लोग असली और सच्ची मोहब्बत पाने के लिए क्या-क्या जतन नहीं करते, अब उनकी मुश्किलों आसान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आ गया है. यह मददगार सभी मुश्किलों को दरकिनार कर आपको मोहब्बत की मंजिल तक पहुंचा सकता है.
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अच्छे पार्टनर की तलाश करने वालों को अब तस्वीरें देखना, फेसबुक पर प्रोफाइलों को निहारने की जरूरत नहीं. बाजार में कुछ ऐसी डेटिंग ऐप दस्तक दे रही हैं जो आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से आपकी मोहब्बत की राह को आसान कर देंगी. ये डेटिंग ऐप ना केवल आपको ये बताएगी कि पहली मुलाकात में क्या बात करनी हैं बल्कि ये आपके लिए ऐसे साथी भी खोजेंगी जो आपके पसंदीदा सेलेब्रिटी जैसे दिखते हों.
बाजार में टिंडर जैसी स्मार्टफोन ऐप पहले से ही है जो डेटिंग के लिए उपलब्ध लोगों की जानकारी आपको देते हैं, पर ऐसी ऐप में आपको साथी ढूंढने के लिए बहुत मशक्कत करनी होती है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ऐप आपके लिए ना केवल आपकी मुलाकात की तैयारियां करेगी बल्कि यह सफर के शुरुआत से ही आपके साथ एक डेटिंग कोच की तरह काम करेंगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का एक ऐसा विज्ञान है जिसमें कंप्यूटर को इंसानी मस्तिष्क की तरह सोचने और फैसले लेने के लिए प्रोग्राम किया जाता है.
क्यों होता है प्यार?
वो गाना है ना, हो जाता है कैसे प्यार... न जाने कोई. न जाने कोई. ऐसा कैसे हो जाता कि कोई शख्स आपके दिल ओ दिमाग पर कब्जा कर ले? आपके पूरे वजूद पर कब्जा कर ले. बहुत से लोगों ने इसके बारे में लिखा है. ये रहीं कुछ थ्योरीज.
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पूर्णता का अहसास
प्लेटो ने अपनी किताब ‘सिम्पोजियम’ में कहा कि कभी इंसान की एक टांग होती थी और चार बाहों वाले शरीर पर दो सिर होते थे. फिर उसने ईश्वर को नाराज कर दिया. आसमान में बिजली कड़की. इंसान के दो टुकड़े हो गए. इस तरह आदमी अपने पार्टनर से अलग हो गया. इसलिए उसे पूर्णता के लिए किसी और की जरूरत पड़ती है और प्यार हो जाता है.
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अकेलापन कठोर है
बीसवीं सदी के महान लेखक बर्ट्रेंड रसेल कहते हैं कि इंसान का जन्म हुआ था बच्चे पैदा करने के लिए. लेकिन बिना प्यार के सेक्स संतोष नहीं देता. लेकिन दुनिया से अकेले लड़ना, अकेले ही जिंदा रहने का संघर्ष करना डराता है. प्यार उस डर से बचाता है. उस डर से बचने के लिए ही लोग प्यार करते हैं.
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कुदरत की चालाकी
18वीं सदी के दार्शनिक आर्थर शोपेनहावर के मुताबिक इच्छाएं ही इंसान को सोचने की ताकत देती हैं. लेकिन यह सब कुदरत की चालाकी है. इच्छाओं से प्यार होता है. दो इंसान मिलते हैं और बच्चे पैदा करते हैं. फिर वह प्यार ममत्व बनकर बच्चों पर बरसने लगता है. बच्चे पैदा करवाने के लिए कुदरत यह चालाकी करती है.
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प्यार दर्द है
महात्मा बुद्ध कह गए कि लोग प्यार करते हैं इच्छाएं पूरी करने के लिए, लेकिन यह तो दुखों का घर है. किसी से जुड़ाव दुख देता है. बुद्ध कहते हैं कि निर्वाण हासिल करने के लिए तो इच्छाओं के इस समुद्र से निकलना ही होगा. शांति प्राप्त करने के लिए इन सबसे ऊपर उठ जाना होगा.
