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अफगानिस्तान से भी पीछे भारत

११ अक्टूबर २०१२

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफगानिस्तान में बच्चियों की शादी रोकने के लिए और काम किया जाना चाहिए. वहां हर छह में से एक लड़की की शादी 15 साल से पहले या उस उम्र तक हो जाती है.

तस्वीर: AP

अंतरराष्ट्रीय कन्या दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र के संगठनों ने कहा है, "बाल विवाह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और यह लड़की के जीवन पर पूरी तरह असर करता है. बाल विवाह वह विवाह है जब 18 साल से पहले शादी कर दी जाती है. इस उम्र से पहले लड़की मानसिक रूप से शादी की जिम्मेदारी लेने की स्थिति में नहीं होती और न ही बच्चों की जिम्मेदारी ले सकती है."

अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि यान कुबिस ने अफगानिस्तान से अपील की है, लड़कियों का बाल विवाह रोकने के लिए इस अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कानूनी अनिवार्यता को पूरी करने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के बाल और महिला संगठन और अफगान मिशन सहित अनेक ग्रुपों ने कहा है कि मां की उम्र और जच्चा बच्चा की मौत में गहरा संबंध है.

पिछले दस महीने में बेहतरी के बावजूद अफगानिस्तान में प्रसव के दौरान जच्चा मृत्यु दर प्रति लाख 327 बनी हुई है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 10-14 साल की लड़कियों के गर्भावस्था या प्रसव के दौरान मरने की दर 20-24 साल की लड़कियों से कहीं ज्यादा होती है.

साथ ही संस्था ने पढ़ाई और बाल विवाह पर रोक के बीच संबंध पर भी संकेत दिया है. 1996 से 2001 के बीच तालिबानी शासन में लड़कियों को शिक्षा पाने की अनुमति नहीं थी. आज की तारीख में करीब 30 लाख लड़कियां स्कूल में हैं. लेकिन यह स्थिति शहरी इलाके की ही है. गांवों की स्थिति अभी भी वही बनी हुई है, जहां सांस्कृतिक अड़चनें हैं और खराब शिक्षा संरचना के कारण लड़कियों का स्कूल तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.

वहीं अफगानिस्तान के पड़ोसी पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय नियमों को ताक पर रख अभी भी चाइल्ड मैरिज रेस्ट्रिक्शन एक्ट 1929 का कानून चल रहा है जिसके हिसाब से लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा ही 16 है जबकि वोट देने की न्यूनतम आयु 18. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन. इस एक्ट में संशोधन के लिए अपील की जा रही है लेकिन अभी तक पुराने कानून के हिसाब से ही काम हो रहा है.

अपने आप को एशिया का सुपर पॉवर कहने वाले भारत की स्थिति कोई ज्यादा अच्छी नहीं है. बाल विवाह के मामले में सबसे खतरनाक 25 देशों में उसका नंबर अफगानिस्तान से भी नीचे हैं. वहां कुछ इलाकों में प्रमुख राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों का रवैया अभी तक नहीं बदला है. हरियाणा में पिछले दिनों में बलात्कार की घटनाओं में आई तेजी के बाद प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने खाप पंचायतों की लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र घटाने की मांग का समर्थन किया है. खाप पंचायतों का कहना है कि इससे बलात्कार की घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा.

यूनिसेफ के 2011 के आंकड़ों के हिसाब से भारत में लड़कियों के बाल विवाह के सालाना मामले 47 प्रतिशत है. जबकि बांग्लादेश में 66 प्रतिशत. संयुक्त राष्ट्र के 2009 के आंकड़े कहते हैं कि दुनिया भर में हर साल 25 हजार लड़कियों की 18 साल से कम उम्र में ही शादी कर दी जाती है.

रिपोर्टः आभा मोंढे (एएएफपी)

संपादनः महेश झा

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