स्किन कैंसर का पता लगाने के लिए पहली बार एक ब्लड टेस्ट विकसित किया गया है. ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं का दावा है कि इससे मेलानोमा के शुरुआती चरण के बारे में पता लगाया जा सकेगा.
विज्ञापन
मेलानोमा यानि स्किन कैंसर के बारे में अगर शुरुआती चरण में पता चल जाए तो अगले पांच वर्षों तक जीने की संभावना 90 से 99 फीसदी तक हो जाती है. एडिथ काउवान यूनिवर्सिटी में शोध का नेतृत्व कर रहे पाउलीन जाएनकर के मुताबिक, अगर शुरुआती चरण में कैंसर का पता न चले तो यह पूरे शरीर में फैलने लगता है और अगले 5 साल तक जीवित रहने की संभावना घटकर 50 फीसदी हो जाती है. फिलहाल मेलानोमा का पता लगाने के लिए डॉक्टर उसे देखकर या बायोप्सी का सहारा लेकर जांच करते हैं. नए ब्लड टेस्ट के जरिए ऑटोएंडीबॉडीज की जांच की जाती है जो मेलानोमा से लड़ने के लिए शरीर में विकसित होता है.
जाएनकर कहते हैं, "शरीर में जैसी ही मेलानोमा विकसित होना शुरू होता है, ये एंटीबॉडीज पैदा होने लगते हैं. इसका पता ब्लड टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है."
शोधकर्ताओं ने मेलानोमा का पता लगाने के लिए 1,627 विभिन्न प्रकार के एंडीबॉडीज की जांच की जिसमें से 10 की पहचान हो सकी. इस ट्रायल में 105 मेलानोमा के और 104 स्वस्थ्य लोगों पर टेस्ट किया गया. करीब 79 फीसदी मामलों में मेलानोमा के शुरुआती चरण के बारे में पता चला. इस रिसर्च के बारे में ऑन्कोटारगेट जर्नल में विस्तृत लेख प्रकाशित हुआ है.
मेलानोमा रिसर्च ग्रुप के प्रोफेसर मेल जिमान के मुताबिक, अगर यह प्रयोग सफल रहा तो हम इसे पैथोलॉजी क्लिनिक में इस्तेमाल कर सकते हैं. इस रिसर्च का उद्देश्य है कि बायोप्सी और अन्य कैंसर जांच के पहले ही मेलानोमा के बारे में पता लगाया जा सके. जिन लोगों के चेहरे पर तिल अधिक होते है, पीले रंग की चमड़ी होती है या आनुवांशिक बीमारी रहती है, उनमें स्किन कैंसर का खतरा अधिक पाया जाता है. मेलानोमा एक खतरनाक कैंसर है जो आमतौर पर यूवी लाइट या सूरज की किरणों से होता है. न्यूजीलैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक मेलानोमा के मरीज पाए जाते हैं. हर साल यहां औसतन 14 हजार नए मरीजों का पता चलता है और करीब दो हजार की हर साल मौत होती है.
चेस विंटर/वीसी
इन बॉलीवुड हस्तियों ने किया कैंसर का मुकाबला
इन बॉलीवुड हस्तियों ने झेला कैंसर का दंश
इंडियन कैंसर सोसायटी के मुताबिक भारत में अगले 10 सालों में करीब डेढ़ करोड़ लोगों को कैंसर हो सकता है. इनमें से 50 फीसदी में कैंसर लाइलाज होगा. हिंदी फिल्म उद्योग की कई मशहूर हस्तियां भी कैंसर का दर्द झेल चुकी हैं.
संजय दत्त
फिल्म पत्रकार कोमल नाहटा ने ट्वीट कर बताया है कि अभिनेता संजय दत्त को कैंसर हो गया है. मीडिया में तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें तीसरे या चौथे स्टेज का फेफड़ों का कैंसर है. जल्द ही इलाज के लिए उनके अमेरिका रवाना होने के भी समाचार हैं. लेकिन खुद संजय ने इस बारे में सिर्फ इतना बताया है कि वे इलाज करा रहे हैं और अपील की है कि लोग इसे लेकर ज्यादा कयास ना लगाएं.
