंस्टॉलेशन का नाम है "सिगनाटुर डेस लिष्टेस" यानी रोशनी के हस्ताक्षर.

कैसे तैयार हुआ

2011 में लुसियुस सीयरमन वेरोना के 2000 साल पुराने एम्फीथिएटर में ओपरा देखने आए थे. तब से यहां आइने लगाने का विचार उनके दिमाग में घूम रहा था. वह इस ऐतिहासिक इमारत पर अपनी छाप छोड़ना चाहते थे. यहां तक पहुंचने के लिए लुसियुस का रास्ता लंबा, लालफीताशाही से भरा और पथरीला था. प्रोजेक्ट पास होने में डेढ़ साल का समय लगा. प्रोजेक्ट पास हो गया है, ये महसूस करने में भी उन्हें वक्त लगा. लुसियुस कहते हैं, "मुझे तो अब एरीना की चाभी ही दे दी गई है, यानि पांच दिन तक मैं इसमें रह सकता हूं."

एक एक साइड व्यू, रियर व्यू मिरर हवा से हिल सकने वाले स्टैंड पर लगाए गए. कुल 2,500 आइनों को लगाया गया. इन आइनों को खरीदा नहीं गया, बल्कि इनहें कचरे से इकट्ठा किया गया. एरीना डे वेरोना में इन्हें लगाने के लिए उनके 30 दोस्तों ने हाथ बंटाया. कुल आठ घंटे की मेहनत के बाद पूरा इंस्टॉलेशन तैयार हुआ.

यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक धरोहर एरीना डे वेरोना एम्फीथिएटरतस्वीर: AP

कहां कहां इंस्टॉलेशन

जर्मनी और नामीबिया से उन्होंने इस्तेमाल किए हुए कार के साइड व्यू मिरर इकट्ठा किए. रोशनी के इस प्रतीक का आकार 40 मीटर x 45 मीटर का है. चाहे फूलों की वादी हो, बर्फ का मैदान हो, हरा भरा घास का मैदान या फिर ऐतिहासिक इमारत, दुनिया के हर महाद्वीप में उन्होंने यह प्रतीक बनाया है.

रोशनी का यह प्रतीक धरती के सृजन को समर्पित है. आईने से परावर्तित होने वाली रोशनी इस सृजन को दिखाती है. रोशनी जो सृजन का हिस्सा है और उसका कारण भी. जर्मन पत्रिका डेअ श्पीगल के मुताबिक, यह सिग्नेचर इकलौती ऐसी कलाकृति है, जो अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है.

रेगिस्तान और खुले मैदान लुसियुस के कैनवस का काम करते हैं. रोशनी वाला पहला इंस्टॉलेशन उन्होंने 2009 में नामीबिया के रेगिस्तान में बनाया था. फिर 2011 में कनेरियाई द्वीप पर और आयरलैंड में भी. जो डिजाइन वह बनाते हैं, वे खास है, "आड़ी लाइन का मतलब अक्षांश और खड़ी लाइन का मतलब देशांश. फिर धरती का चक्कर और दो सबसे चमकीले बिंदू जो हमें धरती से बाहर से भी दिखाई दें."

और ऐसा ही हो भी रहा भी है. या तो आसमान से या फिर अंतरिक्ष से भी ये चमकते हुए निशान दिखाई देते हैं. लुसियुस सीयरमन का सपना है कि वह धरती पर बहुत सारी जगह ये सिग्नेचर कर सकें.

रिपोर्टः यू डोएर/आभा मोंढे

संपादनः ईशा भाटिया

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