पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति क्यों जाना चाहते हैं उत्तर कोरिया?
११ अक्टूबर २०१७
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव का फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. लेकिन इस तनावपूर्ण माहौल में भी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर उत्तर कोरिया जाना चाहते हैं.
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उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच टकराव बढ़ रहा है. आये दिन दी जाने वाली धमकियों और दोनों देशों के नेताओं की तल्ख बयानबाजी ने माहौल और भी खराब कर दिया है. लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर इस स्थिति में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के इच्छुक हैं. उनकी इच्छा है कि वे एक बार उत्तर कोरिया जायें और कोरियाई शासक किम जोंग उन के साथ बैठ कर विवादों पर शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत करें. कार्टर की इस इच्छा का खुलासा करते हुए जॉर्जिया यूनिवर्सिटी के दक्षिण कोरियाई प्रोफेसर पार्क हान-शिक ने कहा कि कार्टर ने बीते सितंबर उनसे मुलाकात में कहा था कि वे तनावग्रस्त माहौल में सकारात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं. वे कोरियाई प्रायद्वीप में पैदा होते तनाव को कम करना चाहते हैं, जैसा कि उन्होंने साल 1994 में किया था.
पार्क ने बताया कि कार्टर किम जोंग उन से निजी मुलाकात कर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच संभावित शांति समझौते व कोरियाई परमाणु कार्यक्रम पर पूर्ण प्रतिबंध से जुड़ी चर्चा करना चाहते हैं.
अंतिम उद्देश्य
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
उत्तर कोरिया पर सात दशकों से किम परिवार ही राज कर रहा है. सरकारी मीडिया में किम इल सुंग, किम जोंग इल और किम जोंग उन का देवताओं की तरह गुणगान होता है. एक नजर उत्तर कोरियाई शासकों से जुड़े मिथकों पर.
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युवा नेता
किम इल सुंग ने 1948 में सोवियत संघ की मदद से सत्ता हासिल की थी. उत्तर कोरिया में आधिकारिक कैलेंडर 1912 में उनके जन्म के साथ शुरू होता है. 1953 की इस तस्वीर में किम इल सुंग उस समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं जिसके चलते कोरिया युद्ध थमा. उस समय वह 43 साल के थे.
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प्रोपेगेंडा
युद्ध के बाद के वर्षों में उत्तर कोरिया की प्रोपेगेंडा मशीनरी ने कड़ी मेहनत से किम इल सुंग के इर्द गिर्द मिथक रचे. उनके बचपन और 1930 में जापानी सैनिकों से लड़ने के दौरान उनके समय को महिमामंडित किया गया. 1980 की पार्टी कांग्रेस में उन्होंने अपने बेटे किम जोंग इल को उत्तराधिकारी घोषित किया.
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अधूरे संस्मरण
1992 में किम इल सुंग ने अपनी यादों को लिखना और प्रकाशित करना शुरू किया. उनका दावा था कि वह छह वर्ष की आयु में जापान विरोधी युद्ध में शामिल हुए और 8 साल की उम्र में उन्होंने आजादी के संघर्ष में हिस्सा लिया. 1994 में किम इल सुंग की मौत के बाद उनके ये संस्मरण अधूरे रह गये.
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पिता के पदचिन्हों पर
शासन व्यवस्था में बरसों तक उच्च पदों पर रहने के बाद किम जोंग इल ने अपने पिता किम इल सुंग की मौत के बाद देश की सत्ता संभाली. 16 वर्ष के उनके शासन में उत्तर कोरिया सूखे और आर्थिक संकटों का सामना करता रहा. हालांकि उनका और उनके पिता का महिमामंडन इस दौरान और ज्यादा हुआ.
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उभरता सितारा
उत्तर कोरिया से बाहर से इतिहासकारों का कहना है कि बहुत संभव है कि 1941 में किम जोंग इल का जन्म उत्तरी रूस में एक सैन्य शिविर में हुआ. हालांकि उनकी आधिकारिक जीवनी कहती है कि उनका जन्म अपने पिता के जन्म से ठीक 30 साल बाद 15 अप्रैल 1942 को कोरिया के पवित्र पर्वत पाएकतु पर हुआ. उत्तर कोरिया में कहा जाता है कि एक नये सितारे और दोहरे इंद्रधनुष ने उनके जन्म पर आशीष दिया था.
