कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए रेल लाइन बिछाना और सड़कें जरूरी हैं लेकिन इससे कहीं ज्यादा जरूरी सभी लोगों को समान अधिकार देना है.
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राहुल गांधी ने इंदौर के पास भीमराव अंबेडकर के जन्मस्थान मऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही. कांग्रेस उपाध्यक्ष संविधान निर्माता अंबेडकर के 125 वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरूआत करने आए थे. इसके लिए कांग्रेस ने काफी तैयारियां कीं. निर्धारित समय से लगभग दो घंटे विलंब से शुरू हुए कार्यक्रम में राहुल गांधी ने किसी का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि मौजूदा दौर में जातिवाद हावी है. उन्होंने कहा कि सभी को बगैर किसी भेदभाव के उसके सभी अधिकार मिलने चाहिए. अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि सभी वर्गों के लोगों को रोजगार मिलना चाहिए, “ऊंचे पदों पर भी दलित वर्ग के लोगों को जाने का अधिकार मिलना चाहिए. सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों में भी इस वर्ग के लोगों को रोजगार मिलना चाहिए. इसके अलावा लोगों को चाहिए कि वे इंसानों के बीच किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करें.“
याद आए अंबेडकर
जय भीम के नारे के साथ अपने भाषण की शुरूआत और समापन करने वाले राहुल गांधी ने अंबेडकर के कार्यों और उनके संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि इससे यह भी साबित होता है कि बदलाव लाना इतना आसान नहीं है. उन्होंने कहा, “हम अंबेडकर के मिशन को पूरा करने का संकल्प लेते हैं और इस काम में आप सब से मदद का आह्वान करते हैं.“
हवा में मोदी, कब कब कहां कहां गए
प्रधानमंत्री पद संभालने के पहले साल में नरेंद्र मोदी ने 365 में से 55 दिन विदेश में बिताए. साल भर में उन्होंने कुल 18 देशों का दौरा किया. यह संख्या अब 28 हो चुकी है. गिनती जारी है..
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भूटान
जून 2014 में बतौर प्रधानमंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए मोदी ने भूटान को चुना. पड़ोसी देश भूटान के साथ भारत के दशकों से अच्छे संबंध रहे हैं.
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ब्राजील
इसके बाद जुलाई में मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मलेन के लिए ब्राजील पहुंचे. यहां चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्षों से उनकी मुलाकात हुई.
तस्वीर: Reuters
नेपाल
अगस्त 2014 में मोदी नेपाल पहुंचे. संसद में भाषण देने के बाद वे पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने पहुंचे. नवंबर में वे सार्क शिखर सम्मलेन के लिए एक बार फिर नेपाल आए. नेपाल एकमात्र ऐसा देश है जहां प्रधानमंत्री मोदी दो बार जा चुके हैं.
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जापान
अगस्त के अंत ने मोदी ने जापान का दौरा किया. राजधानी टोक्यो के अलावा वे क्योटो भी गए और दो बुद्ध मंदिरों के दर्शन करने भी पहुंचे.
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अमेरिका
सितंबर में मोदी ने अमेरिका का रुख किया, जहां ना केवल उन्होंने राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की, बल्कि संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित किया. अमेरिका में मोदी का किसी रॉकस्टार जैसा स्वागत हुआ.
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म्यांमार
अक्टूबर में मोदी भारत में ही रहे लेकिन नवंबर में उनके कई दौरे हुए. म्यांमार में वे आसियान शिखर सम्मलेन के लिए पहुंचे. यहां से वे ऑस्ट्रेलिया, फिर फिजी और उसके बाद नेपाल गए.
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ऑस्ट्रेलिया
मोदी 28 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया पहुंचने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. यहां उन्होंने जी20 शिखर सम्मलेन में शिरकत की और सिडनी क्रिकेट ग्राउंड भी गए.
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श्रीलंका
दिसंबर और जनवरी भी मोदी का समय घर पर ही बीता. मार्च 2015 में सेशेल्स और मॉरिशस होते हुए वे श्रीलंका पहुंचे. 1987 में राजीव गांधी के बाद श्रीलंका जाने वाले वे पहले प्रधानमंत्री हैं. मार्च के अंत में वे सिंगापुर भी गए.
