मोबाइल से लोगों को टेक्स्ट मैसेज भेजना आम है, लेकिन अब यूजर सेक्सटिंग भी कर रहे हैं. सेक्सटिंग मतलब सेक्स के बारे में संदेश भेज कर चर्चा करना. मेक्सिको में अब महिला अधिकार संगठन लोगों को सेक्सटिंग की जानकारी दे रहे हैं.
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मेक्सिको की 43 साल की महिला मेरिट्रिनी एगुइलर शादीशुदा है और दो बच्चों के परिवार में हंसी खुशी जी रही हैं. लेकिन खुशी का कारण महज उनका परिवार ही नहीं है बल्कि एक ऐसा समूह भी है जो इन्हें खुद को खुलकर व्यक्त करने का मौका देता है. दरअसल एगुइलर सेक्सटिंग करती है. सेक्सटिंग का मतलब है एसएमएस के जरिए सेक्स के बारे में चर्चा करना.
यूजर बताते हैं कि सेक्सटिंग महिलाओं को उनकी अपनी यौन आकांक्षाओं को समझने का मौका देता है. इसमें लोग बातचीत के अलावा एक-दूसरे को कामुक तस्वीरें भी भेजते हैं. एगुइलर इस समूह का हिस्सा बन कर खुश है. वह कहती हैं, "सेक्सटिंग मुझे अपनी अंदर की झिझक को दूर करने का मौका देता है और मुझे सुरक्षित महसूस कराता है. यह मुझे सामने वाले इंसान को खुश करके खुश होने का अनुभव देता है."
हाल में एगुइलर ने मेक्सिको में सात दूसरी महिलाओं के साथ सेक्सटिंग पर एक वर्कशॉप में भी हिस्सा लिया था. वर्कशॉप में बताया गया था कि कैसे सेक्सटिंग का ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. मेक्सिको में सरकार के सहयोग से महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले समूह ल्युचाडोरस ने यह वर्कशॉप आयोजित किया था. इसमें लोगों को सेक्सटिंग के प्रति जागरुक किया गया. उन्हें बताया गया कि सेक्सटिंग एक तरह से अभिव्यक्ति का माध्यम है. ऐसा माध्यम जहां लोग सेक्स जैसे विषयों पर खुलकर बोल सकते हैं साथ ही इसके खतरे को भी समझ सकते हैं.
सेक्सटिंग की यूजर एगुइलर कहती हैं कि उन्होंने अभी तक इसके बारे में किसी को नहीं बताया है. लेकिन 43 साल की एगुइलर को इसके इस्तेमाल पर गर्व महसूस होता है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मेरे दोस्त भी इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन वे इसे मानेंगे नहीं. उन्हें लगता है कि यह जवान महिलाओं के लिए हैं. ना कि दो बच्चों की मां और एक शादीशुदा औरत के लिए."
देखिए लड़कियां क्या क्या झेल रही हैं
बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था 'सेव द चिल्ड्रन' के कुछ आंकड़े आपको हैरान कर सकते हैं. देखिए लड़कियों को क्या क्या झेलना पड़ रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Rezayee
जबरदस्ती सेक्स
दुनिया भर में 15 से 19 साल की ऐसी लगभग डेढ़ करोड़ लड़कियां हैं, जिन्हें सेक्स के लिए मजबूर किया गया.
तस्वीर: Manuel Pedreza/AFP/Getty Images
एचआईवी
हर हफ्ते 15 से 24 साल की उम्र की लगभग सात हजार लड़कियां एचआईवी से संक्रमित हो रही हैं.
तस्वीर: AP
महिला खतना
दुनिया भर में 20 करोड़ ऐसी लड़कियां और महिलाएं हैं जिनका खतना यानी एफजीएम किया गया है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/EPA/UNICEF/ASSELIN
बेघर बेटियां
अलग अलग युद्धों और संघर्षों के कारण बेघर होने वाली लड़कियों की संख्या तीस लाख से भी ज्यादा है.
तस्वीर: AP
स्कूल में नहीं
शांतिपूर्ण देशों की तुलना में युद्धग्रस्त इलाकों में लड़कियों का स्कूल छूटने की संभावना दोगुनी होती है.
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अंधकारमय भविष्य
आंकड़े बताते हैं कि 6.2 करोड़ लड़कियां ऐसी हैं जिनकी पढ़ने लिखने की उम्र है लेकिन वे स्कूल नहीं जा पा रही हैं.