तस्वीर: Eros International
सोनाली बेंद्रे
अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को हाई ग्रेड मेटास्टैटिक कैंसर हो गया था. कैंसर शरीर के जिस हिस्से में सबसे पहले विकसित होता है उसे प्राइमरी स्पॉट कहते हैं और जब कैंसर सेल्स टूटकर दूसरे हिस्सों तक फैल जाते हैं तो वह मेटास्टैटिक कैंसर कहलाता हैं. न्यूयॉर्क में इलाज करवाने के बाद वे ठीक हो गईं.
तस्वीर: DW/P. ManiTtewari
इरफान खान
'पान सिंह तोमर' और 'मकबूल' जैसी फिल्मों से अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके इरफान को हाई-ग्रेड न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर हो गया था. लंदन में इलाज करवाया गया लेकिन 53 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. उन्होंने 2018 में बताया कि उन्हें कैंसर है. इसके बाद वह काफी समय तक फिल्मों से दूर रहे. 2019 में उन्होंने "अंग्रेजी मीडियम" फिल्म से वापसी की थी.
तस्वीर: picturealliance/AP Images/T. Jewell
विनोद खन्ना
बॉलीवुड के सबसे हैंडसम एक्टरों में शुमार रहे विनोद खन्ना ने 2017 में दुनिया को अलविदा कह दिया. वह लीवर के कैंसर से पीड़ित थे. गुरदासपुर से बीजेपी सांसद रहे खन्ना आखिरी बार 2015 में शाहरुख खान की फिल्म ‘दिलवाले’ में नजर आए थे. कैंसर से लड़ाई के अंतिम पलों में उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी जिससे वह कमजोर हो गए थे. उनकी तस्वीर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो फैन्स में निराशा की लहर दौड़ गई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/STRDEL
राजेश खन्ना
'जिंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ में है, बाबूमोशाये...' फिल्म 'आनंद' में एक कैंसर फाइटर की भूमिका निभाने वाले राजेश खन्ना को असल जिंदगी में भी इस गंभीर बीमारी से लड़ना पड़ा. कहा जाता है कि अपनी जिंदगी के आखिरी 20 दिनों में उन्हें अपने अंतिम समय का आभास हो गया था. 18 जुलाई 2012 को वह कैंसर से हार गए.
तस्वीर: AP
मनीषा कोइराला
2012 में मनीषा के कैंसर की खबर आई और बिन बालों वाली मनीषा की तस्वीरों ने उनके फैंस को हैरान कर दिया. कोइराला ने इस दौरान महिलाओं को प्रेरित किया कि कैंसर से निपटा जा सकता है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उनके परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है, इसलिए वह अपनी बीमारी पर हैरानी नहीं हैं.
तस्वीर: Getty Images
अनुराग बासु
गैंगस्टर, मर्डर और बर्फी के डायरेक्टर रहे अनुराग बासु को 2004 में मालूम चला कि वह ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं. डॉक्टरों ने कहा कि उनके पास ज्यादा वक्त नहीं है और लंबी उम्र की उम्मीद वह न रखें. लेकिन बासु लड़े और उन्होंने कैंसर को हराया.
तस्वीर: AP
मुमताज
जानी मानी अभिनेत्री मुमताज को 2002 में स्तन कैंसर से पीड़ित पाया गया. उन्हें छह कीमोथेरेपी और 35 रेडिएशन थेरेपी करानी पड़ी. मुमताज की उम्र उस समय 54 साल थी. अब 70 से ऊपर की हो चुकीं मुमताज अपने परिवार के साथ कभी लंदन तो कभी मुंबई में वक्त बिताती हैं.
तस्वीर: I. Mukherjee/AFP/Getty Images
नरगिस दत्त
बीते जमाने की मशहूर अदाकारा नरगिस को पैंक्रियाटिक कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया था. इस रोग के इलाज के लिए वह न्यूयॉर्क में रहीं, लेकिन वे इससे ज्यादा दिनों तक लड़ नहीं पाईं. नरगिस ने अपने बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म 'रॉकी' रिलीज होने के तीन दिन पहले ही दुनिया को अलविदा कह दिया.