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अखाड़ेबाज सुशील ने चांदी से लिखा इतिहास

१२ अगस्त २०१२

सवा अरब जोड़ी आंखों में चमकता ओलंपिक का सुनहरा सपना आखिर में सफेद हो गया. सुशील अंतिम दांव हार गए लेकिन रजत पदक की जीत ने उन्हें ध्यानचंद और बलबीर सिंह सीनियर की कतार में ला खड़ा किया. लगातार दो ओलंपिक, लगातार दो पदक.

तस्वीर: dapd

66 किलोग्राम वर्ग के कुश्ती मुकाबले का सोना एकदम हाथों में आता दिख रहा था. भारतीय खेमा उसे चांदी में ढलता देख थोड़ा मायूस जरूर हुआ लेकिन ओलंपिक में अब तक की सबसे अच्छी कामयाबी की गर्माहट ने जल्दी ही उसे धुआं कर दिया. सुशील अपना काम कर गए. 29 साल के विनम्र अखाड़ेबाज ने खराब तबियत के बावजूद जापानी सूरमा को टक्कर दी और अपना रिकॉर्ड बेहतर किया. इससे पहले क्वार्टर फाइनल में उनकी जीत बहुत अच्छी नहीं रही थी लेकिन सेमीफाइनल में उन्होंने वापसी की और कजाकिस्तान के पहलवान को धूल चटा दिया. इस शानदार जीत ने ही भारतीय उम्मीदों को नए पंख दे दिए और ऐसा लगने लगा कि सुशील भारत के पदकों में सोने की कमी को पूरी कर देंगे.

तस्वीर: AFP/Getty Images

अंतिम मुकाबले से ठीक पहले उनके खराब पेट ने उनकी राह में दीवार बनने की कोशिश की. सुशील को मुकाबले से पहले खाया खाना रास नहीं आया और उन्होंने उल्टी भी की. सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान उनकी गर्दन में भी चोट लगी थी लेकिन उन्होंने उसकी परवाह नहीं की. उनका मुकाबिल जापानी सूरमा पूरे दमखम के साथ रिंग में उतरा. शुरुआत से ही उसने सुशील पर दबाव बना दिया और फिर भारतीय अखाड़ेबाज के लिए उबर पाना नामुमकिन होता गया. पहले दौर में शून्य एक से पिछड़ने के बाद दूसरे दौर के पहले 30 सेकेंड में ही योनेमित्सु ने मुकाबले का नतीजा तय कर दिया. उसने सुशील की रक्षा पंक्ति को भेद कर उन्हें ऊपर उठा कर पटक दिया और तीन अंकों की अजेय बढ़त हासिल कर ली.

सोने की खुशीतस्वीर: AP

इस हार ने सुशील को चांदी पर समेट दिया लेकिन भारत के हिस्से में इसे मिलाकर दो चांदी समेत कुल छह पदक हो गए. पिछली बार तीन इस बार छह अगली बार 12 और उसके अगले...2020 में 25 पदकों का आंकड़ा शायद खेल मंत्री अजय माकन ने सुशील की जीत का अंदाजा लगा कर ही सोचा होगा. क्योंकि सुबह जब उन्होंने यह उम्मीद जताई तब तक सुशील के मुकाबले का फैसला नहीं आया था.

ओलंपिक में भारत इस बार सर्वाधिक पदक जीतने में कामयाब हुआ है. प्रधानमंत्री ने सुशील और योगेश्वर दत्त समेत सभी खिलाड़ियों को उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए बधाई दी है. सुशील कुमार को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश को उन पर नाज है. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सुशील को 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है. ओलंपिक के व्यक्तिगत मुकाबलों में लगातार दो पदक जीतने वाले सुशील भारत के पहले खिलाड़ी हैं.

एनआर/एमजे (पीटीआई)

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