भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली ब्रिटेन यात्रा पर अरबों की व्यावसायिक डील के अलावा प्रवासियों की एक बढ़ी सभा को भी संबोधित करेंगे. बिहार चुनाव के निराशाजनक नतीजे से प्रभावित हुई छवि को उबारने की भी कोशिश होगी.
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ब्रिटेन में रह रहे करीब 15 लाख भारतीय मूल के लोगों के अलावा ऐतिहासिक संबंध, क्रिकेट के प्रति लगाव और अंग्रेजी भाषा दोनों देशों को एक दूसरे से जोड़ती है. प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले 18 महीनों में मोदी की ये 26वीं विदेश यात्रा है. वे पिछले लगभग एक दशक में ब्रिटेन के दौरे पर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं. 12 से 14 नवंबर तक होने वाले दौरे पर मोदी लंदन के सबसे बड़े स्टेडियम में लोगों को संबोधित करेंगे. यहां 60 हजार से अधिक दर्शकों के आने का अनुमान है जो कि मोदी के अमेरिका दौरे में न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर गार्डेन में जुटी भीड़ के तीन गुना होगी.
ब्रिटेन रवाना होने से पहले भारत में मोदी सरकार ने 15 सेक्टरों में विदेशी निवेश के नियमों में ढील देने की घोषणा की है. हाल ही में आए बिहार विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी की हार के बाद उन्हें केवल राजनीतिक विरोधियों से ही नहीं बल्कि पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के कठिन सवालों का सामना करना पड़ रहा है.
भारत और ब्रिटेन के बीच 12 से 18 अरब डॉलर की डील पर भी हस्ताक्षर होने हैं. ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन दक्षिण एशिया में भारत और चीन जैसे देशों के साथ और मजबूत आर्थिक संबंध स्थापित करना चाहते हैं. इसी सिलसिले में पिछले दिनों चीनी राष्ट्रपति भी ब्रिटेन पहुंचे थे, जिस दौरान चीन और ब्रिटेन के बीच 62 अरब डॉलर का समझौता हुआ.
गुजरात में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों में संदिग्ध संलिप्तता के कारण ब्रिटेन ने 10 सालों तक उनकी ब्रिटेन यात्रा पर प्रतिबंध लगा रखा था. तीन साल पहले भारत की सर्वोच्च अदालत से क्लीन चिट मिलने के बाद ब्रिटेन ने ये प्रतिबंध हटाया और यात्रा के पहले ही दिन प्रधानमंत्री मोदी को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया है. हालांकि भारत में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के सवाल पर 3 दिन की यात्रा में उन्हें ब्रिटेन में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शनों का सामना भी करना पड़ सकता है.
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ब्रिटिश प्रेस में मोदी के बारे में हाल में काफी आलोचनात्मक लेख छपे हैं. लेफ्ट-झुकाव वाले दैनिक गार्डियन ने हाल ही में मोदी को एक "दुनिया को मंत्रमुग्ध करने वाला एक जोड़तोड़ और विभाजनकारी" नेता शीर्षक वाला लेख छापा था. हालांकि ब्रिटेन में भारतीय मूल के कई लोग प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर "यूके वेलकम्स मोदी" नाम की वेबसाइट चला रहे हैं और वेंबले स्टेडियम में उनका अभूतपूर्व स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं.
सन् 2000 तक ब्रिटेन अपने पूर्व उपनिवेश भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक साझोदार था. अब वह नीचे 18वें नंबर पर है और बेल्जियम, कुवैत जैसे देश भी ब्रिटेन से आगे हैं.
आरआर/एमजे (रॉयटर्स)
हवा में मोदी, कब कब कहां कहां गए
प्रधानमंत्री पद संभालने के पहले साल में नरेंद्र मोदी ने 365 में से 55 दिन विदेश में बिताए. साल भर में उन्होंने कुल 18 देशों का दौरा किया. यह संख्या अब 28 हो चुकी है. गिनती जारी है..
तस्वीर: Imago/Xinhua
भूटान
जून 2014 में बतौर प्रधानमंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए मोदी ने भूटान को चुना. पड़ोसी देश भूटान के साथ भारत के दशकों से अच्छे संबंध रहे हैं.
तस्वीर: Getty Images
ब्राजील
इसके बाद जुलाई में मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मलेन के लिए ब्राजील पहुंचे. यहां चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्षों से उनकी मुलाकात हुई.
तस्वीर: Reuters
नेपाल
अगस्त 2014 में मोदी नेपाल पहुंचे. संसद में भाषण देने के बाद वे पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने पहुंचे. नवंबर में वे सार्क शिखर सम्मलेन के लिए एक बार फिर नेपाल आए. नेपाल एकमात्र ऐसा देश है जहां प्रधानमंत्री मोदी दो बार जा चुके हैं.
तस्वीर: Prakash Mathema/AFP/Getty Images
जापान
अगस्त के अंत ने मोदी ने जापान का दौरा किया. राजधानी टोक्यो के अलावा वे क्योटो भी गए और दो बुद्ध मंदिरों के दर्शन करने भी पहुंचे.
तस्वीर: UNI
अमेरिका
सितंबर में मोदी ने अमेरिका का रुख किया, जहां ना केवल उन्होंने राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की, बल्कि संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित किया. अमेरिका में मोदी का किसी रॉकस्टार जैसा स्वागत हुआ.
तस्वीर: Reuters/Larry Downing
म्यांमार
अक्टूबर में मोदी भारत में ही रहे लेकिन नवंबर में उनके कई दौरे हुए. म्यांमार में वे आसियान शिखर सम्मलेन के लिए पहुंचे. यहां से वे ऑस्ट्रेलिया, फिर फिजी और उसके बाद नेपाल गए.
तस्वीर: Reuters/Soe Zeya Tun
ऑस्ट्रेलिया
मोदी 28 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया पहुंचने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. यहां उन्होंने जी20 शिखर सम्मलेन में शिरकत की और सिडनी क्रिकेट ग्राउंड भी गए.
तस्वीर: Reuters/R. Stevens
श्रीलंका
दिसंबर और जनवरी भी मोदी का समय घर पर ही बीता. मार्च 2015 में सेशेल्स और मॉरिशस होते हुए वे श्रीलंका पहुंचे. 1987 में राजीव गांधी के बाद श्रीलंका जाने वाले वे पहले प्रधानमंत्री हैं. मार्च के अंत में वे सिंगापुर भी गए.
तस्वीर: Reuters/D. Liyanawatte
फ्रांस
अप्रैल में मोदी तीन देशों की यात्रा पर निकले. सबसे पहले फ्रांस में उन्होंने राफाल लड़ाकू विमानों का सौदा तय किया. फ्रेंच स्पेस एजेंसी में उन्होंने भारतीय छात्रों के साथ सेल्फी ली.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Blumberg
जर्मनी
इसके बाद वे जर्मनी पहुंचे जहां उन्होंने चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ हनोवर मेले का उद्घाटन किया. राजधानी बर्लिन में उन्होंने जर्मनी में रह रहे भारतीयों को संबोधित किया. यहां से वे कनाडा गए.
तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Schwarz
चीन
मई में मोदी ने एक और तीन देशों का दौरा किया. चीन के म्यूजियम में चश्मा लगाए पुतलों के बीच खड़े मोदी की तस्वीरों ने सबका ध्यान खींचा. मोदी ने अपना दौरा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शहर शियान से शुरू किया.
तस्वीर: picture-alliance/ZUMA Press
दक्षिण कोरिया
चीन के बाद वे मंगोलिया और फिर दक्षिण कोरिया पहुंचे. दक्षिण कोरिया के साथ उन्होंने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
तस्वीर: Reuters/C. Sung-Jun
बांग्लादेश
जून की शुरुआत में मोदी बांग्लादेश पहुंचे. प्रधानमंत्री शेख हसीना के अलावा वे राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से भी मिले. इस दौरान मोदी की शेख हसीना पर महिला होने "के बावजूद" सफल होने की टिप्पणी आलोचनाओं में घिरी रही.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M.U. Zaman
रूस
जुलाई में वे रूस और पांच अन्य एशियाई देशों का दौरे पर गए. इनमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. मोदी ने रूस में सातवें ब्रिक्स सम्मलेन में भाग लिया.
तस्वीर: Reuters/S. Karpukhin
यूएई
अगस्त के मध्य में प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात का दो दिवसीय दौरा किया. यात्रा के पहले दिन वे शेख जायद मस्जिद गए. यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. माना जाता है कि मोदी ने जीवन में संभवत: पहली बार किसी मस्जिद में कदम रखा.
तस्वीर: UNI
संयुक्त राष्ट्र
सितंबर में संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने जी-4 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. यह ब्राजील, जापान, जर्मनी का भारत का संगठन है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के दावेदार हैं.
तस्वीर: Agencia Brasil
ब्रिटेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चिरप्रतीक्षित ब्रिटेन दौरा. इस दौरे पर प्रधानमंत्री ने महारानी एलिजाबेथ और शाही परिवार के साथ भोजन किया, प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ बातचीत की और बेंबली स्टेडियम में भारतीय मूल के हजारों लोगों को संबोधित किया.
तस्वीर: Reuters/D. Lipinski
तुर्की
तुर्की के अंताल्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन को मुख्यतः पर्यावरण सम्मेलन होना था लेकिन पेरिस पर आतंकी हमले के बाद मुख्य ध्यान आतंकवाद और आईएस से लड़ने पर रहा.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S. Walsh
अब आगे क्या?
अमेरिका, ब्रिटेन और तुर्की के बाद रिपोर्टों के अनुसार नवंबर में ही प्रधानमंत्री मोदी की इस्राएल, फलीस्तीन और सिंगापुर जाने की भी योजना है.