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फ्रांस
अप्रैल में मोदी तीन देशों की यात्रा पर निकले. सबसे पहले फ्रांस में उन्होंने राफाल लड़ाकू विमानों का सौदा तय किया. फ्रेंच स्पेस एजेंसी में उन्होंने भारतीय छात्रों के साथ सेल्फी ली.
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जर्मनी
इसके बाद वे जर्मनी पहुंचे जहां उन्होंने चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ हनोवर मेले का उद्घाटन किया. राजधानी बर्लिन में उन्होंने जर्मनी में रह रहे भारतीयों को संबोधित किया. यहां से वे कनाडा गए.
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चीन
मई में मोदी ने एक और तीन देशों का दौरा किया. चीन के म्यूजियम में चश्मा लगाए पुतलों के बीच खड़े मोदी की तस्वीरों ने सबका ध्यान खींचा. मोदी ने अपना दौरा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शहर शियान से शुरू किया.
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दक्षिण कोरिया
चीन के बाद वे मंगोलिया और फिर दक्षिण कोरिया पहुंचे. दक्षिण कोरिया के साथ उन्होंने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
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बांग्लादेश
जून की शुरुआत में मोदी बांग्लादेश पहुंचे. प्रधानमंत्री शेख हसीना के अलावा वे राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से भी मिले. इस दौरान मोदी की शेख हसीना पर महिला होने "के बावजूद" सफल होने की टिप्पणी आलोचनाओं में घिरी रही.
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रूस
जुलाई में वे रूस और पांच अन्य एशियाई देशों का दौरे पर गए. इनमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. मोदी ने रूस में सातवें ब्रिक्स सम्मलेन में भाग लिया.
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यूएई
अगस्त के मध्य में प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात का दो दिवसीय दौरा किया. यात्रा के पहले दिन वे शेख जायद मस्जिद गए. यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. माना जाता है कि मोदी ने जीवन में संभवत: पहली बार किसी मस्जिद में कदम रखा.
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संयुक्त राष्ट्र
सितंबर में संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने जी-4 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. यह ब्राजील, जापान, जर्मनी का भारत का संगठन है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के दावेदार हैं.
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ब्रिटेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चिरप्रतीक्षित ब्रिटेन दौरा. इस दौरे पर प्रधानमंत्री ने महारानी एलिजाबेथ और शाही परिवार के साथ भोजन किया, प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ बातचीत की और बेंबली स्टेडियम में भारतीय मूल के हजारों लोगों को संबोधित किया.
तस्वीर: Reuters/D. Lipinski
तुर्की
तुर्की के अंताल्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन को मुख्यतः पर्यावरण सम्मेलन होना था लेकिन पेरिस पर आतंकी हमले के बाद मुख्य ध्यान आतंकवाद और आईएस से लड़ने पर रहा.
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अब आगे क्या?
अमेरिका, ब्रिटेन और तुर्की के बाद रिपोर्टों के अनुसार नवंबर में ही प्रधानमंत्री मोदी की इस्राएल, फलीस्तीन और सिंगापुर जाने की भी योजना है.
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कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी का सहयोग मिलने पर एक दिन पूरा देश अंबेडकर के मिशन को पूरा करने के लिए संकल्पित होगा. उन्होंने अंबेडकर की ओर से दलितों के उत्थान और देश के विकास के लिए किए गए कामों का जिक्र किया और कहा कि युवाओं को भी जातिवाद के खिलाफ चुप नहीं रहना चाहिए. उन्होंने जातिवाद को पूरी तरह से समाप्त करने की जरूरत बताते हुए कहा, “हम आज डॉ. साहेब की 125वीं राष्ट्रीय जयंती वर्ष समारोह शुरू करने आए हैं. उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और शिक्षित रहो, संघर्ष करो और संगठित रहो का नारा दिया था. उन्होंने ही हमें वन मैन वन वोट की बात बताकर अधिकारों के प्रति सजग किया था. अब हमें डॉ साहेब के मिशन को पूरा करना है.“
इस मौके पर पार्टी महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुमारी सेलजा, राज बब्बर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव और अन्य नेता मौजूद थे. स्थानीय मिलिट्री मैदान पर आयोजित सभा में हजारों लोग राहुल गांधी को सुनने पहुंचे. इसके पहले राहुल गांधी ने अंबेडकर स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए.