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अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल

१६ अगस्त २०१३

शोर तो यहां भी बहुत होगा और मुकाबला भी बेहद सख्त लेकिन नतीजे लहूलुहान नहीं करेंगे, आंसू निकले भी तो खुशी के होंगे. दशक भर बाद अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल हो रहा है, मुकाबिल है पाकिस्तान.

तस्वीर: AP

अफगानिस्तान 10 सालों के बाद पहली बार फुटबॉल के अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी करने जा रहा है. अगले मंगलवार को पाकिस्तान के साथ एक दोस्ताना मैच खेला जाएगा. फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक संस्था फीफा ने यह जानकारी दी है. फीफा ने बताया कि मैच अफगानिस्तान फुटबॉल फेडरेशन की कृत्रिम घास वाले मैदान पर होगा. फेडरेशन के महासचिव सैयद अगाजादा ने कहा है, "यह सच्चाई कि हम दस साल बाद पहले अंतरराष्ट्रीय मैच का आयोजन कर रहे हैं और 1977 के बाद पहली बार काबुल में पाकिस्तान के खिलाफ मैच हो रहा है, हमारे देश में फुटबॉल के लिए बड़ी घटना है. इससे यह भी पता चलता है कि बेहद मुश्किल दौर के बाद हम सामान्य स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं."

तस्वीर: AP

अगाजादा ने यह भी कहा कि अफगान फुटबॉल संगठन और बुनियादी ढांचे के लिहाज से बेहतर हुआ है और अब यह भरोसा भी होने लगा है कि फुटबॉल देश में और बड़ी भूमिका निभा सकता है. उम्मीद की जा रही है कि मैच देखने के लिए भारी भीड़ जमा होगी. अफगानिस्तान में इससे पहले 2003 में तुर्कमेनिस्तान की टीम आई थी और 2-0 से जीत हासिल की थी. फुटबॉल की दुनिया में 139वैं रैंक पर मौजूद अफगानिस्तान इस साल 3 बार देश के बाहर अपराजेय रहा. उसने श्रीलंका और मंगोलिया को हराया और लाओस के साथ मुकाबले में बराबरी की.

पाकिस्तान भी इस मैच को लेकर काफी उत्साहित है. पाकिस्तान फुटबॉल संघ के महासचिव अहमद यार खान लोधी ने कहा, "यह पूरे दक्षिण एशिया के फुटबॉल समुदाय के लिए बड़ा संकेत है और इस बात की पुष्टि करता है कि खेल पड़ोसी देशों के बीच बेहतर संबंध में बड़ा योगदान निभा सकता है."

फीफा ने कहा है कि वह अगले साल आठ टीमों के साथ शुरू हो रहे अफगान प्रीमियर लीग की शुरूआत पर भी नजर रखेगा. अफगान प्रीमियर लीग दूसरी बार खेली जा रही है. इस टूर्नामेंट में पूरे देश की टीमों के खिलाड़ी शामिल होते हैं. इन्हें चुनने के लिए अफगानिस्तान फुटबॉल संघ ने एक खास प्रक्रिया तय की है. लीग के सारे मैच काबुल में फेडरेशन के मैदानों पर खेले जाते हैं और टीवी पर उनका सीधा प्रसारण भी होता है.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)

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