तस्वीर: Reuters/Parwiz
कम उम्र में शादी
हर साल 1.2 करोड़ लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर दी जाती है. पांच में से एक 18 साल से पहले ही मां भी बन जाती है.
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खतरनाक ट्रेंड
ट्रेंड को देखें तो 2030 में ही एक करोड़ नाबालिग लड़कियों की शादी होगी, जिनमें 20 लाख की उम्र 15 साल से कम होगी.
तस्वीर: Stephanie Sinclair
शिक्षा से होगा सुधार
कार्यकर्ता कहते हैं कि लड़कियों को स्कूली शिक्षा पूरी करने दी जाए तो 2030 तक पांच करोड़ बाल विवाह रोके जा सकते हैं.
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मुसीबतें ही मुसीबतें
छोटी उम्र में शादी होने से लड़कियां शिक्षा और बेहतर जीवन के अवसरों से वंचित हो जाती हैं. शोषण, बीमारियां और गरीबी उन्हें घेर लेती है.
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एगुइलर कहती हैं कि वर्कशॉप के बाद वह खुद को सशक्त महसूस करने लगी हैं. वह कहती है, "वर्कशॉप में हमने समझा कि सब समान है और हम सब के पास कुछ न कुछ साझा करने के लिए है. समझने के लिए है. सबमें कामुकता है और हर कोई इसे समझ सकता है."
सेक्स और तकनीक
एगुइलर से उलट तकनीक और सेक्स को महिलाओं के लिए खतरनाक मानने वाले भी कम नहीं है. जानकार कहते हैं कि अंतरंग संदेश और तस्वीरों के लीक होने के पहले कई मामले सामने आए हैं. इसके लिए एक शब्द रखा गया 'रिवेंज पोर्न.' मतलब ऐसा पोर्न जिसे बदले लेने की भावना के तहत बनाया गया. दुनिया में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान समेत कई देशों ने इसके खिलाफ कानून भी बनाए हैं. वहीं हैकरों की भी पहुंच अब लोगों के फोन और इनबॉक्स तक हो गई है, जो सेक्सटिंग के लिए एक खतरा हो सकता है.
मेक्सिको में समाज पुरुष प्रधान है. यहां मर्दानगी जताने का लंबा इतिहास रहा है और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले यहां सामने आते रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों मुताबिक मेक्सिको में हर दिन सात महिलाओं की हत्या की जाती है. ऐसी स्थिति में सेक्सटिंग के महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल होने की भी आशंका है.
'अपनी खुशी बढ़ाएं'
सेक्सटिंग की वर्कशॉप में शामिल होने वाली 17 साल की गिसेला रुबियो कहती हैं, "सेक्सटिंग वास्तव में अच्छा है, क्योंकि यह कोई भी कर सकता है. इसमें गर्भावस्था या यौन संक्रमित बीमारियों का कोई खतरा नहीं होता और आप अपनी यौन आंकक्षाओं के दायरे को बढ़ाते हैं." गिसेला अब सेक्सटिंग पर अपना शोध पत्र लिख रही है. वह कहती है कि अगर सेक्सटिंग गलत हो जाती है तो महिलाओं के लिए खतरा बन जाता है.
सेक्सटिंग की वर्कशॉप में महिलाओं को साइबर सुरक्षा से लेकर सेक्सिटंग प्लेटफॉर्म के बेहतर इस्तेमाल की बातें बताई गईं हैं. वहीं सेक्सटिंग के सक्रिय यूजर कहते हैं कि आज समाज में सेक्स से जुड़े टैबू को खत्म करने की जरूरत है, खासकर महिलाओं के लिए जिन्हें अपनी यौन आकांक्षाओं को समझने और उसे पूरा करने का हक है.
इन देशों में कानूनी है देह व्यापार
कहते हैं वैश्यावृति दुनिया का सबसे पुराना पेशा है. लेकिन इस पेशे के बारे में खुल कर बात करने से लोग अक्सर परहेज करते हैं. कई देशों में यह कानूनी है और यौनकर्मी अन्य किसी भी पेशे की तरह सरकार को टैक्स भी चुकाते हैं.
