अपने नागरिकों को और फिट बनाएगा यूरोपीय संघ
२ अप्रैल २०१०यूरोपीय संघ के सांख्यिकी ब्यूरो ने संघ के नागरिकों की खेल गतिविधियों पर एक जनमत संग्रह कराया है. इसके अनुसार एक चौथाई लोग कोई शारीरिक अभ्यास नहीं करते. लोगों की शारीरिक गतिविधियों का मौसम से भी लेना देना है. उत्तरी भाग में स्थित देशों में जहां अधिक ठंड होती है अधिक लोग नियमिल खेलकूद करते हैं जबकि दक्षिण देशों में उनकी संख्या कम है.
यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों की सूची में आयरलैंड सबसे ऊपर है. वहां 23 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे सप्ताह में कम से कम पांच बार जॉगिंग या कसरत करते हैं जबकि दूसरे नंबर पर ऐसे 22 प्रतिशत लोगों के साथ स्वीडन है. स्कैडेनेवियाई देश यूरोपीय औसत में काफ़ी ऊपर हैं. सप्ताह में कम से कम एक बार खेलकूद में हिस्सा लेने वालों का यूरोपीय औसत 40 फ़ीसदी है जबकि डेनमार्क, फिनलैंड और स्वीडन में उनकी संख्या 70 फ़ीसदी से अधिक है.
दक्षिणी यूरोप में तो कुछ देश ऐसे हैं जहां लोग पसीना बहाने के लिए अतिरिक्त मेहनत करने को तैयार ही नहीं हैं. सूची में ग्रीस, बुल्गारिया और इटली सबसे नीचे हैं, जहां सिर्फ तीन फ़ीसदी लोगों ने माना है कि वे नियमित रूप से जॉगिंग या कसरत करते हैं. ग्रीस में दो तिहाई से अधिक लोग खुद को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए किसी खेलकूद या एक्सरसाइज़ में हिस्सा नहीं लेते. स्पेन और पुर्तगाल में भी पचास फ़ीसदी अपने स्पोर्ट्स शू बंद ही रखते हैं.
इस रिपोर्ट पर यूरोपीय संघ की स्वास्थ्य कमिश्नर आंद्रूला वासिलू ने कहा है, "हमें शारीरिक गतिविधियों में फिसड्डी लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे." वह इसी साल एक पहल करना चाहती हैं ताकि अधिक से अधिक यूरोपीय लोग जॉगिंग और एक्सरसाइज़ को अपने जीवन का हिस्सा बना सकें. उनका कहना है, "बूढ़े होते समाज में लोगों को लंबे समय तक स्वस्थ रहने में मदद देना ज़रूरी है."
ख़ासकर महिलाओं को इस तरह के मदद की ज़रूरत होगी. रिपोर्ट के अनुसार खेलकूद में नियमित हिस्सा लेने वाले लोगों में पुरुषों का औसत महिलाओं से बेहतर है. 15 से 24 वर्ष के आयुवर्ग में 71 फ़ीसदी पुरुष सप्ताह में एक बार खेल गतिविधियों में भाग लेते हैं, जबकि महिलाओं की संख्या मात्र 50 फ़ीसदी है.
लोगों के खेल व्यवहार में उनकी सामाजिक स्थिति की भी भूमिका है. आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे लोग अक्सर खेलकूद को नज़रअंदाज़ करते हैं. ऐसे लोगों में आधा से अधिक कभी खेलकूद नहीं करता जिन्हें अक्सर बिलों का भुगतान करने में मुश्किल आती है.
इसके अलावा यूरोस्टैट ने पाया है कि लोगों के व्यवहार पर उनकी शिक्षा का प्रभाव भी होता है. 15 वर्ष की आयु में स्कूल छोड़ने वाले कभी स्पोर्ट्स नहीं करते, जबकि 20 की आयु तक स्कूली शिक्षा पाने वाले ज्यादा सक्रिय हैं. उनमें से सिर्फ़ एक चौथाई लोग खेल गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेते.
रिपोर्ट: सुज़ाने हेन/महेश झा
संपादन: ए कुमार