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परिवार
किम जोंग इल के तीन अलग अलग महिलाओं से तीन बेटे और दो बेटियां थीं. 1981 में ली गयी इस तस्वीर में किम जोंग इल अपने बेटे किम जोंग नाम के साथ हैं. उनके पीछे उनकी एक रिश्तेदार अपनी दो बच्चों के साथ देखी जा सकती हैं. किम जोंग नाम को 2017 में कत्ल कर दिया गया था.
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उत्तराधिकारी की तैयारी
2009 में पश्चिमी मीडिया ने खबर दी कि किम जोंग इल ने अपने सबसे छोटे बेटे किम जोंग उन को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. 2010 में ली गयी इस तस्वीर में एक सैन्य परेड के दौरान पिता-पुत्र को एक साथ देखा जा सकता है. इसके एक साल बाद किम जोंग इल का निधन हो गया था.
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साथ साथ
उत्तर कोरियाई मीडिया के अनुसार 2011 में किम जोंग इल की मौत के समय कई रहस्यमयी घटनाएं घटीं. उसके मुताबिक अचानक आये बर्फीले तूफान के बीच पाएकतू पर्वत पर झील में बड़ी तेजी से बर्फ टूटी थी और चट्टान पर एक संदेश भी उभरा था. किम की मौत के बाद प्योंगयांग में उनकी 22 मीटर ऊंची प्रतिमा उनके पिता की प्रतिमा के साथ लगायी गयी.
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रहस्यमयी अतीत
सत्ता संभालने से पहले किम जोंग उन ज्यादातर सुर्खियों से दूर ही रहते थे. उनकी सही उम्र कितनी है, उस पर विवाद है. लेकिन माना जाता है कि उनका जन्म 1982 से 1984 के बीच हुआ. बताया जाता है कि उनकी पढ़ाई स्विट्जरलैंड में हुई. 2013 में अमेरिकी बास्केटबॉल स्टार डेनिस रोडमैन से प्योंगयांग में मुलाकात कर उन्होंने दुनिया के चौंका दिया था.
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नया फरिश्ता
उत्तर कोरिया का मीडिया किम इल सुंग और किम जोंग इल की तरह किम जोंग उन की तारीफ में कसीदे पढ़ते नहीं थकता. 2015 में दक्षिण कोरिया के मीडिया ने खबर दी कि उत्तर कोरिया में जारी एक दस्तावेज के मुताबिक किम जोंग उन ने 3 साल की उम्र में ड्राइविंग शुरू कर दी थी. यही नहीं, माउंट पाएकतु पर युवा नेता के लिए एक स्मारक भी बनाया जायेगा.
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हाइड्रोजन बम
किम जोंग उन ने युवा अवस्था में ही सत्ता संभाल ली और अपने पिता और दादा की तरह उन्हें उतना अनुभव भी नहीं था, लेकिन फिर भी वह सत्ता पर पकड़ बनाने में कामयाब रहे. उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को वह लगातार आगे बढ़ा रहे हैं, जिसने दुनिया की नाक में दम कर रखा है.
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उन्होंने कहा कि कार्टर का लक्ष्य कोरियाई प्रायद्वीप में शांति स्थापित करना है. विश्लेषकों के मुताबिक उत्तर कोरिया इन वार्ता संभावनाओं का स्वागत कर सकता है. विश्लेषक मानते हैं कि ऐसी वार्ताएं न सिर्फ उत्तर कोरियाई प्रशासन के लिए प्रचार का साधन होंगी, बल्कि कोरियाई नेता किम जोंग उन के शासन को वैधता भी प्रदान करेंगी. इन वार्ता संभावनाओं को चीन और रूस की सरकारों का भी समर्थन मिल सकता है क्योंकि ये दोनों ही देश अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच चल रही तीखी बयानबाजी को समाप्त करने की पैरवी कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त वॉशिंगटन में भी एक बड़ा धड़ा बातचीत की सभी संभावनाओं को खंगालने का पक्षधर है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, किसी पूर्व नेता को इस तरह की तवज्जो देने के पक्षधर होंगे या नहीं, इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है.
