शहरों और गांवों में 10 से 16 घंटे तक बिजली गुल रहने के बाद लोगों ने घरों में सोलर पैनल लगवाना शुरू कर दिया. बिजली देने में नाकाम बिजली कंपनी के कर्मचारी सोलर पैनल को लेकर आम लोगों के बीच भ्रामक जानकारियां फैला रहे हैं.
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मोहम्मद असलम को अपने परिवार को लंबी लोडशेडिंग से राहत दिलाने के लिए आखिरकार एक रास्ता मिल गया. फरवरी में उन्होंने बिजली पैदा करने वाला 300 वॉट का एक सोलर पावर सिस्टम घर की छत पर लगवा लिया. पाकिस्तान के शहरों में 10 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे तक की बिजली की कटौती की जा रही है. यह स्थिति भीषण गर्मियों के महीनों में और भयावह हो जाती है, जब एयर कंडीशनर बिजली कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं.
सोलर विकल्प
बिजली संकट के इस अंतर को भरने के लिए सोलर पैनल खरीदना एक स्वभाविक उपाय है और 35 वर्षीय असलम के गांव में तो साल 2014 से सोलर पैनल मिल रहे हैं, लेकिन उन्होंने घर में सोलर पैनल लगाने में दो साल की देरी की. इसकी वजह यह नहीं थी कि असलम को पैसों की परेशानी थी. लेकिन उनके आसपास अफवाह थी कि सोलर पैनल हालात को और बिगाड़ देंगे. इसीलिए उन्होंने सोलर पैनल लगवाने के फैसले को टाल दिया.
इस बारे में असलम ने बिजली कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की. उन्होंने असलम को यह बताया कि गहरे रंग के सोलर पैनल सूरज की किरणों को सोख कर बिजली पैदा करते हैं लेकिन इससे आसपास और घर के भीतर का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है और स्थिति पहले से और भी अधिक खराब हो जाती है.
ऊर्जा के नए स्रोतों की खोज
जानिए दुनिया भर की ऊर्जा की जरूरतें पूरा करने में सक्षम कुछ नए और अनोखे ऊर्जा स्रोतों और तरीकों के बारे में...
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मल मूत्र
रिसर्चर मनुष्य के मल-मूत्र से ऊर्जा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे ना केवल सैनिटेशन और हाइजीन की समस्या कम होगी, बल्कि बढ़ती आबादी की ऊर्जा की जरूरतें भी पूरी होंगी.
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शैवाल की खेती
आइडिया अभी प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन वैज्ञानिकों को इसमें काफी संभावना दिख रही है. माइक्रोएल्गी की खेती बायोफ्यूल का एक स्थाई और सुरक्षित स्रोत साबित हो सकती है. बड़े माइक्रोएल्गी फार्म में सूर्य की किरणें और कार्बनडाइ ऑक्साइड मिलकर बायो-इथेनॉल बनाते हैं.
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हवा की शक्ति
मोया, एक हल्की और लचीली परत होती है जो काफी हल्की हवा से भी ऊर्जा पैदा करने में सक्षम है. दक्षिण अफ्रीका में इसकी खोज करने वाले शारलॉटे स्लिंग्सबी इसके कहीं भी आसानी से लगाए जा सकने वाले पर्दे बनाना चाहते हैं. बड़ी पवन चक्कियों की तरह इससे चिड़ियों या चमगादड़ों को भी नुकसान नहीं है.
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नारियल से कोयला
दुनिया के कई हिस्सों में लकड़ी जला कर ऊर्जा ली जाती है, जिससे जंगल खत्म हो रहे हैं. नारियल के खोल और भूसे के इस्तेमाल से केन्या, कंबोडिया जैसे देशों में इस समस्या का स्थाई समाधान किया जा सकता है. यह लकड़ी के चारकोल से लंबा जलता है, उससे सस्ता है और नारियल के कचरे का इस्तेमाल भी हो जाता है.
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मछली का कचरा
मछली की फैक्ट्रियों में हर दिन ढेर सारा कचरा निकलता है. इसमें स्केल, हड्डियों के अलावा वसा की भी भारी मात्रा होती है. इन चीजों से बायोडीजल बनाने का आइडिया है. ब्राजील, होंडुरास और वियतनाम जैसे कई देश कई सालों से ऐसे प्रयोग कर भी रहे हैं. इस तकनीक को सस्ता बनाने पर काम किया जाना है.
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विंड ट्री
एक अनोखा फ्रेंच आइडिया है विंड ट्री. इसमें प्रकृति की नकल कर ऊर्जा पैदा करने की कोशिश है. जेरोमी मिकाउड-लारिविएर को पेड़ पर पत्तों को हवा से फड़फड़ाते देख इसका खयाल आया. उन्होंने पत्तियों की जगह 72 मिनि-टर्बाइनों वाली एक पेड़ जैसी संरचना बनाई. इससे इलेक्ट्रिक कार चार्ज हो सकती है, या 15 स्ट्रीट लाइटें जलाई जा सकती हैं.
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कदमों में शक्ति
आप जितने कदम चलें उतनी ही ऊर्जा पैदा हो, डांस फ्लोर, फुटबॉल मैदानों या ट्रेन स्टेशनों पर ऐसी एक समार्ट सतह हो तो. इस आइडिया से कम वोल्टेज वाली लाइटें जलाया या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज किया जा सकता है. बस कदमताल शुरु करनी है.
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ऑलिव के फायदे
खाने में बहुत पसंद किए जाने वाले ऑलिव से तेल निकालने के बाद भी बायोफ्यूल बनाया जा सकता है. इससे जितना तेल निकलता है, उसका करीब चार गुना कचरा भी. फेनोलिव प्रोजेक्ट इस कचरे से बिजली और गर्मी पैदा करने का अभियान है.
