भारत में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में मुंबई पहले स्थान पर है.
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 में विश्व के सबसे सुरक्षित शहरों में शामिल रहे कोलकाता में ऐसे मामलों में 38 फीसदी वृद्धि हुई है. यूनाइटेड नेशंस पोपुलेशन फंड (यूएनपीएफ) ने बीते साल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2050 तक भारत में बुजुर्गों की तादाद बढ़ कर तीन गुनी हो जाएगा. इन आंकड़ों की रोशनी में देखने पर समस्या की गंभीरता का पता चलता है.
महानगरों में अकेले रहने वाले बुजुर्ग दंपतियों के खिलाफ लगातार बढ़ते अपराधों ने राज्य सरकारों और पुलिस प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है. बुजुर्गों की देख-रेख और सुरक्षा के तमाम उपायों के बावजूद ऐसी घटनाएं कम होने के बजाय लगातार बढ़ती ही जा रही हैं.
कोलकाता पुलिस ने अकेले रहने वाले बुजुर्ग दंपतियों की सुरक्षा के लिए कुछ साल पहले एक नई पहल की थी. इसके तहत संबंधित थानों में ऐसे दंपतियों का आंकड़ा जुटाया जाता है और अक्सर ऐसे लोगों से फोन पर उनकी खैरियत पूछी जाती है. इस काम में गैर-सरकारी संगठनों की भी सहायता ली जाती है. बावजूद इसके बुजुर्ग दंपतियों के साथ मारपीट, चोरी और दूसरी आपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है.
काश ऐसा किया होता! लेकिन अब किया जाए! अब तो उम्र ही निकल गई. कभी मायूसी में ऐसा ख्याल आए तो इन जिंदादिल बुजुर्गों को जरूर याद करना.
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रोबेयर मारशों
फ्रांस के रोबेयर मारशों की उम्र 105 साल है. उन्होंने इस उम्र में एक घंटे में 22.5 किलोमीटर साइकिल चलाने का रिकॉर्ड बनाया है.
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फौजा सिंह
ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के फौजा सिंह को पगड़ी वाला तूफान भी कहा जाता है. फौजा सिंह 100 साल की उम्र में मैराथन दौड़ पूरी करने वाले दुनिया के पहले शख्स हैं. 2003 में उन्होंने मैराथन दौड़ से संन्यास लिया. 105 साल के फौजा सिंह अब भी जॉंगिंग करते नजर आ जाते हैं.
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ताओ पोर्चोन लिंच
98 साल की ताओ पोर्चोन लिंच दुनिया की सबसे बुजुर्ग योग टीचर हैं. आज भी वह नियमित रूप से अपने छात्रों को 90 मिनट तक योग और ध्यान सिखाती हैं. बचपन में अपने अंकल के साथ पुद्दुचेरी आई ताओ ने वहीं योग सीखा.
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युइचिरो मियुरा
जापान के युइचिरो मियुरा ने 80 साल की उम्र में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल की. चढ़ाई से पहले ज्यादातर लोग आशंका जता रहे थे कि युइचिरो मौत को न्योता दे रहे हैं. लेकिन आखिरकार हिम्मत और सधी तैयारी की जीत हुई.
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हेलेना नोरोविच
पोलैंड की हेलेना नोरोविच ने जवानी के दिनों में विज्ञापनों और फिल्मों में अभिनय किया. लेकिन बाद में उम्र का हवाला देकर उन्हें काम नहीं मिला. हेलेना इससे निराश नहीं हुईं. 80 साल की उम्र उन्होंने फिर मॉडलिंग में कदम रखा. अब वे 82 साल की हैं और सफल मॉडल हैं.
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अलेक्जांडर डोबा
पोलैंड के अलेक्जांडर डोबा ने अकेले चप्पू चलाकर अटलांटिक महासागर को पार किया, वो भी 69 साल की उम्र में. अटलांटिक का सबसे दुश्वार रास्ता चुनने के बाद उन्होंने छह हजार किलोमीटर तक अकेले एक छोटे से कयाक पर महासागर पार किया.
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दुर्गा कामी
नेपाल के दुर्गा कामी ने उम्र के 60 साल गुजरने के बाद स्कूल जाना शुरू किया. तब से वह लगातार स्कूल जा रहे हैं और अब तक 10वीं भी पास कर चुके हैं. दुर्गा कहते हैं कि नया सीखने के लिए कोई उम्र कम नहीं होती.
