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अफ़गानिस्तान में घुसे हज़ारों तालिबान लड़ाके!

२३ दिसम्बर २००९

अमेरिका अगर अफ़ग़ानिस्तान में सैनिक बढ़ा रहा है तो तालिबान ने भी लड़ाके बढ़ाने का फ़ैसला कर लिया है. तहरीक़ ए तालिबान कमांडर वली उर रहमान ने अफ़गानिस्तान में हज़ारों तालिबान लड़ाकों को भेजने का दावा किया है.

तहरीक़ ए तालिबान नेता हकीमुल्लाह महसूदतस्वीर: picture-alliance/ dpa

नए साल में जंग का नया मोर्चा तैयार है. दक्षिण वज़ीरिस्तान में सीमा पार से अमेरिकी ड्रोन हमलों और सीमा के अंदर पाकिस्तानी फ़ौज के दोतरफ़ा हमले को देखते हुए तालिबान ने पैंतरा बदल दिया है. हकीमुल्लाह महसूद का दाहिना हाथ समझे जाने वाले पाकिस्तानी तालिबान के नंबर दो वली उर रहमान ने समाचार एजेंसी एपी को दिए ख़ास इंटरव्यू में कहा कि उसके हज़ारों लड़ाके सीमा पार कर अफ़ग़ानिस्तान में घुस गए हैं.

तस्वीर: dpa

तालिबान इसे अमेरिका और अफ़ग़ानिस्तान में तैनात नाटो सेना के ख़िलाफ़ जंग की रणनीति बताता है लेकिन सुरक्षा जानकार इस दावे पर सवाल उठाते हैं.

अमेरिका जल्द ही अफ़ग़ानिस्तान में 30 हज़ार अतिरिक्त सैनिक भेज रहा है. हालांकि उसने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है और अफ़ग़ानिस्तान में तैनात एक प्रवक्ता ने बताया कि इस बात पर यक़ीन नहीं किया जा सकता क्योंकि सीमा पर ऐसी कोई हलचल नहीं दिखी.

अक्तूबर में पाकिस्तान की सेना ने दक्षिण वज़ीरिस्तान में तालिबान के ख़िलाफ़ बड़ा अभियान छेड़ा है, जिसमें छह सौ तालिबान लड़ाकों को मार गिराने का दावा किया गया है, हालांकि वली उर रहमान का कहना है कि उसके सिर्फ़ बीस साथी मारे गए.

रहमान का कहना है कि पाकिस्तान अगर अमेरिका का साथ देना बंद कर दे, तो तालिबान पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपना अभियान बंद कर सकता है. लेकिन कुछ रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि दरअसल तालिबान यह संदेश देना चाहता है कि वह पाकिस्तानी सेना से नहीं लड़ सकता.

तालिबान ने पिछले दो महीनों में पाकिस्तान के कई सरकारी संस्थानों पर निशाना बनाया है, जिसमें कम से कम पांच सौ लोग मारे गए हैं. समझा जाता है कि तालिबान अपने नए क़दम से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दीवार खड़ी करने के लिए भी इस तरह के बयान जारी कर सकता है.

वली उर रहमान ने दावा किया कि हालांकि वह ख़ुद कभी अल क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से नहीं मिला है, लेकिन वह ज़िन्दा है और अपने ख़ास लोगों को निर्देश दे रहा है. बहरहाल, सर्दियों के महीने में पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर एक बार फिर तनाव की गर्मी पैदा हो रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ए जमाल

एजेंसियां: एस गौड़

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