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अमेरिका, जॉर्जिया और रूस - उलझे हुए समीकरण

गुलशन मधुर, वॉशिंग्टन२५ दिसम्बर २००८

जॉर्जिया और अमेरिका के बीच 4 जनवरी को सामरिक समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा के बाद रूस के साथ तनाव में तेज़ी का ख़तरा बढ़ गया है.

रूसी हमले के बाद जॉर्जिया और अमेरिकी झंडों के साथ प्रदर्शनतस्वीर: AP

अमेरिका और रूस के संबंधों में जारी तनाव गुरुवार को जॉर्जिया के विदेशमंत्री द्वारा की गई घोषणा के परिणाम में और भी तीखा होने की संभावना है. इस वक्तव्य के अनुसार अमेरिकी विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राइस और जॉर्जिया के विदेशमंत्री 4 जनवरी को वॉशिंग्टन में एक सामरिक-साझेदारी-समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. हाल ही में अमेरिका ने यूक्रेन के साथ ऐसी ही एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं.

राष्ट्रपति मिखाइल साकाशविली ने कहा ऐतिहासिक समझौतातस्वीर: AP

जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिख़ाइल साकाश्विली इस संधि को एक ऐतिहासिक क़दम बता रहे हैं जो दोनों देशों की प्रगति को एक नए चरण में ले जाएगा. प्रगति के एक नए चरण की साकाशविली की परिकल्पना का भविष्य में स्वरूप क्या होगा, यह फ़िलहाल कहना मुश्किल है. यह ज़रूर है कि अमेरिका ने सामरिक साझेदारी के ऐसे ही समझौतों पर ऐस्टोनिया, लैटविया और लिथुएनिया के साथ भी हस्ताक्षर किए थे. बाद में ये तीनों देश नाटो संधि में शामिल कर लिए गये.

नाटो के विस्तार, मध्य योरप में एक मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात करने के अमेरिका प्रस्ताव और फिर यूक्रेन और जॉर्जिया के साथ सामरिक संधियों पर हस्ताक्षर. रूस ऐसे क़दमों को अपने क्षेत्र में अपना प्रभाव कम किए जाने के रूप में देखता है. नतीजे में रूस की नाराज़गी के कारण वॉशिंग्टन और मॉस्को के संबंधों में जारी तनावों का और गहरा होना स्वाभाविक है.

रूस ने अमेरिका को एक जवाबी चुनौती के रूप में उसके पड़ोस में अपने नौसैनिक पोत तक भेजे, वैनेज़ुएला के साथ संयुक्त अभ्यास करने के लिए. लेकिन यह भी स्पष्ट है कि रूस की दिलचस्पी दोनों देशों के संबंधों में आ रही दरार को और गहरा करते जाने में नहीं है. यह क़ाबिलेग़ौर है कि रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति निर्वाचित बराक ओबामा के कार्यभार संभालने पर उनसे जल्दी ही मिलने की इच्छा का संकेत भी दिया है.

जॉर्जिया में संयुक्त अभ्यास करते अमेरिकी और जॉर्जियाई सैनिकतस्वीर: picture-alliance/dpa

ओबामा कह चुके हैं कि वह अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बारे में विश्व के नेताओं से बिलाशर्त मिलने को तैयार हैं. लेकिन अमेरिका की मौजूदा आर्थिक समस्याओं और दो युद्धों में उसके उलझाव के कारण रूस के नेताओं से उनकी जल्दी मुलाक़त लाज़िमी नहीं जान पड़ती. फिर यह कहना भी मुश्किल है कि रूस के प्रति मौजूदा अमरीकी नीति में ओबामा के कितना परिवर्तन करने की संभावना है.

इस महीने पहले ओबामा ने कहा था कि उनकी सरकार, जहां भी संभव होगा, मॉस्को के साथ सहकार बरतने की कोशिश करेगी, लेकिन साथ ही ओबामा ने यह भी कहा कि अमेरिका को एक स्पष्ट संदेश भेजना चाहिए कि रूस जॉर्जिया और अपने अन्य पड़ोसियों के साथ धौंसबाज़ी का रवैया न अपनाए.

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