अब अमेरिकी हित के गुप्त ठिकानों का खुलासा
७ दिसम्बर २०१०![](https://static.dw.com/image/6288268_800.webp)
किन्शासा में कोबाल्ट की खान, कॉन्गो और यूरोप में अलग अलग जगहों पर मौजूद वो ठिकाने जहां दवा बनाने वाली कंपनिया इंसुलिन, सांप काटने की दवा, और हाथ, मुंह की बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाती हैं, ये फेहरिस्त यहां से शुरु होती है. मध्यपूर्व में कतर का नाम है जो 2012 तक आयातित तरल नेचुरल गैस का सबसे बड़ा स्रोत होगा इसके साथ ही सउदी अरब की अबकैक का जिक्र है जो दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का केंद्र है. इसी तरह के दुनिया भर में फैले उन ठिकानों का नाम है जिनसे अमेरिकी हित जुड़े हुए हैं.
2006 में तो अल कायदा ने अबकैक पर हमले की नाकाम कोशिश भी की थी. इसलिए ये चेतावनी दी जा रही है कि विकीलीक्स पर जारी दस्तावेज आतंकवादियों को हमलों के लिए नए ठिकानों की जानकारी दे देंगे. अमेरिका और ब्रिटेन ने इन ठिकानों का नाम सार्वजनिक करने के लिए विकीलीक्स की कड़ी आलोचना की है. अमेरिका के अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने कहा,"मैं इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं, इन कदमों से अमेरिका जनता खतरे में पड़ गई है. मेरा यकीन है कि ये कदम हठ से भरा और भ्रमित है जिससे किसी को कोई फायदा नहीं होने जा रहा." अटॉर्नी जनरल ने ये भी कहा कि ओबामा प्रशासन इन जानकारियों को सार्वजनिक किए जाने के खिलाफ अमेरिकी जासूसी कानूनों के अलावा दूसरे कानूनों के तहत भी कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सूचनाओं को सार्वजनिक किए जाने को 'गैरजिम्मेदाराना' कहा है. विदेश मंत्रालय का ये भी कहना है कि अमेरिका और दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था से जुड़ी अहम जानकारियों को सार्वजनिक कर अल कायदा की मदद की जा रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पी जे क्राउली ने कहा,"ये जानकारियां गोपनीय और अच्छे मकसद के लिए हैं असांज ने ऐसी सूची सार्वजनिक कर दी है जो अल कायदा को अपना निशाना चुनने में मदद करेगी."
उधर ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने इन सूचनाओं को सार्वजनिक किए जाने को विशेष रूप से निंदनीय कहा है. विलियम हेग ने कहा," ये चिंता की बात है कि ऐसे ठिकानों का नाम सार्वजनिक किया जा रहा है जिन्हें अल कायदा निशाना बना सकता है."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम