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अब आप टॉम एंड जेरी से समाचार सुनिए

१४ फ़रवरी २०११

कार्टून लोगों को हंसाते और बच्चो को लुभाते हैं अब वो समाचार भी दिखाएंगे. खबरों को तेजी से फैलाने और उनमें मौजूद दिलचस्पी को बढ़ाने का नया तरीका है जो छोटे स्तर पर शुरू हो चुका है जानकार इसे खबरों का भविष्य मान रहे हैं.

तस्वीर: picture-alliance / Mary Evans Picture Library

आर के लक्ष्मण का आम आदमी, हिन्दी अखबारों के मशहूर तोता बाबू या फिर आबिद सूरती के ढब्बूजी जैसे कार्टून किरदारों के जरिए अखबार की सारी खबरें दिखाई जाएं तो कैसा रहेगा. या फिर टीवी पर खबरें पढ़ने एंकर की बजाए मिकी माउस या टॉम जेरी जैसा कोई चरित्र हो और विडियो की जगह एनीमेशन का सहारा लेकर बनाए कार्टून. टीवी न्यूज दिखाने वालों की तो आधी समस्याएं ऐसे ही दूर हो जाएंगी कि ना उन्हें लोगों का इंटरव्यू लेने के लिए भागना होगा ना विजुअल के लिए मारामारी करनी होगी. बस एनीमेशन करने वालों को बिठाया और हो गया बुलेटिन तैयार. ये भविष्य का न्यूज है जैसा जानकार बता रहे हैं और ऐसा मानने के पीछे उनके पास ठोस वजहें भी हैं.

हांग कांग मीडिया मुगल जिमी लाई कोई बात कहें तो उन्हें मजाक समझना बड़ी भूल साबित हो सकती है. खास तौर से जब बात पत्रकारिता के भविष्य कहे जा रहे कार्टून न्यूज की हो. 63 साल के जिमी की कंपनी हांग कांग में एप्पल डेली के नाम से टैब्लॉयड निकालती हैं और हांग कांग वासियों का दिन इसे पढ़े बगैर पूरा नहीं होता. टैब्लॉयड में मशहूर हस्तियों से जुड़ी चटपटी खबरों के अलावा अपराध, राजनीति को भी पूरी जगह मिलती है. चीन की सरकार इसे अपना विरोधी मानती है और यही वजह है कि चीनी जमीन पर इसे पढ़ने की पाबंदी है. टैब्लॉयड पढ़ने वालों को खास तौर पर इंतजार होता है कार्टून चरित्रों के जरिए दिखाई गई उस कहानी का जिनमें सेक्स और बड़ी दुर्घटनाओं समेत कई गंभीर अपराधों की दास्तान होती है.

तस्वीर: picture-alliance / dpa/dpaweb

आलोचकों की मानें तो ये कार्टून गंभीर खबरों को हल्के तरीके से लोगों के सामने लाता है. इंटरनेट पर लाई का ये तरीका लोगों को पसंद आ रहा है. 2009 में टाइगर वुड्स के प्रेम संबंधों की खबरें मिलने के बाद उनकी बीवी को गोल्फ स्टिक लेकर उनके पीछे दौड़ते दिखाने वाले कंप्यूटर ग्राफिक्स के जरिए बने कार्टून ने लोगों को खूब लुभाया. जिमी की कंपनी नेक्स्ट मीडिया हर रोज 60 खबरों को एनीमेटेड तरीके से लोगों के सामने रखते हैं जिन्हें दुनिया भर के 5 लाख लोग देखते हैं. कंप्यूटर गेम्स और इंटरनेट से लगातार जुड़े रहने वाले 40 साल से नीचे की उम्र के लोगों को खबरें दिखाने का ये तरीका खूब पसंद आ रहा है. जिमी का कहना है, "ये पीढ़ी टीवी देखते और वीडियो गेम खेलते जवान हुई है. जाहिर है कि इनके लिए भविष्य विजुअल वर्ल्ड ही है. हालांकि ये पूरी प्रक्रिया गलती करने और सीखने जैसी है जिससे हमें वहां तक पहुंचना है कि लोगों को उनके पसंद के माध्यम में चीजें मिल सकें."

कभी हफ्ते भर में एक क्लिप बनाने से शुरू हुई ये प्रक्रिया अब हर घंटे एक नई क्लिप जारी करने तक पहुंच चुकी है. जिमी कहते हैं,"पहले तो 60 सेकेंड की एक क्लिप बनाने में दो से तीन हफ्ते लग जाते थे.अब ये काम दो घंटे में हो जाता है."

खबरों का चुनाव भी खास है कही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ से करेंसी के मामले पर हो रही जंग की बात है किसी क्लिप में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन अपने पुरुष सहयोगियों के साथ शराब पीते नजर आते हैं तो कभी सेक्रेटरी को फर्श पर गिरा देते हैं. इसके बाद उन खबरों की बात की जाती है जिनमें ब्राउन के मूडी और धमकाने वाले स्टाइल के बारे में बताया जाता है. हालांकि ब्राउन ने इस बात से इनकार किया है कि वो अपने सहयोगियों के सात हाथापाई करते हैं.

तस्वीर: picture-alliance / Mary Evans Picture Library

जिमी गंभीर खबरों को हल्का करने के आरोपों से इनकार करते हैं, "गॉर्डन ब्राउन वाली खबर कोई गंभीर खबर नहीं थी. ये बस मजाक था. हो सकता है कि उसमें कुछ सच्चाई भी हो. मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि लोग क्या कहते हैं."

जिमी अपने अनोखे अंदाज के लिए मशहूर हैं और संवेदनशील राजनीतिक मामलों को दिखाने से भी पीछे नहीं हटते. उनके काम ने उनके कई दुश्मन बनाए हैं और 2008 में उन पर जानलेवा हमला भी हो चुका है पर वो अपने साथ कोई अंगरक्षक नहीं रखते और लगातार आजाद ख्याल के साथ बोलते रहते हैं. पिछले साल दिसंबर में उन्होंन वॉल स्ट्रीट जर्नल के मेहमान संपादकीय कॉलम में ताईवान की प्रेस की आजादी खत्म करने का आरोप लगाया. ताइवान की सरकार ने उनकी कंपनी के केबल टीवी का लाइसेंस हासिल करने के आवेदन को ठुकरा दिया. 2009 में ताइवान ने उनकी कंपनी पर जुर्माना लगाया इसकी भी खबर दिखाई गई और एनीमेशन में दिखाने का तरीका तो काफी भड़काऊ था. जिमी कहते हैं कि लोगों की आवाज हमेशा साफ और तेज सुनाई देती है. एनीमेटेड न्यूज के तेजी से फैलने के बावजूद उनका अखबार बंद करने का कोई इरादा नहीं है वो मानते हैं कि अखबारों का भविष्य सुरक्षित है लेकिन बड़े बदलाव की इसमें काफी गुंजाइश है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए जमाल

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