अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू किया. उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद हालात बेहद नाजुक हो चले हैं.
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सोमवार को दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने पांच दिवसीय युद्धाभ्यास शुरू किया. इसमें दोनों देशों के बेहतरीन लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं. युद्धाभ्यास को दोनों देशों का अब तक सबसे अत्याधुनिक अभ्यास कहा जा रहा है.
इस दौरान सैकड़ों विमानों और दो दर्जन लड़ाकू विमानों ने दक्षिण कोरिया के आकाश पर अभ्यास किया. "विजिलेंट ऐस" नाम के इस अभ्यास के जरिये उत्तर कोरिया को सीधा संदेश दिया जा रहा है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया यह जता रहे है कि उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल ठिकाने उनकी जद में हैं.
युद्धाभ्यास की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने इसके लिए अपने छह एफ-22 और 18 एफ-35 भेजे हैं. अमेरिका के 12,000 सैनिक और पांचवीं पीढ़ी के भी कई लड़ाकू विमान इसमें हिस्सा ले रहे हैं. अमेरिकी नौसेना और मरीन्स के सैनिक भी इसमें शामिल हैं. दक्षिण कोरिया के मीडिया के मुताबिक आने वाले दिनों में दो लॉन्ग रेंज बी-1बी बॉम्बर भी इसमें हिस्सा लेंगे.
सबसे लंबी मारक क्षमता वाली मिसाइलें
कई देश एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में वार करने वाली मिसाइल बनाना चाहते हैं. एक नजर सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass/D. Rogulin
R-36M (16,000 किलोमीटर)
रूस की R-36M दुनिया की सबसे लंबी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है. 8.8 टन वजन वाली यह सबसे भारी मिसाइल भी है. एक से छह मॉडलों वाली इस मिसाइल की क्रूजिंग स्पीड 28,440 किलोमीटर प्रति घंटा है.
चीन की इस इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल को नाटो CSS-4 भी कहता है. इस मिसाइल की जद में अमेरिका भी आता है. मिसाइल छह रि-एंट्री व्हिकल भी ढो सकती है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/Wei Yao
R-29RMU सिनेवा (11,547 किमी)
यह रूस की तीसरी पीढ़ी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है. 2007 में सेना में शामिल यह मिसाइल 2030 तक इस्तेमाल की जा सकेगी. इसे बेहद सटीक मिसाइल भी माना जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
UGM-133 ट्राइटेंड (11,300 किमी)
UGM-133 ट्राइटेंड अमेरिकी मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से छोड़ा जाता है. माना जाता है कि ये मिसाइलें 2042 तक सैन्य सेवा में रहेंगी. यह एक साथ आठ परमाणु बम ले जा सकती है. यह मिसाइल करीब 21,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर सकती है.
तस्वीर: Reuters/U.S. Department of Defense/Missile Defense Agency
डॉन्गफेंग 31A (11,200 किमी)
1,000 किलोग्राम वजनी थर्मल न्यूक्लियर बम को ढोने वाली यह चीनी मिसाइल 2006 में सेना में शामिल की गई. पनडुब्बी से लॉन्च करने के लिए इसे एक वर्जन जुलांग-2 भी बनाया गया.
तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Aljibe
RT-2UTTKh टोपोल-M, (11,000 किमी)
यह रूसी मिसाइल टोपोल आईसीबीएम की एडवांस वर्जन है. यह बैलेस्टिक मिसाइल परमाणु विकिरण और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के दौरान भी काम कर सकती है. इसकी अधिकतम क्रूजिंग स्पीड 26.280 किलोमीटर प्रति घंटे बताई जाती है.
तस्वीर: Reuters/Ministry of Defence of the Russian Federation
मिनटमैन-3 (10,000 किमी)
यह मिसाइल जून 1970 से अमेरिकी सेना में शामिल है. एक साथ कई हथियार ले जाने और फिर से धरती की कक्षा में दाखिल होने की क्षमता वाली यह दुनिया की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल है. इसकी क्रूजिंग स्पीड 24,140 किमी प्रति घंटा बतायी जाती है.
तस्वीर: Getty Images
M51 ICBM, (10,000 किमी)
2010 में फ्रांसीसी सेना में शामिल की गई यह मिसाइल पनडुब्बी से छोड़ी जाती है. यह भी धरती की कक्षा में वापस लौटकर छह अलग अलग जगहों पर हमला कर सकती है.
