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अमेरिका के नलकों में जहरीला पानी

Milan Gagnon५ अगस्त २०१४

औद्योगिक देशों में नल के पानी को पीने के लिए सुरक्षित माना जाता है. लेकिन अमेरिका के ओहायो में सरकार ने चार लाख लोगों को नल का पानी पीने से मना किया है. क्यों कि यह पानी पीने लायक नहीं है.

Wasserglas wird am Wasserhahn gefüllt, vor weißem Hintergrund
तस्वीर: Fotolia/Artusius

ओहायो के टोलेडो इलाके में इन दिनों पानी का संकट है. इस इलाके को लेक एरी से पानी मिलता है. लेकिन झील में शैवाल की मात्रा बढ़ जाने से पानी पीने लायक नहीं रह गया है और स्थानीय लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले हफ्ते ट्रीटमेंट प्लांट में हुए टेस्ट में माइक्रोसिस्टिन टॉक्सिन की मात्रा सामान्य से कई गुना ज्यादा पाई गयी. वीकएंड में मेयर ने चेतावनी जारी की कि लोग नल का पानी ना पिएं. इसके बाद पानी की सप्लाई भी बंद कर दी गयी.

हालांकि अब तक किसी के बीमार होने का मामला सामने नहीं आया है, लेकिन जहरीले शैवाल से इंसान और जानवरों की सेहत पर असर पड़ने का खतरा बरकरार है. इस जहरीले पानी को पीने के बाद उल्टी और दस्त हो सकता है, चक्कर आ सकते हैं और कमजोरी हो सकती है. सरकार ने लोगों से अपील की है कि बच्चों को इस पानी में नहाने ना दें और अपने पालतू जानवरों को भी इससे दूर रखें.

लेक एरी में शैवाल की मात्रा बढ़ीतस्वीर: picture-alliance/AP Photo

इस खबर के सामने आने के बाद लोगों ने बाजार से पानी खरीदना शुरू कर दिया है. मिनरल वॉटर की बोतलों की बिक्री अचानक बढ़ गयी है. इलाके के सुपरमार्केटों में पानी के शेल्फ खाली पड़े हैं. कई लोग दूसरे राज्यों में जा कर पानी खरीदने पर मजबूर हो रहे हैं.

पानी उबालना खतरनाक

ओहायो के गवर्नर जॉन कैसीच ने इलाके में आपात स्थिति घोषित की है. उन्होंने लोगों तक साफ पानी पहुंचाए जाने के आदेश दिए हैं. साथ ही खाने के पैकेट भी मुहैया कराने को कहा है ताकि लोग शैवाल वाले पानी में खाना बनाने से बच सकें. इस शैवाल की अजीब बात यह है कि पानी को जितना उबाला जाए, इसके जहर का असर उतना ही बढ़ता रहता है. ऐसे में सरकार के खास निर्देश हैं कि लोग पानी उबाल कर पीने की गलती ना करें.

लोग पानी खरीदने पर मजबूरतस्वीर: picture-alliance/dpa

ओहायो की पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि गर्मियों के मौसम में झील में शैवाल की मात्रा बढ़ जाती है. खेतों में इस्तेमाल होने वाले फर्टिलाइजर और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में लगने वाले रसायन इनका मुख्य कारण हैं. ये शैवाल के लिए आहार का काम करते हैं. शैवाल पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को इतना कम कर देता है कि वहां मछलियों का जी पाना भी नामुमकिन हो जाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस तरह के मामले अमेरिका से पहले ऑस्ट्रेलिया, जापान, इस्राएल और जर्मनी में भी दर्ज किए गए हैं.

आईबी/एमजे (एपी, रॉयटर्स)

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