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अफगान चुनावः उम्मीदवार समेत 19 अगवा

१७ सितम्बर २०१०

अफगानिस्तान में संसदीय चुनावों से एक दिन पहले तालिबान ने 18 चुनाव कर्मचारियों और एक उम्मीदवार का अपहरण कर लिया है. भारी तनाव के बीच राष्ट्रपति हामिद करजई ने लोगों से मतदान में हिस्सा लेने की अपील की है.

तस्वीर: AP

अफगानिस्तान में संसदीय चुनावों से एक दिन पहले तालिबान ने 19 लोगों का अपहरण कर लिया है. इनमें आठ मतदान अधिकारी और 10 चुनावी कार्यकर्ताओं समेत पूर्वी लग़मान प्रांत के एक उम्मीदवार अब्दुल रहमान हयात भी शामिल हैं. अफगानिस्तान के चुनाव आयोग आईईसी के प्रवक्ता नूर मोहम्मद नूर ने इसकी पुष्टि की है.

तस्वीर: AP

प्रेस एजंसी एएफ़पी को भेजे गए एक सन्देश में तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने इन सभी अपहरणों की ज़िम्मेदारी ली है. शनिवार को होने वाले मतदान के चलते तालिबान ने चुनाव प्रक्रिया भंग करने और चुनाव में शामिल होने वाले लोगों को जान से मारने की धमकी दी है. इस बीच तीन उम्मीदवारों की जानें जा चुकी हैं.

संसद के निचले सदन 'वोलेसी जिरगा' की 249 सीटों के लिए कुल ढाई हज़ार उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव को देखते हुए अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और आत्मघाती हमलों को रोकने के लिए जगह जगह चेक नाके बनाए गए हैं. तीन लाख से भी ज्यादा अफगान सुरक्षा बल सड़कों पर तैनात कर दिए गए हैं. नाटो के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (ISAF) ने भी कहा है कि वह आपातकालीन स्थिति में अफगान बलों की सहायता करने के लिए तैयार हैं. इस बीच अफगानिस्तान में सड़कों पर भारी सन्नाटा छाया हुआ है.

राष्ट्रपति हामिद करजई ने शुक्रवार को लोगों से अपील की है कि वे मतदान के लिए जाएं. उन्होंने कहा कि तालिबानी आतंकवादियों को भी मतदान के लिए जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि हमारे देश के हर कोने के, हर प्रांत और हर शहर के लोग मतदान के लिए जाएंगे और अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए वोट करेंगे. इसी से हमारे देश में और स्थिरता आ पाएगी."

इसके अलावा चुनावों में धांधली की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं. अफगानिस्तान की जासूसी एजेंसी एनडीएस के एक अधिकारी ने गुमनाम रहने की शर्त पर कहा, "हम हजारों नकली कार्ड जब्त कर चुके हैं. कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है."

पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में भारी धांधली के मामले सामने आए थे. इसीलिए इस साल इस पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादनः वी कुमार

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