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राजोदेवी लोहान
कई दशकों तक बेऔलाद होने के राजोदेवी और बाल राम ने हार नहीं मानी. और आखिरकार बीते साल फर्टिलिटी सेंटर की मदद से इस भारतीय जोड़े के घर में किलकारी गूंजी. 68 की उम्र में मां बनने वाली राजो देवी दुनिया की पहली महिला हैं.
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एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बुजुर्गों के खिलाफ अपराध के मामले में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पहले स्थान पर है. कोलकाता में ऐसे मामलों में वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2017 में 38 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है. लेकिन यह इस सूची में दसवें स्थान पर है. मुंबई (1115 मामले) के बाद दिल्ली 736 मामलों के साथ दूसरे और अहमदाबाद 534 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है.
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं, "एनसीआरबी की रिपोर्ट में वर्ष 2017 के आंकड़े शामिल हैं. लेकिन इस साल अब तक महानगर में छह बुजुर्गों की हत्या हो चुकी है. ऐसे में, ऐसे मामलों में वृद्धि का अंदेशा है." उस अधिकारी का कहना है कि वर्ष 2015 से ही कोलकाता में बुजुर्गों के प्रति अपराध की घटनाओं में लगातार तेजी आई है. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2017 के दौरान कोलकाता में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध के जो 36 मामले दर्ज किए गए थे उनमें से 25 गंभीर किस्म के थे. उनमें सात हत्याएं भी शामिल थीं.
एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 में बुजुर्गों के खिलाफ हुए अपराधों के किसी भी मामले में अब तक आरोपपत्र दायर नहीं किया जा सका है. लेकिन कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इन आंकड़ों से सहमत नहीं हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, "हमने 80 फीसदी मामलों को हल कर लिया है. हत्या के ज्यादातर मामलों में भी अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है.”
पुलिस का कहना है कि बीती जुलाई में कोलकाता के दक्षिणी इलाके में एक बुजुर्ग दंपति की हत्या के बाद ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इस मामले में 71 साल की महिला की हत्या करने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था. कोलकाता पुलिस के अधिकारी इसके तहत नियमित अंतराल पर बुजुर्गों के घरों का दौरा कर रहे हैं. इसके अलावा उनको संबंधित थानों की ओर से आयोजित सामुदायिक बैठकों में भी बुलाया जाता है. ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने बुजुर्गों के लिए क्या करें और क्या न करें की एक सूची भी तैयार की है.
एनसीआरबी रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल अपराधों के मामलों में देश की राजधानी दिल्ली 2.10 लाख मामलों के साथ पहले स्थान पर है जबकि आईटी केंद्र के तौर पर मशहूर बंगलुरू दूसरे पर. राज्यवार देखें तो 3.10 लाख मामलो के साथ उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है जबकि 2.90 लाख मामलों के साथ महाराष्ट्र दूसरे पर.
इंडोनेशिया के बा गोथो खुद को दुनिया का सबसे बुजुर्ग इंसान बताते थे. 146 साल की उम्र में उन्होंने 30 अप्रैल 2017 को दुनिया को अलविदा कहा. मिलिये बा गोथो से.
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हैप्पी बर्थ डे
31 दिसंबर 2016 को बा गोथो ने 146वां जन्मदिन मनाया. इस दौरान उनकी पांचवीं और छठी पीढ़ी भी मौजूद थी.
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लंबा जीवन
परिजनों ने बा गोथो के लिए खास बर्थ डे केक बनवाया, जिस पर 146 लिखा था. उनके आईडी कार्ड पर जन्मतिथि 31 दिसंबर 1870 दर्ज है. गोथो बुढ़ापे तक एक अच्छे तैराक थे. वह बिना उपकरणों के मछली पकड़ने के लिए भी मशहूर थे.
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छठी पीढ़ी के साथ
गोथो के बच्चे अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके पोते पोतियां भी बुजुर्ग हो चुके हैं. बा गोथो ने अपनी पांचवीं और छठी पीढ़ी को देखा है.
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धीरज की सीख
बा गोथे बताते थे कि लंबे जीवन का सूत्र शायद "धैर्य और परिस्थिति को स्वीकार" करने में छुपा है. परिवार में सिर्फ वहीं अकेले थे जिन्होंने इतनी लंबी जिंदगी जी.
