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अभी नहीं जाएंगे बांग्लादेश से रोहिंग्या

२२ जनवरी २०१८

बांग्लादेश से रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने की योजना फिलहाल लागू होती नहीं नजर आ रही है. बांग्लादेश ने कहा है कि प्रशासन को रोहिंग्या लोगों को वापस भेजने से पहले तमाम तैयारियों की जरूरत है.

Bangladesch Rohingya-Flüchtlinge in Cox's Bazar
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/K. Riasat

रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने की बांग्लादेश-म्यांमार डील के अंतर्गत यह कार्यक्रम 23 जनवरी से शुरू होना था. लेकिन 22 जनवरी को बांग्लादेश के रिफ्यूजी रिलीफ एंड रिपेट्रिऐशन कमीशनर मोहम्मद अबुल कलाम ने अपनी घोषणा में बताया कि इस ओर अभी काफी काम किया जाना बाकी है. कलाम ने कहा, "अब तक हम भेजने से जुड़ी सारी तैयारियां नहीं कर पाए हैं, इसलिए 23 जनवरी से यह संभव नहीं हो सकेगा."

पिछले साल अगस्त में तकरीबन 7 लाख रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा के बाद म्यांमार छोड़ बांग्लादेश भाग आए थे. मानवाधिकार संस्थाओं का आरोप है कि म्यांमार ने रोहिंग्याओं का सफाया करने की कोशिश की. हालांकि म्यांमार सेना इस दावे को खारिज करती है. सेना का कहना है कि रखाइन प्रांत में पुलिस पोस्ट पर रोहिंग्या चरमपंथियों के हमले के बाद ही सैन्य कार्रवाई की गई. हालांकि इस मुद्दे पर दुनिया भर में म्यांमार की काफी आलोचना हुई.

लेकिन पिछले महीने बांग्लादेश और म्यांमार के बीच हुए समझौते में हर हफ्ते कुछ सौ रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजना तय किया गया था. इस प्रक्रिया के तहत दो साल में रोहिंग्या बांग्लादेश से म्यांमार वापस भेज दिए जाते. संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों का कहना है कि यह म्यांमार वापसी स्वेच्छा से होनी चाहिए. बांग्लादेश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त किया है कि वही लोग वापस भेजे जाएंगे जो जाने के इच्छुक होंगे. साथ ही इस प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी एजेंसी को भी शामिल किया जाएगा.

एए/आईबी (एएफपी)

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