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अगले साल पद छोड़ देंगे रॉबर्ट गेट्स

१७ अगस्त २०१०

अफगानिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभा रहे अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स अगले साल 2011 में पद छोड़ देना चाहते हैं. गेट्स का कहना है कि वह 2012 तक नहीं रुकना चाहते क्योंकि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव का साल होगा.

पद छोड़ना चाहते हैं गेट्सतस्वीर: AP

डेमोक्रैट राष्ट्रपति बराक ओबामा के मंत्रिमंडल में 66 साल के गेट्स इकलौते रिपब्लिकन मंत्री हैं. उनका कहना है कि वह अपनी विदाई का ऐसा वक्त चुनना चाहते हैं, जिसमें राष्ट्रपति ओबामा के पास नया रक्षा मंत्री चुनने के लिए पर्याप्त समय हो.

गेट्स ने फॉरेन पॉलिसी पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं नहीं समझता कि यह ऐसा काम है, जिसे राष्ट्रपति चुनाव वाले साल के लिए टाला जाए. इसलिए मैं समझता हूं कि 2011 में यह काम हो जाना चाहिए."

गेट्स इससे पहले सीआईए के निदेशक भी रह चुके हैं. इस तरह वह लगभग 40 साल तक अमेरिकी सरकार से सीधे जुड़े रहे हैं. उन्होंने बहुत पहले ही इस बात की इच्छा जताई थी कि वह रक्षा मंत्री का पद अब छोड़ना चाहते हैं. पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इराक युद्ध के दौरान विवादित रक्षा मंत्री डोनाल्ड रम्सफेल्ड की जगह 2006 में गेट्स को रक्षा मंत्री नियुक्त किया था.

तस्वीर: AP

राष्ट्रपति बनने के बाद ओबामा ने इराक युद्ध को खत्म करने और अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ संघर्ष तेज करने का फैसला किया. ऐसे वक्त में उन्होंने गेट्स से अपील की कि वह अपने पद पर बने रहें. गेट्स ने यह बात मान ली थी.

गेट्स का कहना है, “मैं समझता हूं कि अगले साल यह पता लग जाएगा कि अफगानिस्तान की रणनीति कारगर हो रही है या नहीं.”

गेट्स के इस एलान के बाद पेंटागन के प्रवक्ता ज्यॉफ मॉरेल ने इस बात को ज्यादा तूल न देने की बात कही. उन्होंने कहा कि जब भी गेट्स गंभीरता से अपना पद छोड़ने की बात करते हैं, तो ऐसा होता नहीं है. वह अपना काम जारी रखते हैं.

मॉरेल ने कहा, “यह ऐसा नहीं है कि रॉबर्ट गेट्स अपने रिटायरमेंट का एलान कर रहे हैं. वह कह रहे हैं कि क्या अच्छा होगा.”

वहीं व्हाइट हाउस के प्रवक्ता बिल बर्टन ने कहा कि इस बात में कोई आश्चर्य नहीं कि अगर गेट्स अपनी योजना के बारे में बता रहे हों.

आने वाले सप्ताहों में अमेरिका अफगानिस्तान में 30,000 और सैनिक भेज रहा है. इस तरह वहां उसके लगभग एक लाख फौजी तैनात हो जाएंगे. राष्ट्रपति ओबामा इस बात का एलान कर चुके हैं कि अगस्त, 2011 से अमेरिकी फौजें अफगानिस्तान से हटनी शुरू हो जाएंगी. अमेरिका का आम नागरिक भी सेना की तैनाती के पक्ष में नहीं है.

तस्वीर: AP

लेकिन कुछ लोग इस समयसीमा की आलोचना करते हैं और उनका कहना है कि इससे तालिबान को अपनी रणनीति बनाने में मदद मिल सकती है.

गेट्स ने अपने इंटरव्यू में कहा, “2011 की समयसीमा मेरे लिए मुश्किल है क्योंकि मैंने इराक में कोई समयसीमा निर्धारित नहीं करने की लगातार वकालत की है. लेकिन मैं समझता हूं कि ऐसा करने से अफगान सरकार के पास जिम्मेदारी लेने की इच्छा सुदृढ़ होगी. लेकिन मैं इसके जोखिम भी समझता हूं.”

अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के कमांडर डेविड पैट्रियस ने रविवार को कहा है कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यहां से जाने की समयसीमा को पत्थर की लकीर नहीं समझा जाना चाहिए. हालांकि व्हाइट हाउस ने इसके बाद कहा कि समयसीमा का पालन जरूर किया जाएगा.

जुलाई में अमेरिका के सबसे ज्यादा सैनिक अफगानिस्तान में मारे गए. इसके अलावा अमेरिकी जनता की भावनाओं को देखते हुए वहां से हटने की तैयारी की जा रही है. डेमोक्रैट पार्टी के ज्यादातर लोग समझते हैं कि अफगानिस्तान में बने रहने से अमेरिका को फायदा से ज्यादा नुकसान हो रहा है.

रॉबर्ट गेट्स की जगह कौन लेगा. इस बात पर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. कुछ राजनीतिक पंडितों का कहना है कि विदेश मंत्रालय का काम बखूबी निभाने वाली हिलेरी क्लिंटन को यह जिम्मा दिया जा सकता है. इस तरह वह अमेरिका की पहली महिला रक्षा मंत्री बन सकती हैं.

इसके अलावा नीति निर्धारण के लिए रक्षा उप मंत्री मिशेल फ्लोरने, पूर्व सीनेटर सैम नुन और चुक हागेल का नाम भी आ रहा है.

गेट्स ने सात राष्ट्रपतियों के अधीन काम किया है और उन्हें एक बेहतरीन नेता माना जाता है. रक्षा मंत्रालय में बजट को लेकर भी उनकी समझ की तारीफ होती है.

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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