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अमेरिका की ड्रोन राजनीति

२३ मई २०१३

अमेरिका में अंदरूनी विवादों के बीच राष्ट्रपति बराक ओबामा राष्ट्र की ड्रोन नीति पर अपना बयान देने वाले हैं. वह कुख्यात ग्वांतानामो जेल बंद करने की रूपरेखा भी पेश कर सकते हैं.

तस्वीर: Reuters/Jason Reed

कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति कई तरह के विवादों में घिरे. इनमें लीबिया में चार अमेरिकी नागरिकों की हत्या, राजस्व विभाग आईआरएस के कंजरवेटिव ग्रुपों की पड़ताल और कुछ पत्रकारों के बारे में डाटा जमा करने के मामले शामिल हैं. इन मुद्दों पर ओबामा प्रशासन की अच्छी खासी खिंचाई के बाद उनका कदम घरेलू मामलों से लोगों का ध्यान भटका सकता है.

राष्ट्रपति ओबामा के भाषण का मुद्दा नागरिक लोकतंत्र पर आधारित होगा. इसमें आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के दौरान पड़ने वाले दबावों को भी जरूर छुआ जाएगा. अमेरिका ने पाकिस्तान और यमन में खास तौर पर ड्रोन हमले किए हैं, जिनमें काफी लोगों की जान गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर और अमेरिका के भीतर भी इस पर खासा विवाद हो चुका है.

अमेरिकियों की भी मौत

इस बीच अमेरिका ने औपचारिक तौर पर मान लिया है कि उसके एक ड्रोन हमले में अमेरिकी नागरिकों की मौत हुई है. बुधवार को बताया गया कि 2009 से ड्रोन हमले शुरू किए गए हैं. यह बात पहले ही जगजाहिर हो चुकी है कि ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी नागरिकों की मौत हुई है. लेकिन एटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने इस खुले रहस्य को पहली बार सार्वजनिक किया.

उन्होंने डेमोक्रैटिक सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी के चेयरमैन पैट्रिक लेही को लिखे पत्र में बताया कि सरकार ने घात लगा कर अमेरिकी नागरिक अनवर अल अवलाकी को मार दिया है और तीन अन्य अमेरिकी नागरिकों के भी इस तरह मारे जाने की खबर सरकार के पास है.

अमेरिका का दावा था कि अल अवलाकी एक कट्टरपंथी धार्मिक नेता था, जिसे सितंबर 2011 में यमन में ड्रोन हमले में मार गिराया गया. इसी हमले में समीर खान की भी मौत हो गई. इसके अलावा अल अवलाकी के 16 साल के बेटे अब्दुल रहमान की भी यमन में ऐसे ही एक हमले में मौत हुई, जबकि चौथे मामले की जानकारी नहीं है.

तस्वीर: Reuters

ग्वांतानामो का मुद्दा

राष्ट्रपति ओबामा ऐसे वक्त में बोलने वाले हैं, जब ग्वांतानामो जेल में कैद 100 लोगों ने भूख हड़ताल कर रखी है. वहां बंद कैदियों में से ज्यादातर के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं और उन्हें सिर्फ शक के आधार पर वहां रखा गया है. राष्ट्रपति बनने के बाद ही ओबामा ने वादा किया था कि वह क्यूबा की धरती पर बनी इस जेल को हमेशा के लिए बंद करना चाहते हैं. हालांकि ऐसा नहीं हो पाया.

व्हाइट हाउस की एक अधिकारी ने कहा, "उनके (राष्ट्रपति ओबामा) ने अमेरिकियों से पारदर्शी रहने की प्रतिबद्धता जताई है और उसे समझाने के लिए वह बताएंगे कि ड्रोन हमलों सहित अल कायदा से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है." अधिकारी ने बताया कि ओबामा इस मुद्दे पर प्रकाश डालेंगे कि ड्रोन हमले क्यों जरूरी, कानूनी और उचित हैं.

अधिकारियों का कहना है कि ओबामा ग्वांतानामो बे की जेल को बंद करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराएंगे. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा, "राष्ट्रपति उन विकल्पों पर विचार कर रहे हैं जिससे वहां रहने वालों की संख्या कम की जा सके और धीरे धीरे उसे बंद किया जा सके." उन्होंने बताया कि एक विकल्प यह है कि बंदियों को उनके अपने देश भेजा जा सके.

ग्वांतानामो को बंद करने का मुद्दा राजनीतिक और कानूनी उलझन में फंसा है. रिपबल्किन पार्टी राष्ट्रपति ओबामा से सीधा जवाब चाहती है कि "वह उन आतंकवादियों का क्या करेंगे, जो बेहद खतरनाक हैं और उस जेल में बंद हैं, इस बात को कैसे पक्का करेंगे कि जिन्हें छोड़ा जा रहा है, वे दोबारा जंग में शामिल नहीं होंगे."

एजेए/एमजी (रॉयटर्स, एपी)

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