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कमला अगले राष्ट्रपति पद की दावेदार?

१० मार्च २०२१

अमेरिकी लोगों को लगता है कि उनका देश अगले दस साल में एक इतिहास रचेगा. एक सर्वे के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि 2030 तक कोई महिला देश की राष्ट्रपति बन सकती है. मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को लोग अहम दावेदार समझते हैं.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस
कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला हैंतस्वीर: Saul Loeb/AP Photo/picture alliance

गैलप के सर्वे में हिस्सा लेने वाले 90 फीसदी अमेरिकी लोगों की राय है कि आने वाले दशक में कोई महिला उनके देश का नेतृत्व कर सकती है. हालिया राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत के बाद कमला हैरिस के रूप में किसी महिला ने पहली बार अमेरिका में उपराष्ट्रपति का पद संभाला है. ऐसे में बहुत से लोग इस बात की संभावना देखते हैं कि वह 2024 के चुनाव में अपनी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हो सकती हैं.

गैलप ने यह सर्वे कुल 74 देशों में कराया और महिला नेतृत्व को लेकर लोगों की राय जानी. इनमें सबसे ज्यादा अमेरिका के लोगों ने कहा कि उन्हें अगले दस साल में किसी महिला के राष्ट्रपति बनने की उम्मीद है.  वहीं सर्वे में शामिल तीन देशों मौरितानिया, बेलारूस और श्रीलंका के लोगों में ज्यादातर ने कहा कि उनके देश में आने वाले सालों में महिला राष्ट्रपति बनने की संभावना वे नहीं देखते. यह सर्वे 2019 से 2020 के बीच कराया गया और इसे हाल में विश्व महिला दिवस के मौके पर जारी किया गया.

कमला हैरिस से उम्मीदें 

महिलाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ 22 देशों में अब तक महिलाएं राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद पर पहुंची हैं जबकि 119 देशों में कभी महिलाओं ने देश की बागडोर नहीं संभाली. वहीं दुनिया भर की संसदों में महिलाओं के पास औसतन सिर्फ एक चौथाई सीटें हैं.

अपनी जड़ों से कितना जुड़ी हैं कमला हैरिस

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महिला आधिकार कार्यकर्ता मानते हैं कि अमेरिका में बीते साल कमला हैरिस की कामयाबी के बाद महिला नेतृत्व और उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व की संभावनाओं को बल मिला है. उन्हें उम्मीद है कि इससे युवा महिला में नौकरियों में भी ऊंचे पदों पर पहुंचने की उम्मीदें मजबूत होंगी.

कैलिफोर्निया में युवा महिलाओं के राजनीतिक नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही संस्था इग्नाइट की कार्यकारी निदेशक सारा गुलेर्मो कहती हैं, "हम मानते हैं कि (हैरिस) राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में होंगी, जल्दी, बहुत जल्दी." वह कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने को बहुत बड़ा बदलाव मानती हैं. उन्होंने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "यह बहुत ही बड़ी बात है. इससे सिर्फ छोटी छोटी लड़कियों को प्रेरणा नहीं मिलती है, बल्कि छोटे छोटे लड़कों को भी समझ आता है कि सर्वोच्च नेतृत्व के लिए महिला या पुरूष होने मायने नहीं रखता."

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लैंगिक समानता की जद्दोजहद

56 साल की हैरिस ने वाकई इतिहास रचा है. वह पहली अश्वेत अमेरिकी और पहली एशियाई अमेरिकी महिला हैं जो इतने बड़े पद तक पहुंची हैं. उन्हें 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की स्वाभाविक उम्मीदवार माना जा रहा है क्योंकि मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन 78 साल के हैं और पहले ही 2024 में चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं.

वैसे गैलप के ताजा सर्वे से कुछ दिन पहले ही एक वैश्विक रिपोर्ट में चिंता जताई गई कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ अहम पदों पर महिलाओं की नियुक्ति के बावजूद दुनिया राजनीतिक प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में समानता से बहुत पीछे है. रिपोर्ट में कुल 129 देशों की पड़ताल की गई जिनमें से आधे देश 2030 तक अहम क्षेत्रों में लैंगिक समानता की दिशा में ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

एके/एनआर (रॉयटर्स थॉमसन फाउंडेशन)

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