अमेजन पर आरोप है कि उसके मोबाइल ऐप स्टोर में ऐसे कई ऑनलाइन गेम हैं, जहां तक बच्चे आसानी से पहुंच सकते हैं और बिना अनुमति के मां बाप के अकाउंट से पैसा खर्च कर सकते है. मां बाप को इसकी भनक तब लगी जब उनके अकाउंट से पैसे कटते चले गए. अमेरिका के संघीय कारोबार आयोग के मुताबिक अमेजन ने बच्चों को उन ऑनलाइन गेम्स तक पहुंचने दिया, जहां वो अपने मां बाप के पैसे खर्च कर सकें.
कुछ गेम खेलने के लिए काल्पनिक सिक्कों की जरूरत होती है, लेकिन इन्हें खरीदने के लिए असली मुद्रा चाहिए. ये गेम जिस ऐप के जरिए खेले जाते हैं, उन्हें अमेजन ने ही बेचा. संघीय कारोबार आयोग के दस्तावेजों के मुताबिक 2011 और 2012 के दौरान अमेजन को यह पता था कि इस तरह के ऐप से किस तरह की परेशानी सामने आ सकती है. इसके बावजूद कंपनी ने कमी मिटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
व्हाट्सऐप का सौदा करने के बाद फेसबुक उन बड़ी कंपनियों में शामिल हो गई है, जिन्होंने हाल के बरसों में उभरती हुई इंटरनेट और कंप्यूटर कंपनियों का सौदा किया है. देखते हुए दुनिया की कुछ बड़ी डील.
फोटो शेयरिंग सॉफ्टवेयर इंस्टाग्राम कभी सुर्खियां बटोर रहा था. 2012 में फेसबुक ने इसे अपनी झोली में डाल लिया. 1.1 अरब डॉलर के सौदे के बाद इंस्टाग्राम पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpaमाइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट टंबलर की शुरुआत 2007 में हुई. छह साल बाद 2013 में याहू ने 1.1 अरब डॉलर में इस कंपनी को खरीद लिया. टंबलर पर 17 करोड़ से ज्यादा ब्लॉग हैं.
तस्वीर: Fred Dufour/AFP/Getty Imagesबिल गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट ने तेजी से उभर रही इंटरनेट टेलीफोनी स्काइप को 2011 में जब 8.5 अरब डॉलर में खरीदा, तो कंप्यूटर जगत में तहलका मच गया. स्काइप इसके बाद भी खासा पॉपुलर है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaकंप्यूटर बनाने वाली कंपनी कॉमपैक को 2001 में अमेरिका की दिग्गज कंप्यूटर कंपनी ह्यूलेट पैकर्ड यानि एचपी ने 25 अरब डॉलर में खरीदा. इसके बाद से कॉमपैक के ज्यादातर प्रोडक्ट एचपी के नाम से आने लगे.
एप्पल और सैमसंग को चुनौती देने के इरादे से माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया को 7.2 अरब डॉलर में खरीद लिया. 2013 में हुए इस सौदे के बाद विंडो फोन से दूसरे स्मार्टफोनों को टक्कर देने की कोशिश हो रही है.
तस्वीर: picture-alliance/AP2011 में गूगल ने मोटोरोला को 12.5 अरब डॉलर में खरीदा था लेकिन तीन साल बाद इसे सिर्फ 2.9 अरब डॉलर में लेनेवो के हवाले कर दिया. हालांकि सौदे में कई लाइसेंस गूगल ने अपने पास रखे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaदुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वेबसाइट यूट्यूब 2006 में सिर्फ 1.65 अरब डॉलर में बिकी. अगर यह सौदा अब होता तो गूगल को शायद सबसे ज्यादा रकम का सौदा करना पड़ता.
तस्वीर: picture-alliance/dpaसन का जावा सॉफ्टवेयर बेहद मशहूर है. लेकिन कंपनी संघर्ष कर रही थी और 2009 में अमेरिका की विशाल ओरैकल ने सन माइक्रोसिस्टम और इसके जावा प्रोग्रामिंग को 7.4 अरब डॉलर में खरीद लिया.
तस्वीर: Kimihiro Hoshino/AFP/Getty Imagesजब इस सॉफ्टवेयर का कोड भी नहीं लिखा गया था, तभी नाम तय हो गया था. व्हाट्सऐप की तर्ज पर. चार साल में हरे रंग का चौकोर निशान 19 अरब डॉलर का हो गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
"पास के घर में लगी आग को बुझाएं" यह एक गेम का न्योता है, बच्चे इससे ललचाते हैं और पूरी शिद्दत से आग बुझाने में जुट जाते. जैसे जैसे वो आग से निपटते, वैसे वैसे उनके मां बाप का अकाउंट राख होता जाता. ज्यादा सिक्के खरीदने के लिए 99.99 डॉलर खर्च करने होते हैं. खरीद के लिए हां करने पर किसी तरह के पासवर्ड की जरूरत नहीं पड़ती. टिक किया और पैसा कटा.
नवबंर 2011 में कई अभिभावकों ने अपने खाते से बिना जानकारी के हजारों डॉलर कटने की शिकायत की. जांच में पता चला कि यह पैसा गेम्स ऐप के सहारे अमेजन ने लाखों डॉलर काट लिए. मुकदमे में संघीय कारोबार आयोग ने कहा कि अमेजन सभी ग्राहकों को उनका पूरा पैसा लौटाए. जुर्माने की भी बात की गई है, हालांकि रकम का जिक्र नहीं किया गया है. कंपनी से इस तरह कमाया गया किसी भी तरह का मुनाफा लौटाने को भी कहा गया है.
इसी तरह के आरोप एप्पल पर भी लगे. जनवरी में एप्पल ने अभिभावकों को 3.25 करोड़ डॉलर लौटाने का वादा किया. असल में इन दिनों ऐप स्टोर में ऐसे कई गेम है, जिनमें इन-ऐप चार्ज होता है. आम तौर ऐसे ऐप इस्तेमाल करने से पहले एक नोटिफिकेशन आता है कि इसमें पैसे कट सकते हैं. बच्चे समेत कई लोग आम तौर पर इसे "यस" कर देते हैं और पैसे कटने लगते हैं.
ओएसजे/एजेए (एएफपी)