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Mauern dieser Welt

११ अगस्त २०११

बर्लिन दीवार तो गिर गई, लेकिन दुनिया के दूसरे कई हिस्सों में अभी भी बाड़ और हाईटेक दीवारें लोगों को एक दूसरे से अलग रख रही हैं. इनमें कश्मीर में आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए बनाई गई बाड़ भी शामिल है.

28 साल तक खड़ी रही बर्लिन की दीवारतस्वीर: picture alliance/Lonely Planet Images

विभाजित राजधानी

साइप्रस 1974 में विभाजित हुआ था. विभाजन ग्रीस और तुर्की के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव और खूनी संघर्ष का नतीजा था. द्वीप के दोनों हिस्सों को बांटने वाली तथाकथित ग्रीन लाइन 180 किलोमीटर लंबी है और साझा राजधानी निकोसिया के बीच से होकर गुजरती है. निकोसिया बर्लिन दीवार गिरने के बाद से विश्व की एकमात्र विभाजित राजधानी है.

निकोसियाः मौजूदा दौर में इकलौती विभाजित राजधानीतस्वीर: picture-alliance/dpa

2003 में तुर्की द्वारा दैनिक दौरों के लिए सीमा खोले जाने के बाद से निकोसिया में तनाव कम हुआ है. लेकिन साइप्रस के ग्रीक हिस्से के यूरोपीय संघ में शामिल होने के बावजूद विभाजन समाप्त होने की संभावना बेहतर नहीं हुई है.

आप्रवासन विरोधी सुरक्षा दीवार

अमेरिका और मेक्सिको के बीच स्थित दीवार को मानवाधिकार कार्यकर्ता "शर्म की दीवार" कहते हैं. 3000 किलोमीटर लंबी घेराबंदी लोहे की चादरों, कांटे की बाड़ों, लोगों की उपस्थिति बताने वाले डिटेक्टर और इंफ्रारेड कैमरों से की गई है. दसियों हजार पुलिसकर्मी अवैध आप्रवासियों को रोकने के लिए सीमा की सुरक्षा करते हैं. लेकिन मेक्सिको, गुआटेमाला या होंडुरास के आप्रवासियों का आना जारी है, वे अपनी जान की बाजी लगा कर आ रहे हैं.

सीमा पर बनी दीवार के कारण वे अमेरिका में घुसने के लिए मरूभूमि का रास्ता लेते हैं. अमेरिका पहुंचने की कोशिश में हर साल करीब 400 विदेशी मारे जाते हैं. यह संख्या 28 सालों तक बर्लिन दीवार के रहते मारे गए लोगों की संख्या से भी ज्यादा है.

यूरोप के द्वार पर बाड़

चेउता और मेलिया स्पेन के हिस्से हैं और इसके साथ यूरोपीय संघ के भी. लेकिन दोनों अफ्रीकी महाद्वीप पर हैं. समृद्धि के ये द्वीप पूरे अफ्रीका के आप्रवासियों के लिए किसी तरह पहुंचने का लक्ष्य हैं. तारों वाली बाड़, वॉच टॉवर, ह्यूमन डिटेक्टर, इंफ्रारेड कैमरा और हथियारबंदी पहरेदार अवैध रूप से घुसने वाले अफ्रीकियों को रोकते हैं. इन सबके लिए धन का बड़ा हिस्सा शेंगेन संधि के ढांचे में यूरोपीय संघ देता है. सुरक्षा के कठोर कदमों के बावजूद शरणार्थी बाड़ पार कर यूरोप में घुसने की बार बार कोशिश करते हैं.

पश्चिम एशिया में नापाक दीवार

कोई उसे आतंकविरोधी बाड़ कहता है तो कोई नई बर्लिन दीवार. फलीस्तीनी कट्टरपंथियों के आतंकी हमलों से बचने के लिए इस्राएल ने वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से को दीवार और बाड़ से घेरकर इस्राएल से अलग कर दिया है. लेकिन यह दीवार फलीस्तीनी इलाके में गहरे तक जाती है और किसानों को उनके खेतों से अलग करती है तथा लोगों को लंबा रास्ता लेने पर मजबूर करती है.

इस्राएल और वेस्ट बैंक के बीच खड़ी दीवारतस्वीर: AP

इस्राएल के अनुसार दीवार की वजह से आतंकी हमले कम हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय तौर पर सीमा की ऐसी सुरक्षा विवादास्पद है. द हेग की अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने एक रिपोर्ट में कहा है कि फलीस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार में भारी कटौती हुई है.

कोरिया: शीतयुद्ध का फोकस

भारी पैमाने पर हथियारों से लैस उत्तरी और दक्षिण कोरिया की सीमा, जहां पूंजीवादी और साम्यवादी सेनाएं आमने सामने हैं, स्थिति बिगड़ने की आशंका लगातार बनी रहती है. जर्मनी की ही तरह कोरिया भी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बांट दिया गया. इसका फैसला अमेरिका और सोवियत संघ ने किया. 1945 तक जापान के कब्जे में रहे कोरिया से पूछा तक नहीं गया.

लेकिन इस फैसले के नतीजे कोरियाई प्रायद्वीप के दोनों हिस्से आज भी भुगत रहे हैं. सीमा बहुत हद तक अभेद्य है. उत्तर कोरिया के लोग पूरी दुनिया से अलग थलग हैं और भूखमरी से परेशान तथा तानाशाही शासन वाले अपने देश को छोड़कर नहीं जा सकते. दक्षिण और उत्तरी कोरिया की सेनाओं के बीच अकसर झड़पें होती रहती हैं. विभाजन के समाप्त होने की कोई संभावना नहीं दिखती.

भारत इस बाड़ का मकसद घुसपैठियों को रोकना बताता हैतस्वीर: AP

कश्मीर: 500 किलोमीटर बाड़

हथियारबंद विद्रोह का सामना कर रहे कश्मीर की सुंदर वादियों में 500 किलोमीटर तक तीन मीटर ऊंची बाड़ गुजरती है. बिजली के करंट वाली कांटेदार बाड़ के सहारे भारत पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर से आने वाले आतंकवादियों की घुसपैठ रोकना चाहता है. भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया में बाड़ एक समस्या बन गया है क्योंकि कश्मीर के लोगों को डर है कि भारत इसके जरिए इलाके को हमेशा के लिए बांट देना चाहता है.

रिपोर्ट: नील्स नाउमन/क्लाउडिया ब्रांट(मझा)

संपादन: ए कुमार

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