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अप्रैल फ़ूल वायरस से सावधान

१ अप्रैल २००९

इंटरनेट के ज़रिए दुनिया भर में अप्रैल फूल नाम का एक ख़तरनाक वायरस घूम रहा है. वायरस का तोड़ माइक्रोसॉफ्ट भी नहीं निकाल पाई है और अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई भी वायरस से घबराई हुई है.

वायरस से सावधान!तस्वीर: BilderBox

अप्रैल फूल. अगर ऐसा ही कोई संदेश, कोई ईमेल या कोई विज्ञापन आपके कंप्यूटर के स्क्रीन पर भी आए तो उसे खोलने से बचें. वरना, हो सकता है कि आपका कंप्यूटर आपकी मर्ज़ी से चलना बंद कर दे और उसे वायरस चलाए.

इंटरनेट सर्फिंग के ज़रिए दुनिया भर में लाखों कंप्यूटरों के अप्रैल फूल वायरस की चपेट में आने का ख़तरा है. कंप्यूटर की सुरक्षा से जुड़े लोग कहते हैं कि वायरस कंप्यूटर पर पूरा नियंत्रण कर लेता है, हार्ड डिस्क का सारा डाटा उड़ा देता है और कई व्यक्तिगत जानकारियों को भी तबाह कर देता है.

अप्रैल फूल का वायरसतस्वीर: picture-alliance/ dpa

उत्तरी कैलीफोर्निया के माइक्रो कंप्यूटर सिक्योरिटी के विश्लेषक पॉल फेरगुशन कहते हैं कि,'' अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इस वायरस को बनाने वाले लोग क्या हासिल करना चाहते हैं. उनके हाथों में कई मशीनों का नियंत्रण हो जाता है. ये वाकई में डरावनी बात है. माऊस के एक क्लिक से ही वायरस बनाने वाले हजा़रों मशीनों में जो करना चाहें वो कर सकते हैं.''

कॉर्नफ्लिकर वॉर्म नामका यह वायरस बीते कुछ सालों से एक अप्रैल के दिन तबाही मचा रहा है. इस वायरस से दुनिया की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी परेशान है. कॉर्नफ्लिकर का तोड़ निकालने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने 2,50,000 लाख डॉलर ख़र्च किए हैं.

कॉर्नफ्लिकर वायरस को इस ढंग से बनाया गया है कि यह हर रोज़ 250 वेबसाइट्स पर जाता है. कॉर्नफ्लिकर बेवसाइट्स में डाउनलोड के विकल्प में भी घुस जाता है.

अमेरिकी जांच एंजेसी एफबीआई का कहना है कि वह भी साइबर विशेषज्ञों के साथ मिलकर कॉर्नफ्लिकर से अपने कंप्यूटरों को बचाने में लगी हुई है. एफबीआई के साइबर विभाग के सह निदेशक शॉवन हेनरी कहते हैं, '' सारे एंटी वायरस सॉफ्टवेयर लगा दिए गए हैं, अटैचमेंट्स की भी चेकिंग की जा रही है, ई-मेल भी चेक किए जा रहे हैं ताकि वायरस से बचा जा सके.

जानकार कहते हैं कि अनजाने ई-मेल और विज्ञापनों को अगर ना खोला जाए, तो अप्रैल फूल के कीड़े से बचा सकता है.

रिपोर्ट- एजेंसियां, ओएसजे

संपादन- एस जोशी

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