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अन्ना हजारे के आगे झुकी सरकार

९ अप्रैल २०११

अन्ना हजारे जीत गए हैं. जनता भी जीत गई है. सारी मांगें मान ली गई हैं. विजयी अन्ना ने "आजादी की इस दूसरी लड़ाई" को जनता की जीत बताया है.

तस्वीर: AP

सरकार और अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत लगभग विफल हो गई थी. लेकिन आखिरी पलों में हालात बदल गए. जंतर मंतर पर अन्ना हजारे और उनके सैकड़ों समर्थकों ने खुशी की रात बिताई.

भारत सरकार ने एक समिति बनाने का फैसला कर दिया है. इस समिति में सामाजिक कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री दोनों शामिल होंगे. सरकार इस पर औपचारिक सूचना जारी करने को भी राजी हो गई है. हालांकि समिति बनाने को तो सरकार पहले भी राजी थी लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता चाहते थे कि इस समिति के लिए औपचारिक सूचना जारी की जाए. सरकार ने उनकी यह मांग मान ली.

तस्वीर: picture alliance/dpa

बनेगा जन लोकपाल बिल

जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई इस समिति में आधे सदस्य मंत्रीमंडल से होंगे और बाकी आधे सामाजिक कार्यकर्ता होंगे. केंद्र सरकार ने अन्ना हजारे को समिति का सह अध्यक्ष बनाने की बात भी मान ली है. हालांकि यही एक बात है जहां हजारे समर्थकों को समझौता करना पड़ा है क्योंकि वह अध्यक्ष के रूप में सरकारी प्रतिनिधि नहीं चाहते थे. लेकिन उन्होंने कहा कि सह अध्यक्ष का फॉर्मूला मध्य मार्ग के तौर पर चुना गया है. सरकार ने कहा कि दूसरा अध्यक्ष कोई मंत्री नहीं होगा.

हजारे ने बताया, “मंत्रियों से पैनल में और मजबूती आएगी. इससे सरकार की जवाबदेही बढ़ेगी.” इसके बाद उन्होंने शनिवार सुबह अपना अनशन खत्म करने का एलान कर दिया.

अपने समर्थकों को जीत की खबर अन्ना हजारे ने कुछ इस तरह सुनाई, “आपको जानकर खुशी होगी कि सरकार मान गई है. यह जनता की बड़ी जीत हुई है.”

संभव है कि सरकार की तरफ से वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इस समिति के अध्यक्ष होंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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