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बहू का सहारा
बा गोथो ने चार शादियां कीं. चारों पत्नियां अब इस दुनिया में नहीं हैं. बेटा भी जा चुका है. वह अपनी बहू और उसके पोतों के साथ रह रहे थे.
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वर्ल्ड रिकॉर्ड नहीं
इंडोनेशिया की सरकार उनकी जन्मतिथि को सही मानती थी. फिर भी उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नहीं था. इसके लिए तीसरे स्वतंत्र पक्ष द्वारा वेरिफिकेशन जरूरी थी.
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किसके नाम रिकॉर्ड
फिलहाल गिनीज बुक में सबसे लंबी जिंदगी का रिकॉर्ड फ्रांस की ज्यां कलामे के नाम है. कलामे ने 122 साल की जिंदगी जी. 1977 में उनका निधन हुआ.
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कहां से लाएं दूसरे दस्तावेज
बा गोथो और कलामे से पहले भी कई लोगों ने सबसे बुजुर्ग शख्स होने का दावा किया. नाइजीरिया के एक व्यक्ति की उम्र 171 साल बताई गई. इथियोपिया के एक बुजुर्ग को भी 163 साल का बताया गया. लेकिन दस्तावेजों से पुष्टि न होने से उनका नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज न हो सका.
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बोलिविया के कारमेलो
दक्षिण अमेरिकी देश बोलिविया के कारमेलो फ्लोरेस लॉरा भी दुनिया के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति होने का दावा करते हैं. बोलिविया के दस्तावेजों के मुताबिक वह 1890 में जन्मे. कारमेलो के मुताबिक उन्होंने हमेशा चीनी और पास्ता से दूरी बनाए रखी.
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भारत के बुजुर्ग
बुजुर्गों की सूची में लंबे समय तक भारत के स्वामी शिवानंद की भी चर्चा होती थी. 18 अगस्त 1896 को जन्मे स्वामी शिवानंद ने 2013 में आखिरी सांस ली. स्वामी शिवानंद के मुताबिक उन्होंने कभी सेक्स नहीं किया और पूरी जिंदगी मसालेदार खाना नहीं खाया.
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जापान के दादाजी
1897 में जापान में जन्मे जिरोएमोन किमुरा को सबसे ज्यादा जीने वाला पुरुष माना जाता है. वह 116 साल जिये. किमुरा के मुताबिक लगन के साथ लगातार कुछ नया सीखते रहना भी लंबे जीवन का सूत्र हो सकता है. रिपोर्ट: एपी/ओएसजे
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वजहऔरउपाय
आखिर बुजुर्गों के खिलाफ बढ़ते अपराधों की वजह क्या है? सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि एकल परिवारों के वजह से रोजी-रोटी के सिलसिले में बच्चों के दूसरे शहरों या देशों में रहने की वजह से ऐसे बुजुर्ग अकेले रह जाते हैं. अपराधियों के लिए वे लोग सबसे आसान शिकार होते हैं.
हाल के महीनों में कोलकाता में ऐसे जितने भी अपराध हुए हैं उनमें से लगभग सभी मामलों में बुजुर्ग दंपति अकेले ही रहते थे. खासकर महानगर के पूर्वी छोर पर बसे साल्टलेक में बनी अत्याधुनिक रिहाइशी इमारतों में तो लगभग 35 फीसदी आबादी ऐसे बुजुर्गों की है जिनके बच्चे ग्रीन कार्ड या स्थायीन नागरिकता लेकर अमेरिका, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया या फिर यूरोप के किसी देश में बस गए हैं. ज्यादातर मामलों में घर के नौकर या ड्राइवर अपराधियों से मिले होते हैं.
एक गैर-सरकारी संगठन के संयोजक मनोरंजन धर कहते हैं, "अकेले रहने वाले बुजुर्गों को निशाना बनाना अपराधियों के लिए काफी आसान होता है. ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस को और सक्रिय होना पड़ेगा. लेकिन साथ ही मोहल्ले के लोगों के बीच आपसी मेल-जोल बढ़ा कर भी ऐसे मामलों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है.” वह कहते हैं कि पड़ोसियों से खास संपर्क नहीं होने की वजह से कई मामलों में तो हत्या के कई बाद इसका पता चलता है.