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अफगान सुरक्षा मुद्दा लेकर करजई भारत में

४ फ़रवरी २०११

अफगानिस्तान में बदलते हालात के बीच भारत और अफगानिस्तान ने सुरक्षा और आतंकवाद पर अहम चर्चा की. अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई भारत की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की.

तस्वीर: UNI

दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद उनके देशों के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इस बात पर राजी हो गए कि दोनों मुल्कों को मिल कर इससे निपटने के उपाय खोजने चाहिए. करजई और सिंह की मुलाकात के बाद एक साझा बयान जारी किया गया.

सुरक्षा के मुद्दे के अलावा समझा जाता है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अफगानिस्तान में तालिबान को मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयासों पर चिंता जताई. भारत कहता आया है कि वह अफगान नेतृत्व वाले शांति समझौते का समर्थन करता है.

भारत ने अफगानिस्तान में बदलाव के दौर में पाकिस्तान की बढ़ती भूमिका पर पहले ही चिंता जताई है. भारत का कहना है कि बदलाव के मामले में किसी भी बाहरी दखल से अफगानिस्तान के भविष्य पर खराब असर पड़ सकता है. नई दिल्ली कहता आया है कि अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा भी उनके लिए एक बड़ा मुद्दा है.

अफगानिस्तान में भारतीय मिशन के अलावा वहां लगभग 4000 भारतीय पुनर्निर्माण के काम में लगे हैं. वे वहां की सड़कें और बिजली लाइनें बना रहे हैं. अफगानिस्तान की नई संसद भी भारतीय ही बना रहे हैं.

सिंह और करजई ने दोपहर के खाने पर बातचीत की और भारतीय प्रधानमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में अपनी भूमिका पूरी तरह निभाने को तैयार है.

इस मौके पर करजई ने भी कहा कि दोनों देश अगर मिल कर साथ चलें, तो इससे दोनों का भला हो सकता है. उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को अफगानिस्तान आने की दावत दी, जिसे मनमोहन सिंह ने स्वीकार कर लिया है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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