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अपील खारिज हुई तो गुस्से से फट पड़ा कसाब

२० अक्टूबर २०१०

मौत की सज़ा के कगार पर खड़े मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब ने मंगलवार को कैमरे पर थूककर अपनी भड़ास निकाली. मुंबई हाई कोर्ट में मौजूद जजों ने उसे चतावनी दी.

गुस्से में कसाबतस्वीर: AP

मुंबई हाई कोर्ट ने जब मंगलवार को मौत की सजा के खिलाफ अजमल कसाब की अपील को खारिज किया, तो कसाब खुद पर काबू नहीं रख पाया. उसे वीडियो कैमरे के ज़रिए सुनवाई में शामिल किया गया था. वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कसाब आसपास खड़े पुलिसकर्मियों से झगड़ने और कैमरे पर थूकने लगा.


'मुझे अमेरिका भेज दो'

कसाब ने कहा, "आप मुझे बाहर की दुनिया से वाकिफ कराइए. मुझे अमेरिका भेज दो. किस आरोप में पर यहां रखा है." जजों ने इस सिलसिले में कसाब को अपने वकीलों से सलाह लेने को कहा और उसकी हरकतों को लेकर सख्त चेतावनी दी. कसाब फिर गुस्से में बाहर चला गया. जजों का कहना था कि कसाब अपनी मर्ज़ी से सभा छोड़ कर चला गया है और अदालत इसके बारे में कुछ नहीं कर सकती. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा किसी भी कानून में नहीं लिखा है कि कसाब को सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर होना होगा. अगर वह सजा नहीं सुनना चाहता तो अदालत कुछ नहीं कर सकती.

2008 के हमलों मेंतस्वीर: AP


पुलिस पूछे कसाब की मर्जी

अदालत ने हालांकि पुलिस को आदेश दिए हैं कि वे कसाब की मर्जी जानें और उससे पूछें कि वह सुनवाई को वीडियो के जरिए सुनना चाहता है या नहीं. पुलिस से कहा गया है कि वो सुनवाई की एक रिकॉर्डिंग रखें. कसाब पिछले दो सालों से आर्थर रोड जेल में हैं. 2008 नवंबर में हुए हमलों के आरोप में जिंदा पकड़ा गया वह एकमात्र आतंकवादी है.

इस साल मई में मुंबई हाई कोर्ट ने कसाब को भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और लोगों की हत्या का दोषी पाया. 2008 में हुए मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज़्यादा लोग घायल हो हुए. कानून के मुताबिक हाई कोर्ट को मौत के सजा की पुष्टि करनी होती है. इसके बाद कसाब सुप्रीम कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील कर सकता है और अंतिम उपाय के तौर पर देश के राष्ट्रपति से सजा की माफी की मांग कर सकता है.

रिपोर्टःएजेंसियां/एमजी

संपादनः एन रंजन

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