खबरों मुताबिक, सितंबर में एक अमेरिकी अधिकारी, कार्टर के घर पर ट्रंप का संदेश लेकर पहुंचे थे, जिसमें पूर्वोत्तर एशिया में बिगड़ती स्थिति और अमेरिकी राष्ट्रपति की कमजोर होती स्थिति पर चर्चा की गयी थी.
पिछले हफ्ते कार्टर ने वॉशिंगटन पोस्ट में छपे अपने लेख में कोरियाई प्रायद्वीप की मौजूदा स्थिति का भी जिक्र किया था. उन्होंने इस मसले को "विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा" कहा था. उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि प्योंगयांग और वॉशिंगटन, बढ़ते तनाव को कम करने और स्थायी व शांतिपूर्ण समझौते तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता खोजें." लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का रुख इससे ठीक उलट है. संयुक्त राष्ट्र में ट्रंप ने उत्तर कोरिया पर निशाना साधते हुए कहा था, "अगर उत्तर कोरिया अपने परमाणु विकास कार्यक्रम को आगे बढ़ाता है तो अमेरिका उसे पूरी तरह समाप्त कर देगा."
टोक्यो की टैंपल यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर जैम्स ब्राउन के मुताबिक, "उत्तर कोरिया चाहता है कि अमेरिका उससे बात करने आगे आयें. क्योंकि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अगर अमेरिका अपना स्टैंड बदलता है और गैर परमाणु उत्तर कोरिया की अपनी प्रतिबद्धता को छोड़ता है तो वह उत्तर कोरिया के लिए किसी जीत से कम नहीं होगा."
पिछले कदम
ब्राउन ने कहा, "कार्टर और किम जोंग उन के बीच कोई भी बातचीत आम आधिकारिक वार्ता नहीं होगी, बल्कि यह उत्तर को और अधिक वैधता देना होगा, जो वो चाहता है." कार्टर का पिछला रिकॉर्ड इस पूरे मामले को और भी दिलचस्प बना देता है. साल 1994 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिटंन, उत्तर कोरिया के परमाणु रिएक्टर पर हमले की योजना तैयार कर रहे थे उस दौरान भी कार्टर ने इस मसले में दखल दिया था. कार्टर उस साल जून में प्योंगयांग गए थे और उन्होंने तात्कालीन शासक किम इल सुंग के साथ परमाणु कार्यक्रम पर एक समझौता किया था. इसके चार महीने बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम को खत्म कर लिया. साल 2010 में एक बार कार्टर ने एक अमेरिकी नागिरक को उत्तर कोरियाई जेल से निकालने की बातचीत प्रक्रिया में दखल दिया था. विशेषज्ञ मानते हैं अब भी तनाव कम करने के लिए बातचीत का विकल्प ही सबसे बेहतर है.
ज्यूलियन रेयाल/एए
किम जोंग उन के पास क्या क्या है
उत्तर कोरिया में जहां आम लोग कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं, वहीं देश के नेता किम जोंग उन के ऐशो आराम में कोई कमी नहीं है. चलिए देखते हैं उनके पास क्या क्या है.
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कुमसुसान पैलेस
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के पूर्वोत्तर छोर पर यह शानदार महल स्थित है, जिसे देश के संस्थापक किम इल सुंग का मकबरा भी कहा जाता है. दुनिया में किसी कम्युनिस्ट नेता को समर्पित यह सबसे बड़ा महल है. महल की उत्तरी और पूर्वी दिशाओं की तरफ एक गहरी खायी बनी है.
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होटल रयुगयोंग
रयुगयोंग दुनिया के सबसे बड़े होटलों में से एक है जिसमें 105 मंजिलें हैं. पिरामिड के आकार वाले इस होटल का निर्माण 1987 में शुरू हुआ था. उस वक्त देश पर किम इल सुंग का राज था जो मौजूदा नेता किम इल सुंग के दादा थे. हालांकि यह होटल अब तक अधूरा है.
