जर्मनी के हैम्बर्ग राज्य में एक नया कानून बना है जिसके तहत अब लोगों के पालतू जानवरों को उनके साथ दफनाया जा सकेगा. इसके लिए शहर के कब्रिस्तानों में अलग एक सेक्शन बनाया जाएगा.
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हैम्बर्ग जर्मनी के उन चंद शहरों में हैं जो एक राज्य का दर्जा भी रखते हैं. हैम्बर्ग की विधानसभा ने हाल में एक कानून पारित किया, जिसे लेकर पशु प्रेमी बहुत खुश हैं. अब उनके पसंदीदा पालतू जानवरों को उनके साथ दफनाया जा सकेगा.
नए कानून के तहत, पालतू जानवर की अस्थियों को एक कलश नुमा बर्तन में उन पूर्व निर्धारित कब्रों में रख दिया जाएगा, जहां मरने के बाद उनके मालिकों को दफनाया जाना है. अगर मालिक की मौत पहले हो जाती है तो फिर बाद में पालतू जानवर को मालिक के साथ दफनाने की जिम्मेदारी उसके परिजनों की होगी.
ग्रीन पार्टी की प्रवक्ता उलरिके श्पार कहती हैं, "बहुत से लोगों का अपने पालतू जानवरों से बहुत नजदीकी और भावनात्मक रिश्ता होता है. जानवर परिवार के सदस्य जैसे होते हैं, इसलिए मालिक और उसके पालतू जानवर को एक साथ दफनाने की अनुमति देने का फैसला सही है."
दुनिया भर में कुत्तों की 10 नस्लें सबसे ज्यादा पाली जाती हैं. एक नजर इन कुत्तों और उनके मिजाज पर.
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10. चिवावा
देखने में छोटे लेकिन तेज तर्रार और गु्स्सैल. कुत्तों की यह प्रजाति बहुत ही तेज प्रतिक्रिया देती है. छोटे कद के बावजूद इनकी हिम्मत इंसान को पंसद आती है. गुस्सा आने पर यह मालिक को भी नाराजगी तुरंत दिखा देते हैं.
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09. बुलडॉग
अपने घर और इलाके से प्यार करने वाले बुलडॉग आम तौर पर नींद निकालना बहुत पंसद करते हैं. तेज गर्मी इनसे बर्दाश्त नहीं होती. गुस्सा आने पर यह बेहद आक्रामक हो जाते हैं.
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08. बीगल
लंबे कान और नाटा कद. बीगल की नाक बहुत ही तेज होती हैं. खाने की खूशबू पाते ही यह मालिक को रिझाने लगते हैं. कई लोगों को इनकी यही मुहब्बत बड़ी पसंद आती है.
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07. बॉक्सर
ताकतवर शरीर और चेहरे पर हमेशा गंभीर चिंतन वाला भाव. बॉक्सर इसके लिए मशहूर हैं. बॉक्सर को खेल कूद काफी पंसद हैं. यह रखवाली भी जबरदस्त ढंग से करते हैं. लेकिन कुर्सी, मेज, जूते और पौधे अक्सर इनके खेल कूद की भेंट चढ़ जाते हैं.
नाटे लेकिन पीछा करने में माहिर. डाक्सहुंड असल में शिकारी प्रवृत्ति के कुत्ते हैं. यह पूरे परिवार से मुहब्बत करने के बजाए किसी एक पर जान छिड़कते हैं.
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05. यॉर्कशर टेरिएर
घने, मुलायम, लंबे बाल, यह छोटे आकार वाले यॉर्कशर टेरियर की पहचान हैं. खेल कूद में माहिर ये नस्ल हमेशा चौकन्नी भी रहती हैं. दूसरे कुत्तों के मुकाबले ये ज्यादा मूडी भी होते हैं.
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04. पूडल
डॉग शो में पूडल की उपस्थिति हमेशा दिखाई पड़ती हैं. तैराकी पसंद करने वाले ये कुत्ते इंसान और दूसरे जीवों के साथ आसानी से घुल मिल जाते हैं.
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03. जर्मन शेपर्ड
खोजी और बहादुर रखवाले, जर्मन शेपर्ड कुत्ते पुलिस, सेना और किसानों का बड़ा सहारा बनते हैं. बहुत तेज दिमाग वाले ये कुत्ते ट्रिक्स बड़ी जल्दी सीखते हैं. लेकिन गर्म जलवायु इन्हें परेशान करती है.
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02. गोल्डन रिट्रिवर
लंबे भूरे या सुनहरे बालों वाले गोल्डन रिट्रिवर देखने में बड़े खूबसूरत और मासूम लगते हैं. ये बहुत ही मिलनसार होते हैं और अंजान लोगों से भी आसानी से घुल मिल जाते हैं. ये बच्चों के साथ भी बड़े दोस्ताना ढंग से पेश आते हैं.
