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अफ्रीका से रिश्ते मजूबत करेगा भारत

२२ मई २०११

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह छह दिनों के लिए इथियोपिया और तंजानिया के लिए सोमवार को रवाना हो रहे हैं. भारत अफ्रीकी देशों के साथ रणनीतिक रिश्तों को नए आयाम देने और निवेश बढ़ाने के प्रयास कर रहा है.

तस्वीर: AP

मनमोहन सिंह पहले इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा जाएंगे जहां दूसरी अफ्रीका-इंडिया फॉरम शिखर वार्ता होनी है. इस वार्ता में 15 अफ्रीकी देश हिस्सा ले रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए आपसी साझेदारी को बढ़ाने के मुद्दे पर भी प्रमुखता से बात होगी. इसके अलावा समुद्री लुटेरों और आतंकवाद का मुद्दा भी उठेगा. भारत की तरह अफ्रीका भी मानता है कि आतंकवाद और समुद्री लुटेरे उसके लिए भी समस्या बन कर उभर रहे हैं. दोनों समस्याओं से निपटने के लिए मिल कर रणनीति बनाने पर जोर होगा.

सोमालियाई समुद्री लुटेरों के खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत ने कई बार अफ्रीकी देशों को अपनी चिंता से अवगत कराया है. अब तक मालवाहक जहाजों पर 200 हमले हो चुके हैं और 70 बार जहाज को रिहा कराने के बदले पैसे देने पड़े हैं. जहाज रिहा कराने के लिए चुकाई गई रकम 5 करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर चुकी है.

तस्वीर: AP

अफ्रीका-इंडिया फॉरम शिखर वार्ता की अध्यक्षता मनमोहन सिंह के साथ अफ्रीकी संघ के चेयरमैन ओबियांग न्गुएमा म्बासोगो करेंगे. वह इक्वेटोरियल गिनी के राष्ट्रपति हैं. आपसी सहयोग और फायदे को बढ़ाने के लिए किन समझौतों को लागू किया जा सकता है, यह वार्ता का प्रमुख बिंदु होगा. चीन अफ्रीकी देशों में तेजी से निवेश कर रहा है ताकि आर्थिक विकास की रफ्तार बनाए रखने के लिए संसाधनों की आपूर्ति जारी रह सके.

भारत को महसूस हो रहा है कि वह पिछले कुछ सालों में अफ्रीका में निवेश और प्रभाव बढ़ाने के मामले में चीन से पीछे रह गया. इसीलिए इस यात्रा के जरिए प्रयासों को मजबूती देने की योजना है. भारत का कहना है कि अफ्रीका के साथ उसके ऐतिहासिक रिश्ते हैं और आपसी भाईचारे के रिश्ते को कायम रखा जाएगा. संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए भी दोनों सहयोग बढ़ा रहे हैं. सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत अफ्रीका और अफ्रीका भारत की दावेदारी का समर्थन करता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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