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जीवन को अर्थ देने के लिए
मशहूर अस्तित्ववादी लेखिका सिमोन द बोभोआ एक अलग ही सिद्धांत देती हैं. उनके मुताबिक प्यार लोगों को एक दूसरे से मिलने और बात करने का मौका देता है. इससे जीवन अर्थपूर्ण हो जाता है. लेखक सार्त्र के प्यार में पागल रहीं सिमोन कहती हैं कि प्यार का मतलब है एक दूसरे का साथ देना, सहयोग करना और वह हासिल करना, जो अकेले हासिल नहीं किया जा सकता.
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अपना अपना प्यार
और शायर जकारिया शाज के अल्फाज में... मोहब्बत हौसला है अपना अपना कहीं मंज़िल किसी का रास्ता है
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ऑनलाइन डेटिंग की शुरुआत करने वाली ऐप ईहारमनी ने घोषणा की है कि वह एआई तकनीक से लैस ऐसा फीचर ला रही है जो यूजर्स को चैटिंग के बाद मिलने का भी सुझाव देगा. कंपनी के सीईओ ग्रांट लांगस्टन कहते हैं, "डेटिंग ऐप पर काफी सारी गतिविधियां होती हैं, लेकिन असल में कई लोगों को ये नहीं पता कि पूछना कैसे हैं, बात कैसे करनी है? ये देखकर हैरानी होती है कि कितने सारे लोगों को मदद की जरूरत है. हमें लगता है कि हम इस प्रक्रिया को ऑटोमेट कर सकते हैं."
ब्रिटिश डेटिंग ऐप लवफ्ल्यूटर की एआई का इस्तेमाल यूजर्स की चैट को देखकर उनके आपसी तालमेल को समझने की तैयारी में है. इसके बाद उन्हें मुलाकात के बारे में सुझाव दिया जाएगा. फिलहाल लवफ्ल्यूटर पहली डेट पर जाने के जगहों का सुझाव जरूर देती है. ऐप के सहसंस्थापक डियागो स्मिथ कहते हैं कि ये फीचर पहली डेट की तैयारी का प्रेशर कम करता है. टिंडर के संस्थापक शॉन राड कहते हैं, "एआई यूजर्स को अच्छा अनुभव देगा और संभव है कि आईफोन का वॉयस अस्सिटेंट सिरी भविष्य में एक मैचमेकर की भूमिका निभाए."
पूरी तरह आवाज से चलने वाली (वॉयस संचालित) ऐप एआईएमएम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पहले से ही परीक्षण कर रही है. इस ऐप के तकरीबन एक हजार यूजर्स हैं. जब यूजर इस ऐप को खोलता है तो मीठी से आवाज में ऑपरेटर उससे पूछता है कि आप अपनी पहली डेट में क्या करना चाहेंगे या कहां की यात्रा करना पसंद करेंगे.
इसके बाद यूजर को उसके व्यक्तित्व के मुताबिक जोड़ीदार बताए जाते हैं. अगर यूजर किसी को चुनता है तो फिर उसकी पूरी जानकारी ऐप उसे देती है. इसके कुछ दिनों बाद ऐप यूजर और उसके चुने गए पार्टनर के बीच फोन कॉल का समय तय करता है साथ ही पहली मुलाकात के लिए सलाह भी देता है. ऐप डेवलपर केविन तेमन कहते हैं, "ऐप आपको व्यक्तित्व के हिसाब से चीजें सुझाएगी, मसलन अगर यूजर परंपराओं को मानने वाला इंसान है तो मैं डिनर और वॉक का सुझाव दूंगा." पहली डेट के बाद ऐप उन लोगों की आगे की गतिविधियों पर भी नजर रखती है. वह देखती है कि दोनों यूजर एक दूसरे से मिल रहे हैं या नहीं.
डेटिंग ऐप बडू अब एआई और फेशियल रिकॉग्निशन (चेहरे की पहचान करने वाला) फीचर का इस्तेमाल कर रहा है. इन फीचरों के चलते यूजर ऐसा मैच ढूंढ निकालते हैं जिसका चेहरा किसी न किसी से मिलता हो, मसलन उनके पंसदीदा सेलिब्रिटी या उनके पिछले बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड से. इस ऐप में यूजर किसी की तस्वीर अपलोड करते हैं और ऐप वैसा चेहरा ढूंढ निकालते हैं. दुनिया भर में करीब 40 करोड़ लोग इस ऐप को इस्तेमाल कर रहे हैं. हॉलीवुड अभिनेत्री किम कार्दशियन, गायिका बियोंसे जैसे चेहरे लोग सबसे अधिक ढूंढते हैं.
