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अनसुलझा है रूस-जॉर्जिया विवाद

७ अगस्त २००९

आज से एक साल पहले रूस और जॉर्जिया के बीच लड़ाई भड़क उठी थी. क्या हुआ उस रात को जिसका परिणाम रूस और जॉर्जिया के बीच 5 दिनों के युद्ध के रूप में सामने आया और पश्चिमी दुनिया तथा रूस के रिश्तों में खटास डाल गया.

युद्ध के दिनतस्वीर: picture-alliance/ dpa

जॉर्जिया का विद्रोही प्रांत दक्षिण ओसेतिया और जॉर्जिया एक दूसरे पर कई दिनों से गोलीबारी करने का आरोप लगा रहे थे. दक्षिण ओसेतिया को लेकर हुआ ये विवाद अभी भी अनसुलझा है.

एक साल पहले कॉकेशिया में युद्ध शुरू हुआ था. इसकी शुरुआत किसने की, अब तक स्पष्ट नहीं है. जॉर्जिया में रूस पर आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन स्वयं अपने राष्ट्रपति की भी आलोचना की जाती है. 1990 में तत्कालीन सोवियत संघ का विघटन हो रहा था. दक्षिण ओसेतिया ने 1990 में ही एक युद्ध के बाद स्वयं को जॉर्जिया से स्वतंत्र घोषित कर दिया था. शिदाकार्टली क्षेत्र के गवर्नर व्लादीमिर वर्दसेलाशविली युद्ध के लिए ओसेतियाई छापामारों और उनक रूसी समर्थकों को ज़िम्मेदार मानते हैं. सैनिक प्रतिक्रिया जॉर्जिया की मजबूरी थी. युद्ध से बुरी तरह प्रभावित गोरी शहर में रहने वाली 70 वर्षीया महिला भी यही सोचती है. एक रूसी बम ने उसकी बेटी छीन ली. कहती है, "रात में देखा जा सकता है कि दक्षिण ओसेतिया से कैसे गोलाबारी हो रही है."

कोई ठीक से नहीं कह सकता कि क्या ऐसा ही था. स्वित्ज़रलैंड की कॉकेशिया विशेषज्ञ हाइडी टागलियाविनी के नेतृत्व में एक यूरोपीय आयोग मामले की जांच कर रहा है. इस साल के अंत तक रिपोर्ट आ जाने की उम्मीद है. जॉर्जिया के पूर्व राष्ट्रपति एडुआर्ड शेवार्दनाद्से को इस आयोग पर भरोसा है कहते हैं, "गंभीर लोग हैं गंभीर विशेषज्ञ हैं."

इतना तय है कि 7 अगस्त की मध्यरात्रि से पहले ही जॉर्जिया की सेना दक्षिण ओसेतिया पर गोलाबारी शुरू की और फिर पड़ोसी के यहाँ घुस गई. तथ्य ये भी है कि राष्ट्रपति मिखाइल साकाशविली ने लोगों को विद्रोही प्रांत पर नियंत्रण का आश्वासन दिया था. दक्षिण ओसेतिया का रक्षक समझने वाले रूस ने तुंरत अपनी सेना भेज दी. दोनों ओर बहुत से लोग मारे गए, रूस की सेना न सिर्फ़ गोरी तक बल्किन जॉर्जिया की मुख्य भूमि में भी घुस गई. साकाशविली ने अपने को रूसी आक्रमण का शिकार दिखाया तो दक्षिण ओसेतिया के लोग युद्ध का दोष साकाशविली को देते हैं. उन पर नरसंहार का आरोप लगाते हैं.

एक साल पहले पश्चिमी देशों ने जॉर्जिया का साथ दिया था. अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जॉन मैक्केन ने कहा था, "हम सब जॉर्जियाई हैं." यूरोपीय संघ ने संघर्ष विराम में मध्यस्थता की. रूस ने सेना वापस कर ली लेकिन दक्षिण ओसेतिया और एक और विद्रोही प्रांत अबखासिया में बनी रही. दोनों को स्वतंत्र देशों के रूप में मान्यता दे दी. दक्षिण अबखासिया के लिए जॉर्जिया में वापसी का सवाल ही नहीं उठता. रूस में वहाँ के राजदूत दिमित्री मेदोयेव कहते हैं, "अपनी आज़ादी की हमने भारी क़ीमत चुकाई है. दक्षिण ओसेतिया राज्य का निर्माण जारी रखेगा." यूरोपीय संघ के साढ़े तीन सौ पर्यवेक्षक कॉकेशिया में शांति की निगरानी कर रहे है. जॉर्जिया के पुनर्निर्माण के लिए पश्चिमी देशों ने आर्थिक मदद भी दी है. सीमा पर नाज़ुक शांति बनी हुई है, समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

रिपोर्ट- एजेंसियां, महेश झा

संपादन- एस जोशी

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