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अगले महीने से भारतीय हॉकी का अभियान

११ अगस्त २०११

अगले महीने चीन में होने वाली पहली एशियाई हॉकी चैंपियनशिप के साथ भारत की हॉकी टीम लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने का अपना प्रयास शुरू करेगी.

तस्वीर: AP

जुलाई में पांच साल के लिए भारत की हॉकी टीम का कोच बनने वाले ऑस्ट्रेलिया के माइकल नॉब्स ने कहा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि 8 बार ओलंपिक चैंपियन रहे भारत के पास पुराना गौरव हासिल करने के लिए पर्याप्त प्रतिभा है.बंगलोर में टीम के ट्रेनिंग कैंप में पत्रकारों के साथ बात करते हुए नॉब्स ने कहा, "बिना किसी अपवाद के हर टीम के अच्छे और खराब दिन होते हैं. मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय हॉकी के बुरे दिनों को अच्छे दिनों से बदला जाए."

नॉब्स के नेतृत्व की पहली चुनौती अगले महीने 3-11 सितंबर तक चीन के ऑरडॉस शहर में होगी जब एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का मुकाबला महाद्वीप की सर्वोत्तम टीमों से होगा. इस टूर्नामेंट में पिछले साल गुआंगझू के एशियाड में चोटी पर रही छह टीमें भाग ले रही हैं. इनमें स्वर्ण पदक विजता पाकिस्तान, फाइनल में हारने वाला मलेशिया, तीसरे स्थान पर आया भारत और दक्षिण कोरिया, जापान तथा चीन शामिल हैं. नॉब्स ने कहा, "यदि हम अच्छा करते हैं तो इसका मतलब होगा कि हम सही रास्ते पर हैं. यदि टीम बहुत खराब प्रदर्शन करती है तो हमें पता चल जाएगा कि और क्या करने की जरूरत है."

भारत 2008 में बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रहा था. 2012 के लंदन ओलंपिक में वह तभी हिस्सा ले सकता है जब वह अगले साल फरवरी में नई दिल्ली में होनेवाला क्वालिफाइंग टूर्नामेंट जीते. भारत 3-11 दिसंबर तक नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन की चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन भी करेगा.

1984 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने वाले 57 वर्षीय नॉब्स ने कहा कि यदि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बने रहना चाहता है तो उसे चोटी की टीमों के आधुनिक तकनीक को भी अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि भारत पीछे छूटने का खतरा नही उठा सकता. नए कोच की राय में भारत को वह सब दस महीने में हासिल करना होगा जिसके लिए ऑस्ट्रेलिया ने चोटी पर पहुंचने के लिए 20 साल लिए हैं. नॉब्स ने कहा, "यह करना आसान नहीं होगा, लेकिन इसे किया जा सकता है."

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: आभा एम

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