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अफगानिस्तान में हमला, 5 मरे

६ जनवरी २०१३

शांति के लिए तालिबान समर्थकों को जेल से छोड़ा जा रहा है तो दो कट्टरपंथियों ने दक्षिणी अफगानिस्तान में कबायली नेताओं की एक सभा पर आत्मघाती हमला किया जिसमें 5 लोग मारे गए. सीमाई इलाके में ड्रोन हमले में 12 लोग मारे गए हैं.

तस्वीर: DW/Qadir Wafa

जहां कबायली सरदारों की बैठक शूरा चल रही थी, दोपहर के समय एक शख्स एक कार लेकर वहां पहुंचा और बमों से लदी गाड़ी उड़ा दी. स्पिन बोलदाक के गवर्नर सैयद हाशिम आगा ने बताया कि इमारत की छत का एक हिस्सा टूट गया. उसके कुछ ही मिनटों बाद दूसरा हमलावर शरीर में विस्फोटक बांध कर इमारत की पहरेदारी कर रहे पुलिस कर्मियों की तरफ दौड़ा. पुलिसवालों ने उस पर गोलियां चलाईं, जिससे विस्फोटकों में धमाका हो गया.

शूरा की बैठक हर रविवार को होती है. जिस समय हमला हुआ उस समय करीब 40 लोग बैठक में हिस्सा ले रहे थे. वे कबायली सरदारों से शिकायत दर्ज कराने या मदद की अर्जी लेकर आए थे.

राष्ट्रपति करजईतस्वीर: Reuters

तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है. उसके प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी ने एसएमएस भेजकर कहा है, दो आत्मघाती हमलावरों ने जिला गवर्नर के अहाते में मौजूद शूरा के दफ्तर पर हमला किया, जिसमें शूरा प्रमुख और 8 लोग मारे गए हैं. अधिकारियों ने सिर्फ चार लोगों के मरने की बात कही है, जबकि 15 लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने कहा है कि मरने वालों में एक बच्चा, एक स्वास्थ्यकर्मी, एक शूरा सदस्य और एक दुकानदार था.

नाटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय टुकड़ी के कमांडर जनरल जॉन एलन ने हमले की निंदा करते हुए उसे नागरिक जिंदगी की अवहेलना बताया है. कंधार शहर से सौ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद स्पिन बोलदाक पाकिस्तानी सीमा पर क्वेटा जाने वाले रास्ते में दूसरी सबसे व्यस्त सीमा चौकी है. उसे दोनों देशों के बीच तस्करी का महत्वपूर्ण रास्ता माना जाता है. वहां कट्टरपंथियों के नियमित हमले होते रहते हैं.

हमला ऐसे समय में हुआ है जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई इस हफ्ते राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत के लिए वाशिंगटन जा रहे हैं. दोनों देशों के बीच सुरक्षा समझौता होने वाला है जिसमें 2014 में अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी के बाद कुछ अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान में छोड़ने पर चर्चा होगी. अमेरिकी मीडिया के अनुसार 3,000 से 9,000 सैनिक अफगानिस्तान में बने रहेंगे. तालिबान ने शनिवार को 2014 के बाद सारे विदेशी सैनिकों के नहीं हटने पर लंबी लड़ाई की चेतावनी दी थी.

अमेरिकी ड्रोनतस्वीर: AP

उधर काबुल में 11 साल की लड़ाई के बाद मेल मिलाप के लक्ष्य से करीब 80 संदिग्ध कट्टरपंथियों को रिहा किया गया. उनमें से ज्यादातर को अंतरराष्ट्रीय टुकड़ियों ने गिरफ्तार किया था और बागराम हवाई अड्डे पर स्थित जेल में रखा था. हामिद करजई चाहते हैं कि सारे कैदियों को अफगानिस्तान के हवाले कर दिया जाए. अमेरिकी अधिकारियों को आशंका है कि उनमें से कुछ छूटने के बाद सीधे लड़ाई में शामिल हो जाएंगे. लेकिन विद्रोहियों के साथ बातचीत को संभव बनाने के लिए इस महीने सैकड़ों विद्रोहियों को रिहा किया जा रहा है. पाकिस्तान ने भी पिछले महीने 8 तालिबान अधिकारियों को रिहा किया था.

इस बीच सीमावर्ती इलाके में नए अमेरिकी ड्रोन हमलों में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं. खुफिया सूत्रों के अनुसार दक्षिणी वजीरिस्तान के बाबर पहाड़ी इलाके में तालिबान के तीन ठिकानों पर हुए हमले में 10 से 12 लोग मारे गए हैं, जिनमें इलाके का एक बड़ा कमांडर वली मुहम्मद भी शामिल था. वह पाकिस्तानी तालिबान के आत्मघाती हमलावरों का नेता था.

एमजे/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)

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