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अफगानिस्तान अमेरिका का प्रमुख गैर नाटो सहयोगी

७ जुलाई २०१२

अमेरिका ने अफगानिस्तान को अपने प्रमुख गैर नाटो सहयोगी देश का दर्जा दे दिया है. काबुल में अमेरिकी विदेश मंत्री ने इसका एलान किया. रक्षा मामलों में दोनों देशों के बीच नजदीकी सहयोग का रास्ता खुलेगा.

तस्वीर: AP

काबुल में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ मुलाकात के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "हम इसे अफगानिस्तान के भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारी के एक ताकlवर संकेत के रूप में देखते हैं. जिन देशों को हमने यह दर्जा दिया है उन्हें कई तरह का फायदा मिलता है. उदाहरण के लिए उनकी पहुंच हमारी रसद तक हो जाती है. इसके अलावा वह कई तरह की ट्रेनिंग और दूसरी क्षमता हासिल करने की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं."

हिलेरी ने बताया कि इससे अफगानिस्तान की सेना के लिए अमेरिका और खासतौर से अमेरिकी सेना के साथ संबंधों को विस्तार देने का मौका मिलेगा. अफगानिस्तान को प्रमुख गैर नाटो सहयोगी देश का दर्जा देने के दस्तावेज राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तैयार करवाए हैं और इन पर उनके दस्तखत भी हैं. यह दर्जा दोनों देशों के बीच इसी साल मई में हुए करार का हिस्सा है. अमेरिकी विदेश विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक यह दर्जा मिलने के बाद रक्षा योजना, खरीदारी और प्रशिक्षण में सहयोग का व्यापक रास्ता खुल जाएगा.

अफगानिस्तान दुनिया का 15वां ऐसा देश है जिसे अमेरिका ने अपना प्रमुख गैर नाटो सहयोगी देश बनाया है. अफगानिस्तान से पहले इसमें ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, इस्रायल, जापान औऱ पाकिस्तान का नाम जुड़ चुका है. हिलेरी क्लिंटन अफगानिस्तान में अघोषित दौरे पर पहुंची और इसका एलान किया. करजई और क्लिंटन एलान के तुरंत बाद ही टोक्यो में नागरिक सहायता के लिए दान देने वालों के एक प्रमुख सम्मेलन में शामिल होने रवाना हो गए.

टोक्यो में करजई सम्मेलन में हिस्सा लेने के साथ ही जापान के सम्राट, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री के साथ अलग से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा जर्मनी और फ्रांस के विदेश मंत्रियों के साथ भी उनकी मुलाकात होगी. टोक्यो में अफगानिस्तान के लिए नागरिक सहायता जुटाने के लिए 70 देशों के प्रतिनिधि और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं हिस्सा ले रही हैं. सम्मेलन रविवार को होगा. पिछले महीने ही करजई ने कहा था कि उनके देश को हर साल चार अरब डॉलर की सहायता की जरूरत पड़ेगी.

शनिवार को क्लिंटन ने इस बात को ज्यादा महत्व नहीं दिया कि पिछले कुछ हफ्तों में तालिबान के हमले बढ़े हैं. क्लिंटन ने कहा अफगानिस्तान में, "सुरक्षा की स्थिति पहले से ज्यादा अच्छी है. अफगान सुरक्षा बल देश की 75 फीसदी आबादी के रहने वाली जगह को अपने नियंत्रण में लेने की प्रक्रिया में हैं." क्लिंटन ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान का दोस्त और सहयोगी बना रहेगा और वह उसे कभी भी अकेला नहीं छोड़ेगा.

एनआर/आईबी(डीपीए)

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