अब यूरोपीय संसद पहुंचा मी टू
२५ अक्टूबर २०१७![Frankreich EU-Abgeordnete fordern Untersuchung von Missbrauchsvorwürfen](https://static.dw.com/image/41106389_800.webp)
हॉलीवुड मुगल हार्वे वाइनस्टीन के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार और बलात्कार के आरोपों के बाद यौन शोषण पर मीडिया में आ रही खबरों ने यूरोपीय संसद के सदस्यों पर भी दबाव बढ़ा दिया है. बुधवार को सांसदों ने एक घंटे तक इस मुद्दे पर बहस की और सभी दलों के सांसद इस नतीजे पर पहुंचे कि यौन शोषण के आरोपों और शिकायत करने की इस समय मौजूद संभावनाओं की बाहरी विशेषज्ञों द्वारा जांच करायी जाए. गुरुवार को संसद इस संबंध में एक प्रस्ताव पास करेगी.
वाइनस्टीन कांड के बाद सोशल मीडिया पर चले अभियान मी टू के बाद कई यूरोपीय सासंदों और संसद के कर्मचारियों ने संसद प्रमुख अंटोनियो तजानी को लिखा, "वी टू." उन्होंने इस हैशटैग का इस्तेमाल कर अपने ऊपर हुए यौन हमलों के बारे में लिखा. तजानी को लिखे गये एक इमेल में कहा गया, "हम भी काम की जगह पर सांसदों या कर्मचारियों के हाथों, यौन शोषण, लैंगिक छींटाकशी, छेड़ छाड़ और यौन हमलों के शिकार हुए हैं या उसके गवाह हैं.""हां मेरे साथ भी हुआ सेक्स अपराध"
संसद प्रमुख अंटोनियो तजानी ने सोमवार को ही आरोपों के सामने आने के बाद सदमे का इजहार किया था और सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया था. लेकिन उन्होंने किसी बदलाव या स्वतंत्र जांच की कोई जरूरत नहीं देखी. उन्होंने कहा कि इसे बाहरी हाथों में नहीं दिया जाना चाहिए. संसद प्रमुख ने कहा कि 2014 से ही संसद की एक संस्था है जहां पीड़ित शिकायत कर सकते हैं. तजानी ने कहा, "देखते हैं कितने लोग शिकायत करते हैं."
शिकायत जमा करने का काम ब्रसेल्स की ऑनलाइन पत्रिका पोलिटिको ने किया है जिसका कहना है कि उसके पास पीड़ितों की ओर से बलात्कार, यौन हमलों और छेड़ छाड़ की 30 शिकायतें मिली हैं. सोशल डेमेक्रैटिक पार्टी, ग्रीन और लेफ्ट पार्टी ने सिर्फ छेडछाड़ के मामलों के लिए शिकायत दफ्तर का प्रस्ताव दिया था लेकिन उसे नहीं माना गया. मौजूदा संस्था मॉबिंग के मामले भी देखती है. कंजरवेटिव संसदीय दल की प्रमुख एलिजाबेथ मोरीन कार्टियर ने अलग संस्था की मांग ठुकराते हुए कहा कि यौन छेड़ छाड़ और मनोवैज्ञानिक छेड़ छाड़ का अंतर बहुत कम होती है.
एमजे/एनआर (डीपीए)