हालांकि दुनिया में ऐसे भी बहुत से लोग हैं जिन्हें नहीं लगता कि आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के जरिए इंसान अपनी मोहब्बत खोज सकता है. इस तकनीक में शंका जाहिर करने वालों में एक नाम संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनियो गुटेरेश का भी है. गुटरेश कहते हैं, "मुझे इसमें थोड़ा संदेह है कि ये लोगों को साथी खोजने में कुछ मदद कर सकता है."
प्यार में पड़ने के 7 कारण
प्यार कैसे होता है, इसका सही जवाब तो किसी के पास नहीं. लेकिन मनोविज्ञानियों की मानें तो कई शोध इसके कुछ कारण जरूर गिनाते हैं. आइए देखें, दूसरों को आप में ऐसा क्या दिखता है जिससे वे आपकी ओर आकर्षित होते हैं.
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जैसे तुम, वैसी मैं
कहा तो ये भी जाता है कि विपरीत गुणों के लोग एक दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं. लेकिन कई विशेषज्ञ आज मानते हैं कि ऐसे लोग जिनके व्यक्तित्व मिलते जुलते हों, कई सारे शौक, पसंद-नापसंद समान हो, उनकी जोड़ी बनने की संभावना ज्यादा पायी गयी है.
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एक सी गंध
यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया की एक स्टडी में पाया गया कि महिलाओं को महीने के अपनी फर्टाइल अवधि में पुरुषों के पसीने की गंध के आधार पर उनके सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टीरॉन के स्तर का पता चलता है. इसके आधार पर वे किसी पुरुष को ज्यादा आकर्षक पाती हैं. ऐसी ही प्रतिक्रिया कई बार चौड़े जबड़े वाले पुरुषों के लिए भी होती है.
बॉडी लैंग्वेज आपके बारे में बहुत सारी बातें बता देते हैं. जैसे कि अगर आप जेब में ही हाथ रखते हैं, पीठ सीधी नहीं रखते या कंधे सामने की ओर झुकाए रखते हैं, तो सामने वाले इंसान को लग जाता है कि आपकी उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. वहीं अगर आप उसकी बातों पर प्रतिक्रिया देते हैं और शरीर उसकी तरफ रखते हैं, तो इससे आपकी दिलचस्पी झलकती है.
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आंखों आंखों में
मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञानी जॉन केलरमन ने एक दूसरे से अनजान 72 लोगों के साथ एक रिसर्च किया. उनके जोड़े बनाए और एक दूसरे की आंखों में केवल 2 मिनट तक देखने को कहा. इतने कम समय के बाद ही उन लोगों ने बताया कि वे एक दूसरे से कहीं ज्यादा जुड़ाव महसूस करने लगे थे. प्यार में भी आंखों का देर तक मिलना होता है.
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पालतू जानवर
मिशिगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने कई महिलाओं पर ध्यान दिया कि जब वे किसी पुरुष के बारे में संक्षिप्त विवरण पढ़ती हैं तो उनकी प्रतिक्रिया कैसी होती. अगर आदमी के पास पालतू कुत्ता हो तो उन्हें कई मामलों में लंबे रिश्तों के लायक समझा गया. पालतू पशु की देखभाल करने वाले लोग ज्यादा भरोसेमंद और खुशमिजाज होते हैं.
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संगीत से जुड़ते हैं तार
फ्रेंच रिसर्चरों ने पाया कि किसी व्यक्ति के किसी वाद्य यंत्र को बजाने की क्षमता को काफी आकर्षक गुण माना जाता है. एक परीक्षण किया गया जब दो युवाओं को सड़क पर रोक कर सैकड़ों युवा महिलाओं से उनके फोन नंबर मांगने थे. जिस युवा के कंधे पर गिटार टंगी थी उसे ज्यादा महिलाएं अपना नंबर देने को तैयार हुईं.
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प्यार का रंग लाल
स्लोवाकिया में हाल ही में हुई एक स्टडी दिखाती है कि जो महिलाएं लाल रंग ज्यादा पहनती हैं उन्हें ज्यादा सफल और आकर्षक माना जाता है और इससे पार्टनर मिलने में भी आसानी होती है. पाया तो ये भी गया है कि महिलाओं को भी लाल रंग पहनने वाले पुरुष उच्च तबके वाले लगते हैं और वे उनका ध्यान खींचते हैं.