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01. लेब्राडोर रिट्रिवर
ये कुत्ते अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके में सबसे ज्यादा पाले जाते हैं. ये बहुत ही सामाजिक और पारिवारिक नस्ल है. इंसान के साथ वक्त बिताने में इन्हें बड़ा मजा आता है. लेकिन अगर इन्हें पर्याप्त समय न दिया जाए तो ये बहुत जल्द उदास भी हो जाते हैं.
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श्पार कहती हैं कि हैम्बर्ग के कब्रिस्तानों में इसके लिए अलग से सेक्शन बनाने की जरूरत है ताकि जिन लोगों को यह विचार पसंद नहीं है, उनका भी सम्मान हो सके.
हैंम्बर्ग में कब्रिस्तानों से जुड़ी संस्था के प्रवक्ता ने जर्मन केएनए समाचार एजेंसी को बताया कि शहर के उत्तरी हिस्से में एक नया कब्रिस्तान बनाया जा रहा है. वहां पर जानवर प्रेमी लोगों के लिए ढाई एकड़ की जमीन रखी गई है. उन्होंने कहा कि लोगों के साथ कुत्ते और बिल्ली जैसे छोटे जानवरों को ही दफनाया जा सकेगा, घोड़े जैसे बड़े जानवरों को नहीं.
जर्मनी में पालतू पशुओं के लिए लगभग 150 कब्रिस्तान हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे समुदाय हैं जो लोगों के साथ उनके पालतू जानवरों को दफनाने की अनुमति देते हैं. हैम्बर्ग के अधिकारियों का कहना है कि अभी एक साल का समय लगेगा. उसी के बाद किसी व्यक्ति को उनके पालतू जानवर के साथ दफनाया जा सकेगा.
कई लोग जानवरों के साथ घुल मिल कर रहते हैं. पालतू कुत्ते और बिल्लियां बच्चों के साथ खेलते हैं. अक्सर वो उन्हीं के साथ बिस्तर पर सो भी जाते हैं. लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि जानवरों से भी बीमारियां फैल सकती हैं.
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हवाई खतरा
चमगादड़ या फ्रूट बैट में इबोला का वायरस होता है. कुछ पश्चिमी अफ्रीकी देशों में ये छोटा चमगादड़ खाया जाता है. पहले यह वायरस जानवर से इंसान में आता है और फिर इंसान से इंसान में फैलता है और वह भी तेजी से. फिलहाल इसके रुकने का कोई उपाय दिखाई नहीं देता.
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काऊ पॉक्स
इसका सबसे बड़ा खतरा तो गायों को होता है. लेकिन वायरस बहुत संक्रामक होता है, खासकर इंसान के लिए. जर्मनी में काऊ पॉक्स के लिए कोई टीका नहीं है हालांकि चेचक का टीका लगा होने पर इससे अपने आप सुरक्षा हो जाती है. हाथ से दूध निकालने के कारण पहले इसका सीधा इंफेक्शन हाथों में होता था.
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म से मौत
एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप जाना आजकल न तो इंसानों के लिए मुश्किल है और न ही जानवरों और कीड़ों के लिए. जैसे यहां दिखाया जाने वाला एशियाई टाइगर मच्छर. बाकी जानवरों की तरह ही यह भी जहाज के रास्ते यूरोप तक पहुंच जाता है. यह मच्छर डेंगू फैलाता है.
यह बुखार जानवरों से इंसान में फैलता है. खासकर बच्चों और कमजोर वयस्कों में. और यह खतरनाक भी हो सकता है. वायरस का नाम है क्लेमिडोफेलिया सिटासी. इससे तोते और कबूतर बीमार होते हैं. इंसान में यह पक्षियों के सूखे बीट से फैल सकती है जो धूल के साथ हवा में फैल जाता है.
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लोमड़ी
2008 तक रेबीज जर्मनी में भी था. इसे फैलाने वाला जानवर था लोमड़ी. तेज टीकाकरण के बाद इस गंभीर बीमारी को नियंत्रण में लाया गया. जो लोग रेबीज वायरस से ग्रस्त हुए वह मौत के भी शिकार हुए.
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बिल्ली
कैट स्क्रैच फीवर बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है. यह संक्रमित बिल्ली के काटने या नोंचने से होता है. इसका वायरस बिना बीमार किए बिल्ली में कई साल रह सकता है. जर्मनी में इस वायरस से 13 प्रतिशत बिल्लियां ग्रस्त हैं. इंसान में इसके कारण तेज बुखार, काटे की जगह पर सूजन आ सकती है.