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अमेरिका करेगा 90 हजार सैनिकों की छंटनी

२७ जनवरी २०१२

आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे अमेरिका ने 9/11 के बाद पहली बार सेना बजट में अरबों डॉलर की कटौती की योजना पेश की है. थल सेना में 70,000 से अधिक छंटनियां की जाएंगी. इसके अलावा युद्धपोतों को भी रिटायर किया जाएगा.

90,000 सैनिकों की छंटनीतस्वीर: picture-alliance/dpa

ओबामा प्रशासन की योजना कम खर्च कर छोटा, प्रभावशाली और तेज सेना बनाने की है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने गुरुवार को जो योजना पेश की है उसके अनुसार केंद्र सरकार के खजाने पर बोझ कम करने के लिए अगले पांच वर्षों में सैनिक खर्च में भारी कटौती की जाएगी. इराक और अफगानिस्तान के खर्चीले युद्धों के बाद खर्च पर काबू पाने के लिए थल सेना के 70,000 सैनिकों के अलावा 20,000 मरीन सैनिकों को भी निकाला जाएगा. सक्रिय सेना की संख्या इस समय के 5,62,000 से घटाकर 4,90,000 कर दी जाएगी. मरीन कोर की संख्या 20,2000 से घटाकर एक लाख 82,000 की जाएगी. इन कटौतियों का असर अमेरिका के सभी प्रांतों पर पड़ेगा.

रक्षा मंत्री लियोन पैनेटातस्वीर: Reuters

अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा ने पत्रकारों को वॉशिंगटन में बताया कि 2013 के नियमित बजट के लिए रक्षा मंत्रालय 525 अरब डॉलर मांगेगा, जो कांग्रेस द्वारा पास 2012 के बजट के मुकाबले छह अरब डॉलर कम है. 2013 के बजट में नौ प्रतिशत की कटौती की योजना है. नियमित बजट के अलावा अफगानिस्तान जैसे अभियानों के लिए 88.4 अरब डॉलर अलग से हैं.

पेंटागन की योजना इस महीने राष्ट्रपति ओबामा द्वारा घोषित की गई नई रणनीति के अनुरूप है जिसमें छोटी लेकिन तकनीकी रूप से सक्षम सेना की बात कही गई है जो चीन के उत्थान से पैदा होने वाले खतरों का मुकाबला करने के लायक होगी. पिछली गर्मियों में अमेरिकी कांग्रेस और व्हाइट हाउस अगले दस साल में सेना बजट में 487 अरब डॉलर की कटौती करने पर सहमत हुए थे.

आलोचना करते जॉन मैककेनतस्वीर: AP

रक्षा मंत्री पैनेटा ने कहा कि कांग्रेस की मांग को पूरा करने के लिए बजट में कटौती करना मुश्किल था, लेकिन ये कटौतियां इसलिए की जा रही हैं कि कांग्रेस की मनमानी कटौतियों को रोका जा सके. पैनेटा ने ईरान परमाणु खतरे सहित इस समय और मौजूद मुद्दों का जिक्र किया, जो अमेरिका और विश्व के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि संदिग्ध परमाणु सत्ता उत्तर कोरिया खतरा बना हुआ है. रक्षा मंत्री की राय में पश्चिम एशिया और आतंकवाद के खिलाफ चल रहा संघर्ष चिंता की वजह बने हुए हैं. उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि अमेरिकी सेना कटौतियों के बावजूद अपना वैश्विक प्रभुत्व बनाए रखेगी.

भविष्य में अमेरिकी सेना का ज्यादा ध्यान पश्चिम एशिया और पूर्वी एशिया पर होगा. इन कटौतियों से यह स्पष्ट नहीं है कि जर्मनी में अमेरिकी उपस्थिति पर क्या असर होगा. पैनेटा ने गुरुवार को सिर्फ इतना कहा कि यूरोप में चार ब्रिगेड में से दो को हटा दिया जाएगा लेकिन उन्होंने सैनिक अड्डों का नाम नहीं लिया है. जर्मनी में अमेरिकी सेना के तीन ब्रिगेड तैनात हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पलेटिनेट के बाउमहोल्डर और बवेरिया के ग्राफेनवोर में स्थित इंफैंट्री ब्रिगेड प्रभावित हो सकते हैं.

सैनिकों की संख्या घटायी जा रही है लेकिन ड्रोनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मानवरहित ड्रोनों की संख्या अगले सालों में तीस फीसदी तक बढ़ायी जाएगी. 2002 से 2011 के बीच अमेरिकी सेना ने ड्रोनों पर खर्च को 55 करोड़ डॉलर से पांच अरब डॉलर कर दिया है. ओबामा प्रशासन एफ35 प्रकार के लड़ाकू विमान खरीदने की योजना पर कायम है. लेकिन पैनेटा का कहना है कि बजट कम होने के कारण ऑर्डर देने में देरी होगी.

रिपब्लिकन सीनेटर और वियतनाम युद्ध के हीरो जॉन मैककेन ने पेंटागन की कटौतियों की आलोचना करते हुए उसे इतिहास की गल्तियों को दुहराया जाना करार दिया है. एक बयान में 2008 के राष्ट्रपति चुनाव में ओबामा को टक्कर देने वाले मैक्केन ने कहा कि उन्हें इस बात पर गहरी चिंता है कि "कटौतियां हमारी सेना को इतना छोटा कर देंगी कि आने वाले वर्षों घटनाओं से प्रभावकारी तरीके से निपटना मुश्किल होगा."

रिपोर्ट: डीपीए/महेश झा

संपादन: मानसी गोपालकृष्णन

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