तस्वीर: Pascal Saura/AFP/Getty Images
UR-100N (10,000 किमी)
रूस की यह मिसाइल बहुत ही पुरानी है. तत्कालीन सोवियत संघ ने यह मिसाइल शीतयुद्ध के दौरान 1975 में सेना में शामिल की. इसकी भार ढोने की क्षमता बहुत ज्यादा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
RSM-56 बुलावा (10,000 किलोमीटर)
रूसी नौसेना ने इस मिसाइल को परमाणु पनडुब्बी पर तैनात किया है. यह मिसाइल 500 मीटर दूर हुए परमाणु हमले में भी सुरक्षित रह सकती है.
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उत्तर कोरिया ने युद्धाभ्यास को भड़काऊ कदम करार दिया है. प्योंग्यांग की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यह युद्धाभ्यास कोरियाई प्रायद्वीप को "परमाणु युद्ध तक" घसीट सकता है. उत्तर कोरिया के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का प्रशासन "कोरियाई प्रायद्वीप पर खतरनाक परमाणु दांव खेलते हुए परमाणु युद्ध की भीख मांग रहा है."
नंवबर के अंत में उत्तर कोरिया ने अब तक की अपनी सबसे उन्नत अंतरमहाद्वीय बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया. उत्तर कोरिया का दावा है कि उसकी मिसाइल पूरे अमेरिका को अपनी जद में लेती है. उत्तर कोरिया के इस कदम के बाद पहले से तय युद्धाभ्यास को और व्यापक कर दिया गया. हालांकि अमेरिकी सेना के अधिकारियों को उत्तर कोरिया के दावे पर शक है. उन्हें लगता है कि भारी परमाणु बम वाली मिसाइल का इतनी लंबी दूरी तय करना मुश्किल है.
कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध के हालात तैयार हैं. अमेरिकी अधिकारी भी इस बात की चिंता जता रहे हैं कि उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच बढ़ती तल्खी किसी भी वक्त युद्ध करा सकती है.
(किसके पास, कितने एटम बम)
किसके पास, कितने एटम बम
दुनिया भर में इस वक्त नौ देशों के पास करीब 13,865 परमाणु बम हैं. हाल के सालों में परमाणु हथियारों की संख्या घटी है. चलिए देखते हैं कि किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं.
तस्वीर: Reuters
रूस
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में रूस सबसे आगे है. 1949 में पहली बार परमाणु परीक्षण करने वाले रूस के पास 6,500 परमाणु हथियार हैं.
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अमेरिका
1945 में पहली बार परमाणु परीक्षण के कुछ ही समय बाद अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु हमला किया. सिप्री के मुताबिक अमेरिका के पास आज भी 6,185 परमाणु बम हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/H. Jamali
फ्रांस
यूरोप में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार फ्रांस के पास हैं. उसके एटम बमों की संख्या 300 बताई जाती है. परमाणु बम बनाने की तकनीक तक फ्रांस 1960 में पहुंचा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J.-L. Brunet
चीन
एशिया में आर्थिक महाशक्ति और दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना वाले चीन की असली सैन्य ताकत के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन अनुमान है कि चीन के पास 290 परमाणु बम हैं. चीन ने 1964 में पहला परमाणु परीक्षण किया.
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ब्रिटेन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ब्रिटेन ने पहला परमाणु परीक्षण 1952 में किया. अमेरिका के करीबी सहयोगी ब्रिटेन के पास 200 परमाणु हथियार हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Kaminski
पाकिस्तान
अपने पड़ोसी भारत से तीन बार जंग लड़ चुके पाकिस्तान के पास 150-160 परमाणु हथियार हैं. 1998 में परमाणु बम विकसित करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध नहीं हुआ है. विशेषज्ञों को डर है कि अगर अब इन दोनों पड़ोसियों के बीच लड़ाई हुई तो वह परमाणु युद्ध में बदल सकती है.
तस्वीर: picture-alliance/AP
भारत
1974 में पहली बार और 1998 में दूसरी बार परमाणु परीक्षण करने वाले भारत के पास 130-140 एटम बम हैं. चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद के बावजूद भारत ने वादा किया है कि वो पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. साथ ही भारत का कहना है कि वह परमाणु हथियार विहीन देशों के खिलाफ भी इनका प्रयोग नहीं करेगा.
तस्वीर: Reuters
इस्राएल
1948 से 1973 तक तीन बार अरब देशों से युद्ध लड़ चुके इस्राएल के पास 80 से 90 नाभिकीय हथियार हैं. इस्राएल के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक है.
तस्वीर: Reuters/B. Ratner
उत्तर कोरिया
पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान की मदद से परमाणु तकनीक हासिल करने वाले उत्तर कोरिया के पास 20 से 30 परमाणु हथियार हैं. तमाम प्रतिबंधों के बावजूद 2006 में उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया.