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अब हेडली को मुंबई हमलों पर गर्व नहीं

२७ मई २०११

मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की योजना में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले डेविड कोलमैन हेडली को अब हमले पर कोई 'गर्व' नहीं है. शिकागो की एक अदालत को हेडली की गवाही चल रही है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

गवाही के दौरान जब बचाव वकील पैट्रिक डब्ल्यू बेलगन ने हेडली से पूछा कि क्या अब भी उसे 160 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले मुंबई हमले पर गर्व है, तो उसने कहा, "नहीं."

हमलों पर बधाई मिली

शिकागो की इस अदालत में एक अन्य अभियुक्त तहव्वुर हुसैन राणा पर मुकदमा चल रहा है, जिसमें हेडली मुख्य गवाह है. हेडली पहले ही अपना जुर्म कबूल करके सरकारी गवाह बन चुका है.

हेडली ने ही मुंबई में हमलों के लिए ठिकानों की पहचान की और फिर उनकी महीनों तक निगरानी करके लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों को सूचनाएं मुहैया कराईं. उसने कहा कि जब मुंबई हमले हुए तब उसे गर्व था. वह बताता है कि जो लोग हमले में उसकी भूमिका से वाकिफ थे, उन्होंने हमला सफल होने के बाद उसे बधाई संदेश भेजे थे. बधाई देने वालों में आतंकवादी पाशा, उसकी पत्नी और साजिद मीर शामिल थे.

फिल्म बनाना चाहता था राणा

डेविड हेडली ने अपने साथी तहव्वुर राणा के बारे में भी कई जानकारियां दी हैं. मसलन उसने बताया कि राणा बॉलीवुड में एंट्री चाहता था और फिल्म निर्माता बनने की ख्वाहिश रखता था. हेडली ने बताया कि राणा फिल्मकार महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट को हीरो लेकर एक फिल्म बनाना चाहता था.

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को अपने इरादों में कामयाबी नहीं मिली क्योंकि यह काम लश्कर ए तैयबा के आदर्शों के खिलाफ है. इसलिए लश्कर ने राणा को इजाजत नहीं दी. लेकिन हेडली के मुताबिक राणा राहुल को काफी पसंद करता था. यहां तक कि उसने उसकी जान बचाने की भी कोशिश की. उसने राहुल भट्ट से कहा कि 26 नवंबर को दक्षिण मुंबई में न जाए. उसी दिन लश्कर का आतंकवादी हमला हुआ था.

रिपोर्टः एजेंसिया/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह

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