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आसमानी ताकत
उत्तर कोरिया के पास अलग अलग तरह के लगभग 1000 विमान हैं जिनमें से ज्यादातर सोवियत संघ या चीन में बने हैं. इनमें हमलावर हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और ड्रोन भी शामिल हैं. किम जोंग उन के पास एसएएम और ट्रिपल ए सिस्टम जैसे कई एयर डिफेंस सिस्टम भी हैं.
तस्वीर: Reuters/Kcna
स्की रिजॉर्ट
किम जोंग उन के आदेश पर समुद्र तल से 1,360 मीटर की ऊंचाई पर मासिक नाम की जगह पर एक स्की रिजॉर्ट बनवाया गया है. यहां हजारों तादाद में सैलानी आते हैं. जाहिर है उन सभी पर उत्तर कोरिया की सेना सख्त निगरानी रखती है. यहां सैलानियों के लिए 120 कमरों वाला एक होटल है.
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खुफिया मोबाइल नेटवर्क
बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में एक खुफिया मोबाइल नेटवर्क है जो सिर्फ किम जोंग उन और उनके करीबी लोगों के लिए ही है. उत्तर कोरिया के कोरियोलिंक नेटवर्क के टेक्नीकल डायरेक्टर रहे अहमद अल-नोआमेनी के मुताबिक आम लोग इस नेटवर्क को इस्तेमाल नहीं कर सकते.
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प्राइवेट द्वीप
देश के तटीय इलाके में एक गोपनीय द्वीप है. किम जोंग उन के मेहमान बन कर उत्तर कोरिया गये कई अमेरिका सेलिब्रिटीज को इसी द्वीप पर रखा गया था. बताया जाता है कि यहां पर मौज मस्ती का सब इंतजाम है और किम जोंग उन के लिए एक खास हेलीकॉप्टर फील्ड भी है.
तस्वीर: Tourism DPRK
गोल्फ कोर्स
जोंग उन के उत्तर कोरिया में कुछ बेहतरीन गोल्फ कोर्स हैं. सरकारी कर्मचारी इन्हें हमेशा चकाचक रखते हैं. गोल्फ के अलावा उत्तर कोरिया में फुटबॉल, बास्केटबॉल, आइस हॉकी और कुश्ती लोकप्रिय खेल हैं. ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया ने 16 स्वर्ण, 16 रजत और 24 कांस्य पदकों को मिलाकर कुल 56 मेडल जीते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Kyodo
सैन्य पोत
उत्तर कोरिया के नौसैनिक बेड़े में कई युद्धपोत, गश्ती नौकाएं और बड़े सैन्य शिप शामिल हैं. अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना उत्तर कोरिया की अहम प्राथमिकताओं में शामिल है. परमाणु हथियारों की तरफ बढ़ते उसके कदम अमेरिका समेत पूरी दुनिया के लिए चुनौती हैं.
तस्वीर: REUTERS/KCNA
लग्जरी कारें
बताया जाता है कि 2014 में किम जोंग उन ने जमकर खरीददारी की. लगभग 1.6 करोड़ डॉलर तो उन्होंने कारें खरीदने पर ही खर्च किये. इन कारों में मर्सडीज बेंज लिमोजीन और लग्जरी स्पोर्ट्स कारें शामिल थीं. यह सभी कारें उत्तर कोरिया पर लगाये संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में शामिल हैं.
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पियानो के शौकीन
बताया जाता है कि किम जोंग उन के पास 20 से ज्यादा पियानो हैं जो उनके "साम्राज्य" में फैले अलग अलग घरों में रखे हैं. अफवाहें तो यहां हैं कि वह रोज पियानो बजाते हैं और अगर कोई गलती हो जाये तो दोष पियानो का है, किम का नहीं. (तस्वीर सांकेतिक है)
तस्वीर: AP
पनडुब्बियां
किम जोंग उन के पास सोवियत जमाने की कुछ पुरानी पनडुब्बियां हैं. सोवियत विस्की पनडुब्बियों के अलावा उत्तर कोरिया के पास दर्जनों चीनी रोमियो पनडुब्बियां भी हैं. कुछ पनडुब्बियां उत्तर कोरिया की सेना ने खुद भी तैयार की हैं.