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समाज

इंटरनेट के बिना भी जल्द हो सकेगा डिजिटल भुगतान

८ अक्टूबर २०२१

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को देश भर में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव रखा है.

तस्वीर: Imago-Images/AFLO

भारत में डिजिटल पेमेंट्स तेजी से बढ़ रहे हैं और मोबाइल ऐप के जरिए भी लोग छोटे-बड़े भुगतान कर रहे हैं. लेकिन कई बार इंटरनेट की वजह से डिजिटल भुगतान नहीं हो पाता है. अब भारतीय रिजर्व बैंक एक ऐसा ढांचा तैयार कर रहा है जिसके तहत ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट मुमकिन होंगे. जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है वहां भी ऑफलाइन मोड में डिजिटल लेनदेन किया जा सकेगा.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि ऑफलाइन मोड में डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाली इस नई तकनीक का पायलट सफल रहा है और सीख से संकेत मिलता है कि इस तरह के समाधान पेश करने की गुंजाइश खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में है. 6 अगस्त 2020 को विकासात्मक और नियामक नीतियों पर आरबीआई के वक्तव्य ने नवीन प्रौद्योगिकी के पायलट परीक्षण करने के लिए एक योजना की घोषणा की थी जो उन स्थितियों जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है तो ऑफलाइन मोड में भी खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाता है.

सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के तहत तीन पायलटों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया, जिसमें 1.16 करोड़ रुपये के मूल्य के 2.41 लाख की मात्रा को कवर करने वाले छोटे मूल्य के लेनदेन शामिल थे.

पायलट प्रोजेक्ट से मिले अनुभव और उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए, आरबीआई ने अब पूरे देश में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव दिया था.

पिछले साल से ही कोरोना वायरस के दौरान देश में डिजिटल भुगतान में तेजी आई थी. लोग नोट संक्रमण से बचने के लिए यूपीआई या फिर बैंक कार्ड द्वारा भुगतान करना पसंद कर रहे हैं. बैंकों द्वारा भी डिजिटल पेमेंट पर तरह तरह के ऑफर दिए जाते हैं जिससे यह आकर्षक होता जा रहा है. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवा देने वाले भी अपने ग्राहकों को कई तरह के कैशबैक और कूपन देते हैं.

इसी साल सितंबर महीने में डिजिटल पेमेंट ने नया रिकॉर्ड बनाया है. इस दौरान साढ़े छह लाख करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है. सितंबर लगातार तीसरा महीना है जब यूपीआई के जरिए 3 अरब से ज्यादा के लेनदेन हुए. यूपीआई से भुगतान करना आसान होता है क्योंकि इसमें सिर्फ नंबर या फिर बैंक खाता या क्विक रिस्पॉन्स कोड को स्कैन कर तुरंत पैसे भेजे जा सकते हैं. 

भारत में कई ऐसे इलाके हैं जहां इंटरनेट की पहुंच बहुत कमजोर है या ना के बराबर है. ऐसे में यह सुविधा उन लोगों को काफी लाभ दे सकती है.

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