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अब 270 डिग्री में दिखेंगी फिल्में

१५ अक्टूबर २०१३

एचडी, अल्ट्रा एचडी और 3डी में फिल्में. दिन पर दिन टीवी और सिनेमा का अनुभव बेहतर होता चला जा रहा है. और अब फिल्में देखी जा सकती हैं 270 डिग्री में.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

फिल्में देखने का अनुभव अब हकीकत के बहुत करीब आता चला जा रहा है. 3डी फिल्मों में आप परिंदों को ऐसे उड़ते हुए देख सकते हैं, जैसे वे वाकई आपके करीब से गुजरे हों. एचडी और ब्लू रे में कैमरा रंगों को कुछ ऐसे कैद करता है कि आप मंत्रमुग्ध रह जाएं. अब 270 डिग्री में सिनेमा का अनुभव कुछ ऐसा होगा कि आप 3डी को भी भूल जाएंगे. इसे 'स्क्रीन एक्स' का नाम दिया गया है. दक्षिण कोरिया की सिनेमा चेन सीजे सीजीवी ने इसे लॉन्च किया है. पिछले दिनों कोरिया में हुए बुसान फिल्म फेस्टिवल के दौरान इसे पहली बार दिखाया गया.

30 मिनट की थ्रिलर फिल्म 'द एक्स' को एक साथ तीन स्क्रीनों पर दिखाया गया. फिल्म का निर्देशन किम जी वून ने किया है जिन्होंने इस साल आर्नोल्ड श्वार्सनेगर की फिल्म 'द लास्ट स्ट्रैंड' का भी निर्देशन किया है. किम जी वून ने स्क्रीन एक्स की तुलना आई मैक्स से करते हुए कहा कि यह उस से भी बेहतर है, "आपके सामने पूरी जगह भर जाती है. दर्शकों को यह एक अलग सी ही गहराई में ले जाता है."

दो लाख डॉलर खर्च

बुसान में स्क्रीन एक्स पर फिल्म देखते हुए दर्शकों को मजा तो खूब आया, पर शुरुआत में वह थोड़े हैरान परेशान भी लगे, क्योंकि वे समझ ही नहीं पा रहे थे कि दाएं देखें, बाएं या फिर सामने. एक 19 साल के दर्शक ने कहा, "मुझे बहुत मजा आया. मुझे 3डी में इतना मजा नहीं आता. लेकिन यहां तो ऐसा लगा जैसे मैं फिल्म के अंदर ही हूं."

सैमसंग का अल्ट्रा एचडी टीवीतस्वीर: imago/Stefan Zeitz

सिनेमा चेन सीजे सीजीवी इस तकनीक को चीन, हांग कांग और अमेरिका तक ले जाना चाहती है. लेकिन कंपनी ने अब तक इसे ले कर कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की है. इन स्क्रीन को लगाने का खर्च भी डेढ़ से दो लाख डॉलर के बीच है. साथ ही सिनेमा घरों में इन स्क्रीन के लगने से जो बदलाव किए जाएंगे उनसे सीटों को कम करने की जरूरत पड़ेगी. कंपनी अक्टूबर के अंत तक दक्षिण कोरिया के 31 सिनेमा घरों में स्क्रीन एक्स लगाने की तैयारी में है.

दरअसल इस तरह की फिल्म शूट करने के लिए तीन कैमरों की जरूरत होती है. एक ही सीन को तीन अलग अलग एंगल से शूट किया जाता है और फिर इन तीनों को मिला दिया जाता है. इसे फिर तीन स्क्रीनों पर दिखाया जाता है जो कुल 270 डिग्री में दिखती हैं.

गिरगिट जैसी आंखें

हमारे आसपास की दुनिया 360 डिग्री में दिखती है. इसमें हम अपने चारों तरफ देख सकते हैं. लेकिन एक वक्त पर बिना गर्दन घुमाए इंसानी आंख 160 से 210 डिग्री तक ही देख सकती है. देखने के मामले में गिरगिट की आंखें सबसे तेज होती हैं. बगैर गर्दन जरा भी घुमाए वह चारों तरफ देख सकती है, एक बार में पूरे 360 डिग्री. फिल्म बनाने वालों की नजर भी इन अद्भुत नजरों पर टिकी हैं. हो सकता है कि आने वाले समय में फिल्मों का अनुभव 360 डिग्री में हो. तब शायद तीन की जगह चार स्क्रीन लगाई जाएं.

वैसे बकरी की आंखें भी कम नहीं. वह पूरे 360 तो नहीं पर 320 से 340 डिग्री तक देख सकती है. यानी अगर आप पीछे से बकरी पर हमला करना चाहें तो बिना आपकी तरफ घूमे ही बकरी को आपकी हर हरकत का पता होता है. शायद फिल्मों के जरिए भविष्य में हम भी इन जानवरों की तरह देखने में सक्षम होंगे और तब फिल्म हमारे सामने नहीं, हमारे चारों तरफ चला करेगी.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया (एएफपी)

संपादन: आभा मोंढे

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