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अमेरिका का हाईटेक खुफिया ड्रोन फिर अंतरिक्ष में

१८ मई २०२०

अमेरिकी वायु सेना ने रविवार को अपना हाईटेक ड्रोन अंतरिक्ष में एक बार फिर भेज दिया है. इसे वापस धरती पर लाकर दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

US Air Force testet Drohne X-37B
तस्वीर: AFP/US Air Force

अमेरिका ने अंतरिक्ष में एक्स-37बी नाम के ड्रोन को अंतरिक्ष में भेजा है. अंतरिक्ष में अमेरिका का यह गोपनीय मिशन छठी बार पृथ्वी की कक्षा में घूमने गया है. 2011 में अमेरिका ने एक मानवयुक्त अंतरिक्षयान भेजा था और यह ड्रोन उसी के छोटे रूप जैसा दिखता है. एयरफोर्स ने बताया है कि इसे फ्लोरिडा के केप कार्निवल से रविवार को भेजा गया. यह कई महीनों तक पृथ्वी की कक्षा में रह कर अलग अलग तरह के प्रयोग करेगा.

रविवार को अमेरिकी समय के मुताबिक सुबह 9 बज कर 14 मिनट पर विशाल एटलस वी लॉन्च व्हीकल ने ड्रोन को साथ लेकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी. अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने लॉन्च के कुछ ही देर बाद ट्वीट कर कहा, "एक्स-37बी रियूजेबल स्पेसक्राफ्ट के छठे अभियान के लिए बधाई." एक्स-37बी 29 फीट लंबा है और इसके डैनों का विस्तार करीब 15 फीट तक है.

2019 में वापस आया था एक्स-37बीतस्वीर: Reuters/U.S. Air Force

इस ड्रोन को ऑर्बिटल टेस्ट व्हीकल भी कहा जाता है. यह ड्रोन एक छोटे रिसर्च सेटेलाइट फाल्कन सैट 8 को भी वहां तैनात करेगा ताकि कुछ और प्रयोग किए जा सकें. अमेरिकी एयर फोर्स के प्रभारी मंत्री बारबरा बैरेट ने इस महीने की शुरुआत में अब तक गोपनीय रहे मिशन के बारे में कुछ जानकारी दी थी. अमेरिका ने हाल ही में यूएस स्पेस फोर्स भी बनाया है. बैरेट इसकी भी प्रमुख हैं. उनका कहना है, "यह एक्स 37 बी पिछले अभियानों की तुलना में ज्यादा प्रयोग करेगा."

इन प्रयोगों में बीजों और दूसरे मैटीरियल पर विकिरण के असर और सौर ऊर्जा को रेडियो फ्रीक्वेंसी माइक्रोवेव ऊर्जा में बदलने जैसे काम शामिल हैं. इस ऊर्जा को धरती पर भी पहुंचाया जा सकता है.

क्या यह ड्रोन जासूसी के लिए है

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने ड्रोन की तस्वीरें जारी की हैं लेकिन अब तक इस मिशन और इसकी क्षमता के बारे में बहुत कम जानकारी दी गई है. 2010 में पहले लॉन्च के बाद ही इस ड्रोन पर जासूसी करने का संदेह जताया गया. अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस आरोप को खारिज कर दिया. रक्षा विभाग का यह भी कहना है कि यह अभियान किसी अंतरिक्ष आधारित हथियार के विकास से भी नहीं जुड़ा है. 2012 में भी इस ड्रोन पर चीनी सेटेलाइट की जासूसी करने के आरोप लगे. बाद में अमेरिकी एयर फोर्स ने इन दावों को मानने से इनकार किया. इसके बाद भी कई और आरोपों और संदेहों का सिलसिला इस ड्रोन पर जारी रहा. 

यह अभियान 2010 में पहले लॉन्च के साथ शुरू हुआ था. सौरऊर्जा से चलने वाला ड्रोन पृथ्वी की कक्षा में लंबे समय तक रहा. इसकी पिछली उड़ान 80 दिन तक अंतरिक्ष में रहने के बाद अक्टूबर 2019 में पूरी हुई. इसके साथ कुल मिला कर यह ड्रोन पृथ्वी की कक्षा में 2,865 दिन बिता चुका है.

एनआर/एमजे(एएफपी)

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