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सरसों के अवशेष
कई विकासशील देशों में लगभग रोज बिजली की कटौती होती है. सरसों जैसे पौधों के तने और पत्तियों को जलाने से हजारों ग्रामीण घरों की बिजली की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. राख को भी खेत में उर्वरक के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
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सोलर रोड वे
नीदरलैंड्स में 70 मीटर लंबी सोलर सड़क बनाई जा चुकी है और फ्रांस तो 1,000 किलोमीटर लंबी सड़क को ऐसा बनाने जा रहा है. खास डिजाइन वाले फोटोवोल्टेइक सोलर सेल के पैनल लगी यह सड़क पांच साल में बन कर तैयार होनी है.
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झूठी अफवाह
असलम के अनुसार बिजली कंपनी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि सोलर पैनल का बढ़ता इस्तेमाल भी पाकिस्तान की लू और गर्मी के लिए जिम्मेदार है. जिसे वैज्ञानिक पूरी तरह नकारते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है, "जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक बढ़ती गर्मी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से कोयले, तेल और गैस के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से हो रहा है."
असलम ने रॉयटर्स को बताया, "इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट एक दोस्त के कहने के बाद मैंने सोलर सिस्टम लगवाया और मुझे समझ आया कि यह एक झूठी अफवाह थी.'' उनके दोस्त ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अफवाहें बिजली कंपनी के कर्मचारियों की एक चाल थी. क्योंकि वे बड़े स्तर पर लगाए जा रहे सोलर सिस्टम को कम करना और अपनी नौकरी सुरक्षित करना चाहते थे.
इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी के जनरल मैनेजर तारीक महमूद कहते हैं, "हमें नहीं मालूम कि कंपनी का कोई कर्मचारी अफवाह फैला रहा है. हमारी बिजली कंपनी का किसी अफवाह से कोई संबंध नहीं है और लोगों को उनपर यकीन नहीं करना चाहिए."
मिली बड़ी राहत
असलम को नया सोलर सिस्टम लगवाने में 500 डॉलर का खर्चा आया. सोलर सिस्टम इतनी बिजली पैदा कर लेता है कि दिन में पंखे चल सकें और साथ ही बैटरी इतनी चार्ज हो जाती है कि जब रात को बिजली जाए तो 6-7 घंटे के लिए ट्यूबलाइट और पंखे चल सकें. यह बैटरी सोलर पावर की मदद से तीन घंटे में पूरी तरह चार्ज हो जाती है. अब असलम को इस बात से बड़ी राहत है कि बिजली कटौती होने के बाद भी उनके पास बिजली रहती है.
सौर ऊर्जा के चैंपियन देश
भारत सौर ऊर्जा के मामले में बेहद अच्छा प्रदर्शन रहा है. देश अब टॉप-10 सोलर एनर्जी उत्पादकों में शामिल हो चुका है. देखिए किसका कितना सालाना उत्पादन है.
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10. बेल्जियम
सौर ऊर्जा उत्पादन: 3,156 मेगावॉट
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9. ऑस्ट्रेलिया
सौर ऊर्जा उत्पादन: 4,139 मेगावॉट
तस्वीर: Infinite Energy
8. स्पेन
सौर ऊर्जा उत्पादन: 5,376 मेगावॉट
तस्वीर: ISFOC
7. फ्रांस
सौर ऊर्जा उत्पादन: 5,678 मेगावॉट
तस्वीर: Franz Metelec / Fotolia
6. भारत
सौर ऊर्जा उत्पादन: 12,870 मेगावॉट
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. Cytrynowicz
5. अमेरिका
सौर ऊर्जा उत्पादन: 17,317 मेगावॉट
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4. इटली
सौर ऊर्जा उत्पादन: 18,622 मेगावॉट
तस्वीर: AP
3. जापान
सौर ऊर्जा उत्पादन: 23,409 मेगावॉट
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Chinatopix
2. चीन
सौर ऊर्जा उत्पादन: 28,330 मेगावॉट
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Chinatopix
1. जर्मनी
सौर ऊर्जा उत्पादन: 38,250 मेगावॉट
तस्वीर: BELECTRIC.com
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इस्लामाबाद में सोलर पैनल का व्यापार करने वाले अब्दुल करीम कहते हैं कि लोग अक्सर सोलर पैनल के बारे में सुनी हुई अफवाह के बारे में बताते हैं जो गर्मी की समस्या और बढ़ा देता है. इन अफवाहों को गलत साबित करने के लिए मैं अक्सर उन्हें अपनी दुकान की छत पर ले जाता हूं, जहां मैंने सोलर सिस्टम लगाया है. फिर वे मुझसे सोलर सिस्टम खरीद लेते हैं.
नया बिजली कनेक्शन
पाकिस्तान रेलवे के रिटायर कर्मचारी राजा जमील को दो साल पहले इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में बने उनके घर के लिए नया बिजली कनेक्शन नहीं मिल रहा था. आखिर में उन्होंने वो काम किया जो वे कई महीनों तक नहीं करना चाह रहे थे. उन्होंने बिजली कंपनी के अधीक्षक को पचास डॉलर की रिश्वत दी.
जमील ने कहा, "उन्हें लगता है कि बिजली कंपनी के जो कर्मचारी नये कनेक्शन देते हैं, वे सोलर पैनल से जुड़ी अफवाहें फैला रहे हैं क्योंकि वे नये कनेक्शन देने के वक्त मिलने वाली रिश्वत को नहीं खोना चाहते हैं."