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अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी युद्ध शुरू

२३ मार्च २०१८

चीन के खिलाफ कारोबारी युद्ध छेड़ने के बाद डॉनल्ड ट्रंप अब बीजिंग को अलग थलग करने की कोशिश कर रहे हैं. चीन ने अमेरिका को जबावी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

China USA Donald Trump & Xi Jinping | Große Halle des Volkes
तस्वीर: Reuters/D. Sagolj

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है. गुरुवार को ट्रंप ने चीन पर आरोपों की छड़ी लगाते हुए कई कड़े फैसले किए. व्हाइट हाउस ने आरोप लगाया कि चीन अमेरिका की संवेदनशील तकनीक और कारोबारी सीक्रेट हासिल करने की कोशिश कर रहा है. बीजिंग पर बौद्धिक संपदा की चोरी के आरोप भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने लगाए. चीन के एल्युमिनियम और स्टील पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद ट्रंप ने अमेरिका में चीनी कंपनियों के निवेश को भी सीमित करने का एलान किया. ट्रंप के मुताबिक चीन खास रणनीति के तहत अमेरिका में कुछ सेक्टर्स में निवेश कर रहा है और गोपनीय जानकारी हासिल करना चाहता है.

चीन में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए कड़े नियम हैं. इन नियमों के मुताबिक विदेशी कंपनियों को किसी चीनी कंपनी से पाटर्नरशिप करनी पड़ती है. पाटर्नरशिप के सात साल बाद दोनों कंपनियों को मिलकर एक साझा प्रोडक्ट तैयार करना पड़ता है. पश्चिम की कंपनियों को हमेशा यह डर सताता है कि साझा प्रोडक्ट के जरिए चीन तकनीकी ज्ञान हासिल करने की कोशिश करता है. अगर चीनी कंपनियों के प्रोडक्ट्स को देखें, तो यह डर वाजिब मालूम पड़ता है. ट्रंप ने चीन की नीतियों को बौद्धिक संपदा की चोरी करार दिया और विश्व व्यापार संगठन का दरवाजा खटखटाने का एलान किया.

अमेरिकी राष्ट्रपति के इन कदमों पर भारी नाराजगी जताते हुए चीन ने भी अमेरिका को चेतावनी दी है. बीजिंग ने कहा कि वह "कारोबारी युद्ध से बिल्कुल नहीं डरता." चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने भी ऐसे 128 प्रोडक्ट्स की सूची तैयार की है जो अमेरिका से खरीदे जाते हैं. इनमें मेवे, वाइन और सूअर का मांस जैसी चीजें शामिल हैं. इनकी कीमत करीब 3 अरब डॉलर है. चीन का कहना है कि वह भी अमेरिकी उत्पादों में शुल्क बढ़ाएगा.

चीन ने दुनिया भर के देशों से अमेरिकी कदमों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. चीन के अखबार चाइना डेली ने ऐसी मांग करते हुए एक लंबा लेख भी लिखा है. लेकिन चीन की इस अपील का बहुत ज्यादा असर होता नहीं दिख रहा है. अमेरिका ने यूरोपीय स्टील और एल्युमिनियम पर अमेरिका में ज्यादा टैक्स लगाने के प्रस्ताव को फिलहाल टाल दिया है. जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले का स्वागत किया है. यूरोपीय संघ के मुताबिक "यह प्रगति है, बात करते रहनी होगी."

ओएसजे/आईबी (एपी, रॉयटर्स, डीपीए)

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