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नीदरलैंड्स और बेल्जियम
देह व्यापार में एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया शायद दुनिया का सबसे मशहूर हिस्सा है. अन्य देशों से विपरीत, जहां लोग छिप छिपा कर रेड लाइट एरिया में जाते हैं, एम्सटर्डम में टूरिस्ट खास तौर से इस इलाके को देखने पहुंचते हैं. बेल्जियम में भी देह व्यापार कानूनी है.
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फ्रांस और जर्मनी
इन दोनों देशों में देह व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम हैं. जर्मनी के कुछ शहरों में यौनकर्मियों को सड़कों पर ग्राहक खोजने के लिए खड़े होने की अनुमति नहीं है. वहीं फ्रांस में 2014 में नया कानून लागू किया गया जिसके तहत सेक्स के लिए पैसे देना अपराध है.
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स्वीडन और नॉर्वे
फ्रांस ने जो कानून लागू किया है, उसकी शुरुआत 1999 में पहली बार स्वीडन ने की. इसीलिए इसे 'स्वीडिश मॉडल' और 'नॉर्डिक मॉडल' कहा जाता है. नॉर्वे और आइसलैंड भी इसी कानून का पालन करते हैं. इस मॉडल के तहत ये देश यौनकर्मियों को अपराधी ना कह कर, देह व्यापार पर लगाम कसने की कोशिश कर रहे हैं.
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ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड
इन दोनों देशों में देह व्यापार को पूरी तरह कानूनी मान्यता प्राप्त है. ऑस्ट्रिया में देह व्यापार में आने के लिए कम से कम 19 साल का होना जरूरी है. महिलाओं को नियमित रूप से अपना मेडिकल टेस्ट कराना होता है और टैक्स भी चुकाना होता है. जर्मनी में भी ऐसा ही है.
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ग्रीस और तुर्की
जर्मनी की तरह ग्रीस में भी वैश्यावृति एक कानूनी पेशा है. अन्य लोगों की तरह यौनकर्मियों को अपना मेडिकल बीमा भी कराना होता है. तुर्की में भी इसी तरह के कानून हैं. वहां यौनकर्मियों के लिए खुद को पंजीकृत कराना और आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य है.
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ब्रिटेन और आयरलैंड
ब्रिटेन में भी यौनकर्मियों के पास अधिकार हैं लेकिन गैर सरकारी संगठनों के विरोध के चलते वक्त के साथ कुछ नियम बदले गए हैं. मिसाल के तौर पर किसी यौनकर्मी की तलाश में रेड लाइट इलाके में धीमी गति पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है. आयरलैंड में भी कड़ा नियंत्रण है.
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स्पेन और पुर्तगाल
दरअसल यूरोप के अधिकतर देश देह व्यापार को अपराध नहीं मानते. हर देश के अपने कुछ अलग नियम हैं और उन्हीं के अनुरूप स्वीकृति है. स्पेन में किसी अन्य व्यक्ति को देह व्यापार में धकेलना या उससे मुनाफा कमाना अपराध है. व्यक्ति अपनी इच्छा से इस पेशे से जुड़ सकता है.
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मेक्सिको और ब्राजील
लगभग सभी लातिन अमेरिकी देशों में देह व्यापार की अनुमति है. ड्रग्स और माफिया के लिए मशहूर मेक्सिको में मानव तस्करी भी बड़ी समस्या है. सुनियोजित रूप से सेक्स रैकेट चलाना अपराध है लेकिन फिर भी यहां ऐसा आम है.
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न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया
जहां पूरे न्यूजीलैंड में देह व्यापार की अनुमति है, वहीं पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग कानून हैं. न्यूजीलैंड में 2003 में बदले गए कानून के बाद से बालिगों के लिए यह व्यापार कानूनी हो गया है. कनाडा में भी इसे गैरकानूनी नहीं माना जाता.
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भारत और थाईलैंड?
भारत के लगभग हर शहर में कोई ना कोई छिपा हुआ इलाका है जहां देह व्यापार चलता है. दिल्ली की जीबी रोड पूरे देश में मशहूर है. दरअसल भारत में देह व्यापार गैरकानूनी नहीं है लेकिन दलाली करना, चकला चलाना और सार्वजनिक जगहों पर ग्राहक ढूंढना अपराध है. वैश्यावृति के लिए मशहूर एशिया के अधिकतर देशों, जैसे थाईलैंड और फिलीपींस में यौनकर्म गैरकानूनी है.