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अभिनव बिंद्रा ओलंपिक से बाहर

३० जुलाई २०१२

पिछले ओलंपिक में भारत को इकलौता स्वर्ण पदक जिताने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर राइफल के पहले दौर में बाहर हो गए. गगन नारंग ने फाइनल में जगह बना ली है. महिला तीरंदाज बोम्बेला देवी ने आखिरी 16 में जगह बनाई.

तस्वीर: AP

बीजिंग में 2008 में भी ठीक ऐसा ही हुआ था. रजत पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पहले दौर में चूक कर और मुकाबले से बाहर हो गए थे. उसके बाद अभिनव बिंद्रा ने अचूक निशाना लगाते हुए स्वर्ण पदक जीता. इस बार भी वैसा ही हुआ, बिंद्रा की बंदूक दगा दे गई और उन्हें पहले दौर में ही बाहर निकलना पड़ा. अब सबकी निगाहें गगन नारंग पर हैं, जो हाल के दिनों में जबरदस्त फॉर्म में नजर आ रहे हैं.

इटली के निकोलो कंपरियानी ने सधी हुई राइफल चलाई और 599 अंकों पर निशाना लगा दिया. उनके पास सबसे ज्यादा अंक हैं. लंदन के रॉयल आर्टिलरी बैरक में हुई इस प्रतियोगिता में रोमानिया के अलिन गियोर्ग मोलदेवेन्यू के पास भी 599 अंक हैं और वह दूसरे नंबर पर हैं. गगन नारंग ने इस प्रतियोगिता में 598 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया और वह फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गए. लेकिन आज के प्रदर्शन से यह साफ है कि पदक पाने के लिए उन्हें भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

कुल आठ निशानेबाजों को फाइनल दौर के लिए चुना गया. अभिनव बिंद्रा सिर्फ 594 अंक हासिल कर पाए और वह 16वें नंबर पर रहे. पिछले साल उन्होंने इस प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीता था. बिंद्रा की राइफल ने हाल के दिनों में कुछ खास कमाल नहीं दिखाया है. उन्होंने तैयारियों को देखते हुए लंदन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत का ध्वज वाहक बनने से भी मना कर दिया था. ताकि वह अपने प्रदर्शन पर ध्यान लगा सकें. लेकिन इसके बाद भी उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई.

दूसरी तरफ गगन नारंग को मौजूदा समय का शानदार शूटर समझा जाता है. उन्होंने राइफल प्रतियोगिता में पूरे 600 अंक हासिल किए हैं, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इसके अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके नाम आठ स्वर्ण पदक हैं, जिनमें से चार उन्होंने 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में जीते हैं, जबकि बाकी के चार 2006 मेलबर्न गेम्स में हासिल किए गए थे.

जर्मन शहर म्यूनिख में 2010 में हुए विश्व चैंपियनशिप में वह तीसरे नंबर पर रहे हैं, जबकि उसी साल चीन में हुए वर्ल्ड कप में भी उन्हें तीसरा नंबर मिला था. एशियाड 2010 में नारंग के हाथ एक रजत पदक लगा था.

निशानेबाजी के अलावा भारत को ओलंपिक में तीरंदाजी में भी कामयाबी मिली, जब बोम्बेला देवी राउंड ऑफ 16 में जगह बनाने में कामयाब हो गईं. इसके साथ ही भारत की पदक की आस भी बढ़ गई है. मणिपुर की बोम्बेला पिछले ओलंपिक में भी शामिल हो चुकी हैं, जहां उन्हें पहले दौर से ही बाहर होना पड़ा था.

इसके अलावा साइना नेहवाल ने अपना मैच जीत कर दूसरे चक्र में प्रवेश किया है, जबकि कुछ दूसरे भारतीय खिलाड़ी भी दूसरे चक्र में पहुंच चुके हैं. ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन कभी अच्छा नहीं रहा है और पिछली बार उसने एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीते थे. आजादी के बाद से भारत ने अब तक कुल 14 ओलंपिक पदक जीते हैं.

एजेए/ओएसजे (रॉयटर्स)

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