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अन्ना के चेहरे पर विजयी मुस्कान

२७ अगस्त २०११

आम आदमी के आंदोलन ने संसद को उसकी जिम्मेदारी बता दी और सरकार को अन्ना की मांगों पर अपना रूख बदलना पड़ा है. अन्ना की मांग पर प्रस्ताव लाई सरकार.प्रस्ताव लोकसभा व राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित.

तस्वीर: dapd

दिन भर की भारी उठा पटक और मैराथन बातचीत के बाद आखिरकार सरकार को अन्ना की मांग के आगे झुकना पड़ा. जिन तीन मुद्दों पर अन्ना ने संसद में प्रस्ताव लाने की मांग की थी उन्हें मानने के अलावा सरकार के पार और कोई विकल्प नहीं बचा था. जब सारी कोशिशें और तिकड़में नाकाम रहीं तो प्रस्ताव लाया गया. इस पर वोटिंग होनी थी लेकिन लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बयान के बाद प्रस्ताव को पास कर दिया गया. राज्यसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ. अन्ना की तीनों मांगों को मानते हुए प्रस्ताव को स्थाई समिति को भेज दिया गया है.

सदन की कार्रवाई सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई. सदन में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ ही अन्ना हजारे के लिए अनशन तोड़ने का रास्ता साफ हो गया है. अन्ना की सहयोगी किरण बेदी ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी है कि रविवार सुबह 10 बजे अन्ना अपना अनशन तोड़ देंगे. अन्ना हजारे सूर्यास्त के बाद अनशन नहीं तोड़ते इसलिए कल सुबह का वक्त तय किया गया है. सदन से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे सदन की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा जो इसे औपचारिक रूप से कानून का रूप देने के बाद वापस संसद की मंजूरी के लिए भेजेगी. 

तस्वीर: dapd

संसद में दिन भर तनातनी

अन्ना के आंदोलन पर पूरे दिन संसद में तनातनी मची रही इस दौरान सरकार का रवैया भी उलझन में डालने वाला रहा. अन्ना हजारे के सहयोगियों ने तो केंद्र सरकार पर धोखा देने का भी आरोप लगाया. टीम अन्ना ने केंद्र सरकार के सामने तीन प्रमुख मांगों को रखा है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अन्ना हजारे ने कहा है कि सरकार उनके उठाए तीन मुद्दों पर संसद में बहस कर अपना मत दे. अन्ना की मांग है कि राज्य और केंद्र सरकार की ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी नौकरशाही लोकपाल के दायरे में आए. सिटीजन चार्टर को पूरे देश में लागू किया जाए और लोकपाल की नियुक्ति राज्यों में भी की जाए. 

तस्वीर: dapd

विपक्षी दलों का समर्थन

सरकार की तरफ से कहा गया कि बीजेपी इन मांगों पर सरकार के साथ नहीं है इसलिए वह इस बारे में प्रस्ताव संसद में पेश नहीं कर सकती. उधर बीजेपी का कहना है कि वह संसद के दोनों सदनों में इन मांगों के पक्ष में वोट देने के लिए तैयार है सरकार प्रस्ताव तो लाए. लोकसभा में बीजेपी की नेता सुषमा स्वराज ने पत्रकारों से कहा, "सरकार बिल्कुल झूठ कह रही है. टीम अन्ना को इसके झांसे में नहीं आना चाहिए. हम इन तीन मांगों के समर्थन में संसद के दोनों सदनों में वोट देने के लिए तैयार हैं." बीजेपी के इस दावे ने सरकार की पोल खोल कर रख दी. टीम अन्ना ने तो उस पर विश्वासघात करने का भी आरोप लगाया. बीजेपी के साथ ही दूसरी राजनीतिक पार्टियों ने भी बिल का समर्थन करने की बात कही है. इनमें जनता दल यूनाइटेड, तृणमूल कांग्रेस, अकाली दल और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हैं. उधर मायावती की बहुजन समाज पार्टी अन्ना की इन मांगों का समर्थन तो कर रही है लेकिन उसे राज्य में छोटे अधिकारियों और लोकायुक्तों की नियुक्ति को लोकपाल के दायरे में लाए जाने पर एतराज है. वहीं अन्ना को मिले अपार जन समर्थन आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव झल्लाए दिखे. भ्रष्टाचार के कई मामलों के आरोपी लालू बहस के दौरान गुस्से में दिखाई पड़े. 

तस्वीर: dapd

अन्ना हैं असली हीरो

अन्ना हजारे के आंदोलन को समर्थन देने शनिवार को फिल्म अभिनेता आमिर खान भी रामलीला मैदान पहुंचे. काफी देर तक अन्ना के साथ बैठने के बाद आमिर ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया. आमिर खान ने कहा," मैं अन्ना को गले लगाने आया हूं क्योंकि उन्होंने हम लोगों के साथ पूरे देश की जनता को जगाया है." इसके साथ ही आमिर खान ने अन्ना के जन लोकपाल बिल को अपना पूरा समर्थन दिया. आमिर खान ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ये लड़ाई अभी बहुत आगे जाएगी. आमिर खान ने अन्ना की सेहत के प्रति चिंता जताते हुए उनसे अनशन तोड़ने का अनुरोध किया. आमिर ने कहा, "इस लंबी लड़ाई में हमें आपके सहयोग की जरूरत है इसलिए हम चाहते हैं कि आप अपना अनशन तोड़ दें." आमिर ने ये भी कहा, "मैं नहीं अन्ना हैं असली हीरो" 74 साल के अन्ना 16 अगस्त से अनशन पर बैठे हुए हैं.

आमिर खान ने भरोसा जताया कि देश को एक मजबूत लोकपाल बिल मिलेगा लेकिन सिर्फ यहीं पर ये चुनौती खत्म नहीं हो जाएगी. आमिर ने कहा, "मजबूत लोकपाल बिल तो मिल जाएगा लेकिन हमें यह तय करना होगा कि इसके बाद हम अपना जीवन कैसे बिताएंगे, क्या हम घूस देना और लेना बंद करेंगे." आमिर खान के साथ मशहूर फिल्म निर्देशक राजू हिरानी भी अन्ना से मिलने रामलीला मैदान आए. राजकुमार हिरानी ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि अपने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कभी इस तरह से देश के सारे लोग एक साथ उठ खड़े होंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

 

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